Maa Sex Kahani माँ का आशिक
10-08-2020, 02:16 PM,
RE: Maa Sex Kahani माँ का आशिक
शहनाज़ उसकी चाल समझ गई और उसका हाथ जोर से दबाते हुए बोली:" उफ्फ बातो में तो तुझसे कोई नहीं जीत सकता।
अच्छा खाना बन गया हैं तू दादी दादा को खिला दे और मैं शहर जाने के लिए तैयार हो जाती हूं।

शादाब दादा दादी के लिए खाना लेकर अा गया और शहनाज़ नहाने के लिए बाथरूम में घुस गई। शहनाज़ ने अपने सब कपडे उतार दिए और देखा कि उसकी चूत पर बाल उग आए थे और बालो में उसकी चूत छिप सी गई थी। शादाब के चले जाने के बाद शहनाज़ को चूत की सफाई की जरूरत ही नहीं पड़ी लेकिन आज एक जानती थी आज की आज उसके लिए सुहागरात से कम नहीं होने जा रही है इसलिए उसने अपनी अपनी चूत साफ करने के लिए क्रीम लगाकर छोड़ दिया और थोड़ी देर बाद उसकी चूत एक दम चिकनी हो गई । शहनाज़ ये देख कर मुस्करा उठी और कपडे पहन कर बाहर आ गई।

शादाब दादा दादी को खाना खिला चुका था इसलिए वो भी जल्दी ही उपर जाकर तैयार किया गया और थोड़ी देर बाद ही दोनो शहर की तरफ चल दिए।

दूसरी तरह आज रेहाना को जमानत मिल जानी लगभग तय थी और कोर्ट लगने में बस थोड़ा ही टाइम बचा हुआ था। शादाब और शहनाज़ रेहाना के घर से सामने से निकल रहे थे और दोनो आपस में खुश होकर बाते करते हुए जा रहे थे। काजल ये सब देख कर गुस्से से लाल हो गई और सोचने लगी कि बस हो जाओ कितना खुश होना हैं तुम दोनो को क्योंकि आज की रात तुम्हारी ज़िन्दगी की आखिरी रात होगी।

लेकिन होनी को कौन टाल पाया और आज वकील एसोसिएशन ने अपनी मांगो को लेकर हड़ताल कर दी और मोहन सिंह को इसमें शामिल होना पड़ा जिसके चलते आज कोर्ट की कार्यवाही नहीं हो पाई और काजल और रेहाना के सारे अरमान धरे के धरे रह गए।

काजल:" रेहाना तुम बस एक बार कहो मैं आज ही उसके सारे खानदान को तबाह कर दूंगी।

रेहाना:" तुझसे ज्यादा आग तो मेरे अंदर सुलग रही हैं लेकिन दो दिन और जी लेने दे उन्हें। उसके बाद मैं अच्छे से उस शादाब को सबक सिखा दूंगी कि रेहाना से उलझने का अंजाम क्या होता हैं।

काजल गुस्से से अपनी मुट्ठी दीवार में मारते हुए बोली:"

"ये साली स्ट्राइक भी आज ही होनी थी अब तो कमीने ईद पर कल खुशियां मना रहे होंगे और हम दोनों बहने एक दूसरे से मिल भी नही पायेगी।

रेहाना के होंठो पर एक ज़हरीली मुस्कान फैल गई और बोली:'

"मनाने दे काजल उन्हें ईद की खुशियां क्योंकी ये उन बेचारों की ज़िन्दगी की आखिरी ईद होगी।

इतना कहकर रेहाना जोर जोर से ठहाका लगाकर हंसने लगी तो काजल के होंठो पर खूंखार स्माइल अा गई और वो बोली उसकी हंसी में शामिल हों गई। जेल में बंद दूसरे लोग उन्हें बड़ी हैरानी से देख रहे थे।

दूसरी तरफ शादाब और शहनाज़ शहर पहुंच गए और शादाब ने बड़े मॉल के सामने गाड़ी रोक दी और दोनो मा बेटे अंदर घुस गए। एस्केलेटर देखकर शहनाज़ मुस्कुरा दी और शादाब का हाथ पकड़ते हुए उस पर सवार हो गई तो दोनो एक साथ मुस्कुरा दिए।

शहनाज़ ने अपनी पसंद से सबसे पहले दादा दादी जी के लिए बेहतरीन कपडे खरीद लिए और उसके बाद अब बारी थी शहनाज़ के लिए कपडे खरीदने की तो शादाब उसे आज एक लेटेस्ट फैशन शॉप में ले गया तो सेल्स गर्ल ने एक स्माइल के साथ उनका स्वागत किया !

गर्ल:" आइए मैडम सर, आप यहां आए तब के सबसे खूबसूरत कपल हैं।

शहनाज़ ने शादाब की तरफ देखा तो दोनो सेल्स गर्ल की बात सुनकर मुस्करा दिए। शादाब बोला:"

" मैडम मुझे मेरी पत्नी के लिए कुछ लेटेस्ट फैशन की लिंगरी दिखाइए ब्लैक रंग में !!

