Maa Sex Kahani माँ का आशिक
10-08-2020, 02:16 PM,
RE: Maa Sex Kahani माँ का आशिक
इसी बीच शहनाज़ उपर सारे बर्तन किचेन में रख कर अा गई थी और दादा जी शादाब से बोले:"

" शादाब बेटा तेरी शादी में तेरी पसंद की लड़की से करूंगा । कोई हो नजर में तो बता देना।

शादाब ने आपके नजरे शहनाज़ पर गडा दी मानो उससे पूछ रहा हो कि दादा जी को बता दू क्या तो शहनाज़ ने आंखो ही आंखो में उसे चुप रहने का इशारा कर दिया तो शादाब बोला:"

" अभी तो नहीं दादा जी, अभी तो मैं बस पढ़ाई पर ध्यान देना चाहता हूं।

शादाब की बात सुनकर शहनाज़ की हंसी नहीं रुक पाई और वो जोर से हंस पड़ी तो दादा जी हैरान हो गए और बोले:"

" क्या हुआ बेटी शहनाज़? तुम ऐसे क्यों हंस पड़ी ?

शहनाज़ से कोई जवाब देते नहीं बना तो शादाब बहाना बनाते हुए बोला: दर असल दादा जी जब आप शादी की बात कर रहे थे तो शादी के नाम से मैं शर्मा गया था तो मेरी हालात देखकर अम्मी हंस पड़ी।

शहनाज़ ने राहत की सांस ली और तभी दादी बोल पड़ी:"

" शर्माएगा क्यों नहीं आखिर औलाद तो तू भी शहनाज़ की ही हैं, जैसे तेरी मा शर्म की गुड़िया तो तू कौन सा उससे कम है।

दादी की बात सुनकर सभी जोर जोर से हंस पड़े और शहनाज़ शर्म के मारे एक बार फिर से लजा गई।

शादाब:" अच्छा दादा जी मैं उपर छत पर जाकर चांद देखता हूं। आओ अम्मी आप भी चलो

शादाब और शहनाज़ दोनो जैसे ही सीढ़ियों पर चढ़े तो शादाब ने एक झटके के साथ शहनाज़ को अपनी बांहों में भर लिया और शहनाज़ ने भी शादाब के गले में अपनी बांहे डाल दी और दोनो का बेटे के दूसरे की आंखो में देखने लगे।

शहनाज़:" क्या देख रहा हैं मेरा राजा बेटा?

शादाब:" अपने चांद को देख रहा हूं अम्मी, कितनी दिनों के बाद आपको देखा हैं इतने करीब से

इतना कहकर शादाब ने अपने होंठ शहनाज के गाल की तरफ बढ़ा दिए तो शहनाज़ ने बीच में अपना हाथ अड़ा दिया और बोली:" पहले चांद दिखने दे मेरे राजा, उससे पहले कुछ नहीं ।

शादाब:" उफ्फ अम्मी ये तो चीटिंग है आपको भी पता है कि कल ईद हैं।

शहनाज़ उसके कान खींचती हुई बोली:" बुद्धू कहीं का, जब तक चांद नहीं दिखता ईद कैसे मनाई जाती हैं मेरे बच्चे ?

शादाब सब समझ गया और शहनाज़ को अपने गोद में लिए हुए ही छत पर अा गया और दोनो मा बेटे खड़े खिड़की से आसमान की तरफ देखने लगे। शहनाज़ अभी तक शादाब की बांहों में ही थी। शादाब आसमान की तरफ कम और शहनाज़ के चेहरे को ज्यादा देख रहा था। ये सब महसूस करके शहनाज अंदर ही अंदर बहुत खुश हो रही थी।

तभी शहनाज़ का चेहरा खुशी से भर उठा और उसने अपना मुंह आगे बढ़ा कर शादाब का गाल चूम लिया। शादाब खुशी से झूम उठा और बोला:"

" अम्मी आपको इतनी जल्दी चांद कैसे दिख गया, मुझे तो नहीं दिखा ?

शहनाज़ उसका गाल पकड़ कर खींचते हुए बोली:" तुम चांद देखोगे तभी दिखेगा ना शादाब,
वो देखो ठीक मेरी उंगली के सामने।

शहनाज़ ने चांद की सीध में अपनी उंगली कर दी तो शादाब को भी चांद नजर अा गया।

चांद को देखते ही शादाब खुशी से झूम उठा और शहनाज़ की आंखो में देखते हुए अपने होंठ आगे बढ़ा दिए तो शहनाज़ ने भी अपने होंठ शादाब के होंठो पर रख दिए और उसके होठ चूसने लगीं। शादाब पूरी तरह से बहक गया और शहनाज़ के होंठो को जोर जोर से चूसने लगा। तभी शहनाज़ ने अपने दोनो हाथ शादाब की गर्दन पर रख दिया और अपना मुंह खोलते हुए अपनी जीभ की दस्तक शादाब के होंठो पर दी तो शादाब ने अपना मुंह खोल दिया और शहनाज़ की जीभ शादाब के मुंह में घुस गई। शादाब से बर्दाश्त नहीं हुआ और शहनाज़ को वहीं दीवार से लगा दिया और दोनो एक दूसरे की जीभ चूसने लगे।

उनकी ये किस बहुत लंबी चली और जैसे ही दोनो की सांसे उखड़ने लगी तो मजबूरन उन्हें किस तोड़ना पड़ा और शादाब शहनाज़ को गोद में लिए हुए ही कमरे में अा गया।

शहनाज़ ने शादाब को बेड पर लिटा दिया और खुद उसके उपर लेट गया। शहनाज़ ने अपने दोनो हाथ उसकी कमर पर कस दिए। दोनो ऐसे ही एक दूसरे की धड़कन सुनते रहे।

शहनाज़:" शादाब तुम जाओ अपने दादा जी को बताओ कि चांद दिख गया है। मैं तब तक नहा लेती हूं

शादाब:" मैं अभी बताकर अाया, दोनो साथ में ही नहाएंगे।

शादाब तेजी से दौड़ता हुआ नीचे की तरफ आया और दादा दादी जी बोला:"

" दादा जी चांद दिख गया हैं, मुबारक हो आपको, ईद कल होगी।

दादा दादी दोनो मुस्कुरा दिए और शादाब फिर से उपर की तरफ दौड़ पड़ा तो उसकी खुशी देखकर दादा दादी दोनो खुश हुए। शादाब के आने से पहले ही शहनाज़ अपने कपड़े लेकर बाथरूम में नहाने घुस गई थी।
जब शहनाज़ कमरे में नहीं मिली तो शादाब को बाथरूम से पानी गिरने की आवाज़ सुनाई दी तो वो शादाब तेजी से बाथरूम का दरवाजा पीटने लगा

शादाब:" अम्मी प्लीज़ दरवाजा खोल दीजिए, मुझे भी आपके साथ नहाना हैं।

शहनाज़ अंदर ही अंदर मुस्कुरा उठी और बोली:"

" अरे शादाब मैं बताना भूल गई कि बाहर शीर ( खीर की एक स्पेशल डिश) बनाने का सामान रखा हैं, इतना मैं नहाऊ तू उसे कूट दे ना मेरे राजा बेटा।

शादाब उदास मन से बोला:" ठीक हैं अम्मी, जैसे आपको ठीक लगे।
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RE: Maa Sex Kahani माँ का आशिक - by desiaks - 10-08-2020, 02:16 PM

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