Maa Sex Kahani माँ का आशिक
10-08-2020, 02:20 PM,
RE: Maa Sex Kahani माँ का आशिक
आखिरकार आज करीब आठ दिन के बाद शादाब अपने घर वापिस लौट रहा था। जैसे ही गाड़ी घर के गेट पर रुकी तो पड़ोसी इकट्ठा हो हुए और शहनाज़ और रेशमा का हाल चाल पूछने अा गए।

शादाब ने रेशमा को अपनी गोद में उठा लिया और घर के अंदर ले जाकर नीचे ही बेड पर लिटा दिया। घर में तीनो की नजरे रह रह कर दादा दादी को ढूंढ रही थी लेकिन तीनो जानते थे कि अब उन्हें दादा दादी की परछाई भी मिलने वाली नहीं हैं।

सबसे ज्यादा दुख शहनाज़ को हो रहा था और उसे पूरा घर खाली खाली और काटने को दौड़ रहा था। दादा दादी को याद करके शहनाज़ की आंखे भर आईं और वो शादाब के गले लग कर फिर से रोने लगी। शहनाज़ की देखा देखी रेशमा भी पिघल गई और उसने भी रोना शुरू कर दिया। माहौल पूरी तरह से गमगीन हो चुका था इसलिए शादाब भी अपने आंसू नहीं रोक पाया और शहनाज़ के गले लग कर जोर जोर से रोने लगा। पड़ोसियों ने बड़ी मुश्किल से तीनो को चुप कराया और एक आदमी पड़ोस से ही खाना लेकर अा गया।

पड़ोसी:' शादाब बेटा खुद को संभालो और अपनी अम्मी और बुआ को भी क्योंकि अब सारा कुछ तुम्हे ही देखना हैं।

शादाब भरे हुए गले से बोला:'

" दादा जी मुझसे बहुत प्यार करते थे, लगता हैं जैसे वो अभी मुझे आवाज लगाकर बुलाएंगे

पड़ोसी:'' बेटा मैं तुम्हारा दर्द समझ सकता हूं लेकिन तुम्हे आपको संभालना ही होगा शादाब , मैं कुछ खाना लेकर आया हूं थोड़ा सा खा लो तुम सभी लोग।

इतना कहकर उस आदमी ने खाना टेबल पर लगा दिया तो शहनाज़ सुबकती हुई बोली:"

": रहने दीजिए भाई साहब आप, हमारा किसी का खाने का बिल्कुल भी मन नहीं हैं।

पड़ोसी:" बहन होनी को कौन टाल सकता हैं तुझे अब घर को अपने बेटे को संभलना होगा, थोड़ा थोड़ा खा लो आप लोग।

पड़ोसी के ज्यादा जिद करने पर सभी ने थोड़ा थोड़ा खाना खाया और जैसे जैसे रात होती गई एक एक करके पड़ोसी आपके घर चले गए।

चूंकि सबने नीचे ही सोना था इसलिए शहनाज़ ने बिस्तर तैयार कर दिए और तीनो आराम से लेट गए। थोड़ी देर के बाद उन्हें नींद अा गई और वो अपना सब दुख दर्द भूलते हुए सो गए।

............................................

अगले दिन सुबह शहनाज़ थोड़ा जल्दी ही उठ गई और उपर जाकर नहाई और शादाब और रेशमा के लिए नाश्ते का इंतजाम करने लगी। शहनाज़ जानती थी कि अगर वो ज्यादा दुखी रही तो इसका सीधा असर शादाब और रेशमा पर पड़ सकता हैं इसलिए उसने अपने आपको आने वाले मुश्किल समय के लिए तैयार किया और अपने काम में जुटी रही। दादा दादी जी मौत का सबसे ज्यादा दुख शहनाज़ को हुआ था और वो अंदर से पूरी तरह से टूट गई थी लेकिन फिर भी अपने सीने पर पत्थर रख लिया । जल्दी ही नाश्ता बन गया और शहनाज़ नीचे गर्म अपनी लेकर अा गई और रेशमा और शादाब को उठाया। शादाब उपर नहाने के लिए चला गया जबकि शहनाज़ ने खुद रेशमा का मुंह धोया। थोड़ी देर बाद शहनाज़ ने नीचे से शादाब को आवाज लगाई कि बेटा उपर से आते हुए नाश्ता भी लेते आना।

जल्दी ही शादाब नाश्ता लेकर अा गया और उसने अपने हाथ से शहनाज़ और रेशमा को खुद नाश्ता कराया। दोनो के मना करने भी जबरदस्ती खिलाने लगा तो रेशमा बोली:"

" बस कर शादाब बेटा, मेरा पेट भर गया हैं, जिद मत कर अब नहीं खाया जाएगा मुझसे और

शादाब ने एक आखिरी निवाला बनाया और रेशमा के मुंह की तरफ करते हुए बोला:"

" बस ये आखिरी बाइट बुआ, मना मत करना आप। प्लीज़

शादाब के इतना जिद करने पर रेशमा ने अपना मुंह खोल दिया और निवाला खा लिया तो शादाब किसी छोटे बच्चे की तरह खुश होकर ताली बजाने लगा तो उसे देख कर दोनो मुस्कुरा उठी। दरसअल ये ही तो शादाब चाहता था और वो अपने प्लान में कामयाब रहा।

शादाब अपना पेट पकड़ते हुए बोला:" अम्मी मुझे भी भूख लगी हैं बहुत जोर से, मुझे कौन खाना खिलाएगा ?

शहनाज़ स्माइल करते हुए बोली:"

फिक्र मत कर बेटा, तेरी मा हैं ना मेरे राजा तुझे खाना खिलाने के लिए ।

शादाब ने रेशमा की तरफ देखा तो रेशमा पड़े पड़े ही बोली:"

" एक बार मुझे ठीक हो जाने देे, फिर तुझे इतना खाना खिलाऊंगी कि तुझसे पचाना मुश्किल हो जाएगा बच्चे।

शहनाज़ ने खाने का निवाला बनाया और उसकी तरफ बढ़ाया तो शादाब बोला:"

" ऐसे नहीं आपकी गोद में बैठ कर खाऊंगा अम्मी ।

शहनाज़ ने अपनी बांहे खोल दी और शादाब उसकी गोद में बैठ गया और शहनाज़ उसे खाना खिलाने लगी। रेशमा मा बेटे का अद्भुत प्यार देखकर खुश हो गई। थोड़ी देर बाद शहनाज़ ने शादाब को अच्छे से नाश्ता करा दिया और शादाब उसकी गोद से उतर गया और बोला:"

" अम्मी मैं दोपहर के खाने के लिए कुछ सब्जी लेकर आता हूं, घर में जो जी सामान चाहिए आप मुझे एक लिस्ट बनाकर दे दीजिए।

शहनाज़ ने एक लिस्ट बनाकर उसे दे दी और शादाब सामान लेने के लिए निकल गया।

शादाब के जाने के बाद रेशमा बोली:" देखो भाभी जो होना था वो तो हो गया। लेकिन अब हमे अपने आपको संभालना होगा, अगर हम नहीं संभले तो शादाब पर इसका बुरा असर पड सकता हैं। वो बच्चा हैं अभी।
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RE: Maa Sex Kahani माँ का आशिक - by desiaks - 10-08-2020, 02:20 PM

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