Maa Sex Kahani माँ का आशिक
10-08-2020, 02:14 PM,
RE: Maa Sex Kahani माँ का आशिक
आखिरकार इंतजार खत्म हुआ और शादाब जैसे ही स्टेशन से बाहर निकला तो उसे सामने रेशमा खड़ी हुई दिखाई दी। जैसे ही दोनो की नजरे टकराई तो रेशमा ने उसे स्माइल दी।

रेशमा ने शादाब को एक प्यारी सी स्माइल दी और शादाब भी अपनी बुआ को देखकर मुस्कुराए बिना नहीं रह सका।

रेशमा:" बहुत प्यारे लग रहे हो शादाब आज किसी पर बिजली गिराने का इरादा है क्या ?

शादाब:" नहीं बुआ बस आपसे ही तो मिलने अाया हूं , जो भी गिरेगा आप पर ही गिरेगा।

रेशमा अपनी आंखो को हैरानी से बड़ा करते हुए:"

" जो भी मतलब? बिजली कम हैं क्या जो तू कुछ और भी गिराना चाहता है मेरे उपर?

शादाब उसके जिस्म को उपर से नीचे तक घूर कर बोलता हैं:"

" बुआ बुरा मत मानना लेकिन आप हैं बहुत खूबसूरत, देखो ना आपकी और लंबाई बिल्कुल बराबर हैं

रेशमा:" आखिरकार है तू मेरा ही खून शादाब, चल अा जा अब अपनी बुआ के गले लग जा, कब तक ऐसे ही दूर खड़े होकर बात करता रहेगा ?

शादाब रेशमा की तरफ आगे बढ़ा और जैसे ही उसके गले लगने के लिए हाथ खोले तो शादाब का मोबाइल बज उठा। शहनाज़ का फोन था जो उसने शायद अपने बेटे को रेशमा के गले लगने से रोकने के लिए किया था। शहनाज़ का फोन देख कर शादाब जैसे होश में अा गया और उसके हाथ अपने आप बंद हो गए और चेहरे पर गंभीरता छा गई।

शादाब:" सलाम अम्मी, कैसी हैं आप ?

शहनाज़:" सलाम बेटा, भूल गया क्या अपनी मा को ? पांच घंटे से फोन नहीं किया तूने।

शादाब:" नहीं अम्मी, अपनी का को भी कोई भूलता है क्या भला ?

शहनाज़:" तो फिर फोन क्यों नहीं किया तूने ?

रेशमा गाड़ी का दरवाजा बहुत प्यार से खोल चुकी थी और उसने शादाब को कार में बैठने का इशारा किया तो शादाब कार में बैठ गया और रेशमा ने कार घर की तरफ बढ़ा दी।

शादाब:" अम्मी मैं अजय के साथ शादी में अा गया था इसलिए ध्यान नहीं रहा ?

शहनाज़ के दिल में एक टीस सी उठी और वो बोली:"

" यहां मुझे अकेली छोड़ गया और वहां शादी में तितलियां देख रहा होगा। फिर मेरी कहां याद आएगी ?

शादाब जानता था कि रेशमा के कान शादाब के मुंह से निकले हुए एक एक शब्द पर लगे हुए है इसलिए वो बहुत सोच समझ कर बोल रहा था।

शादाब:" नहीं अम्मी, आप तो दुनिया की सबसे प्यारी अम्मी हो, बस अजय अपने परिवार और दोस्तों से मिलवा रहा था।

शहनाज़:" अजय एक अच्छा लड़का हैं, बेटा तुम वहां ज्यादा किसी से मतलब मत रखना।

रेशमा की कार शहर से बाहर निकल चुकी थी और अब हाईवे पर अंधेरा था इसलिए रेशमा ने कार को साइड में लगा दिया। शादाब का सारा ध्यान शहनाज़ की बातो पर लगा हुआ था इसलिए उसे पता ही नहीं चल पाया कि रेशमा ने कब गाड़ी रोकी और उसके लंड को पेंट की चैन खोलकर बाहर निकाल लिया!

शादाब:" अम्मी आप फिक्र मत करो, आपको अपने बेटे पर यकीन होना चाहिए।

रेशमा ने अपना मुंह खोला और लंड के सुपाड़े को मुंह में भर लिया तो शादाब को एक झटका सा लगा और रेशमा बिना देर किए हुए सुपाड़े पर अपनी जीभ रगड़ते हुए उसे चूसने लगी। शादाब से ये मस्ती भरा एहसास बर्दाश्त नहीं हुआ और उसके मुंह से ना चाहते हुए भी एक आह निकल गई।

शहनाज़:" अपने बेटे पर भी यकीन हैं और उससे कहीं ज्यादा अपने शौहर पर मेरे शादाब, शादाब क्या हुआ ? तुम ठीक तो हो बेटा ?

शहनाज़ की बात सुनकर शादाब को अपने उपर गुस्सा आया कि वो ये सब गलत कर रहा हैं लेकिन तब तक रेशमा ने आधे से ज्यादा लंड को अपने मुंह में भर कर चूसना शुरू कर दिया तो शादाब के हाथ अपने आप रेशमा के सिर को लंड पर दाबने लगे।

शहनाज़ जोर से बोलते ह हुए:"

" शादाब बोलो मेरे बेटा, क्या हुआ तुम्हे ?

शादाब एकदम से जैसे नींद से जागा और बोला:"

" कुछ नहीं अम्मी पैर मुड गया था मै बाद में करता हूं, अजय ओ अजय के बच्चे !!

शादाब ने जान बूझकर एक्टिंग करते हुए फोन काट दिया। शहनाज़ बेचारी परेशान हो रही थी कि शादाब को ज्यादा चोट तो नहीं लगी और यहां शादाब रेशमा के मुंह को पूरी ताकत से लंड पर दबा दिया। लंड एक झटके के साथ रेशमा के मुंह में घुसता चला गया और रेशमा का मुंह पूरी तरह से खुल गया। उसने अपनी नजर उठाकर शादाब की तरफ देखा और उसकी आंखो में देखते हुए लंड को चूसने लगी। लंड पूरी तरह से फस फस कर घुस रहा था जिस कारण दोनो को बहुत अच्छा लग रहा था।

रेशमा ने शादाब के लंड पर जीभ रगड़ दी तो शादाब के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगीं।

" आह मेरी बुआ रेशमा, उफ्फ कितनी अच्छी हो तुम, चूस लो शादाब का लोला,

शहनाज़ समझ गई कि उसकी मेहनत रंग ला रही हैं और शादाब अब पूरी तरह से बहक गया है इसलिए उसने जोर जोर से लंड को चूसना शुरू कर दिया तो शादाब का लंड जोर जोर से झटके खाने लगा और उसका पूरा जिस्म मस्ती से भर उठा। शादाब को लगा जैसे वो हवा में उड़ रहा हैं और उसका लंड फटने वाला हैं तो उसने पूरी ताकत से रेशमा के सिर को लंड पर दबा दिया और लंड उसके हलक में उतरता चला गया और शादाब ने शहनाज़ की चूत को मुट्ठी में भर कर जोर से दबा दिया और शादाब का मुंह मस्ती से खुलता चला गया
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