सेल्स गर्ल ने देखते हुए देखते उनके सामने एक से बढ़कर एक काले रंग की लिंगरी की लाइन लगा दी और शादाब उन्हें देखने लगा तो शहनाज़ शर्मा गई क्योंकि ये सभी ड्रेस बहुत छोटी थी और उसके शरीर को ढक पाने में सक्षम नहीं थी।

शादाब ने तीन सबसे खूबसूरत लिंगरी शहनाज़ के लिए पसंद कर ली तो शहनाज़ मुंह नीचे किए हुए ही बोली:"

" शादाब, ये तो बहुत ज्यादा छोटी हैं कुछ भी नहीं छुपा पायेगी।

शादाब:" ओह कौन कमबख्त चाहता हूं आपके खूबसूरत अंग इसमें छुपे, बहुत अच्छी लगेगी आपको ये शहनाज़।

शाहनाज अपने बेटे की ज़िद के आगे ज्यादा कुछ नहीं कर पाई और ना चाहते हुए भी वो छोटी ड्रेस खरीद ली। उसके बाद दोनो ने शादाब के लिए कपडे खरीदे और कोई 3 बजे के आस पास दोनो घर की तरफ लौट पड़े।

रास्ते में से शहनाज़ ने शादाब को बहुत सारे फल और खजूर खरीदने के लिए कहा तो शादाब ने एक बहुत बड़ी मात्रा में फल खरीद लिए। कोई 5 बजे तक कोई मा बेटे घर पहुंच गए और सभी फलो को नीचे ही रख दिया। शहनाज ने दादा दादी को कपडे दिखाए और दादा दादी दोनो बहुत खुश हुए।

शहनाज़:" बेटा शादाब तुम अपने दादा दादी के साथ मिलकर ये फल गांव में लोगो में बांट दो क्योंकि हमारे यहां चांद रात वाले दिन लोगो में रोजा इफ्तार के लिए फल बांटने की परंपरा हैं।

शादाब:" जी अम्मी जैसा आप कहें।

उसके बाद शहनाज़ उपर चली गई और खाना बनाने की तैयारी में लग गई जबकि शादाब ने अपने दादा दादी के साथ मिलकर फलों के पैकेट तैयार किए और लोगो में बांटने के लिए चला गया। गाड़ी में शादाब के दादा जी बैठे हुए थे और शादाब उनकी सलाह से सभी काम कर रहा था। जल्दी ही लोगो में फल बांटकर घर की तरफ चल पड़े और घर में शहनाज़ खाना बन चुकी थी और सभी खाना नीचे ही टेबल पर लगा हुआ था। दादा दादी शहनाज़ शादाब सब रोजे खोलने के समय का इंतजार कर रहे थे।

आखिर कार इंतजार की घड़ियां खत्म हुई और जैसे ही ऐलान हुआ तो शादाब ने अपने दादा दादी के सामने ही अपने हाथ से खजूर उठाकर शहनाज़ की तरफ बढ़ा दिया तो शहनाज़ एक पल के लिए डर सी गई।

शादाब:" मेरी प्यारी अम्मी आज आपके बेटे के हाथ से रोजा खोलेगी। लो अम्मी ।

शहनाज़ ने हालात को समझते हुए धीरे से अपना मुंह खोल दिया और खजूर के साथ अपना रोजा खोल दिया।

शहनाज़ ने भी एक खजूर हाथ में लिया और शादाब की तरफ बढ़ा दिया तो शादाब ने भी अपना मुंह खोलते हुए रोजा खोल दिया।

दादा दादी दोनो मा बेटे का ये प्यार देख कर गदगद हो उठे और दादा जी बोले:"

" अल्लाह ये मेरी ये ही दुआ रहेगी की तुम दोनो मा बेटे के प्यार को किसी कि नजर ना लगे।

शादाब और शहनाज दोनो खुशी से झूम उठे और शादाब ने दादा जी को खजूर खिलाया तो शहनाज ने दादी को अपने हाथ से खजूर खिला दिया। उसके बाद सारा परिवार साथ बैठ कर खाना खाने लगा।

ऐसा बहुत दोनो के बाद हुआ कि सारा परिवार एक साथ बैठकर खाना खा रहा था और सभी बहुत खुश थे। बीच बीच में नजर बचाकर शहनाज़ शादाब की तरफ जीभ निकाल रही थी मानो उसे किसी छोटे बच्चे की तरह चिडा रही हो।

जल्दी ही सबने खाना खा लिया और दादा जी बोले:"

" बेटा शादाब मैं पहले तो हर साल ईद का चांद देखता था लेकिन अब मुझे दूर का कुछ दिखाईं नहीं देता इसलिए तुम चांद देखना, ईद का चांद देखना बहुत अच्छा माना जाता है।

शादाब अपने की तरफ देखते हुए उसके खूबसूरत चेहरे को एक बार अच्छे से देखता हैं और दादा जी से बोला:"

" जी दादा जी, मैं तो आज जी भरकर चांद का दीदार करूंगा। सच कहूं तो मैं तो आया हूं चांद देखने के लिए हूं।

शहनाज़ शादाब की बाते सुनकर बुरी तरह से झेंप गई और अपना मुंह शर्म से नीचे कर लिया। दादा जी बोले:"

" हान बेटा, अब तो बस तू ही हैं मेरे सारे सपने पूरे करने के लिए, तुझसे मुझे बहुत उम्मीदें हैं बेटा।

शहनाज़ बरतन उठाकर उपर की तरफ चल पड़ी ।शादाब अपने दादा जी का हाथ अपने हाथ में लेकर बोला:"

" आप फिक्र ना करे दादा जी, मैं आपके सभी सपने पूरे करूंगा। आप बस मुझे बताते जाइए।
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RE: Maa Sex Kahani माँ का आशिक - by desiaks - 10-08-2020, 02:16 PM

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