RE: Incest Kahani Incest बाप नम्बरी बेटी दस नम्बरी
होटल मूनलाइट पहुंच कर रमेश सीधा रवि के रूम पर पहुंचा. उसने दरवाजा नॉक किया और रवि ने दरवाजा खोला तो रमेश ने उसे गले से लगा लिया.
रमेश को रवि अंदर ले गया. अंदर बैठने के बाद रमेश बोला- हां बता, इतनी जल्दी क्यों बुलाया है मुझे? क्या बात करना चाहता था तू?
रवि- साले, मैं इतनी दूर से यहाँ आ गया और तुझे इतनी जल्दी है यह बात जानने की? अच्छा चल छोड़, तो सुन- रॉयल फार्मा जानता है न?
रमेश- हाँ, वह दवा कम्पनी।
रवि- हाँ वही, मैं चाहता हूँ कि उसकी कंपनी को पैकेट्स की सप्लाई मैं करूं। अभी वह कंपनी भी नयी है और मुझे भी कुछ अच्छा कॉन्ट्रैक्ट मिल जाएगा. तू क्या कहता है?
रमेश- यह तो बहुत अच्छा है।
रवि- अच्छा तो है मगर मुझे इसमें तेरी मदद चाहिये।
रमेश- हाँ बोल, बता क्या मदद कर सकता हूं?
रवि- रॉयल फ़ार्मा का मालिक रजत रॉय तेरा अच्छा फ्रेंड है. अगर तू चाहे तो …
रमेश- ठीक है, समझ ले तेरा काम हो गया। मगर ये बता आज किसे सेट किया है तूने?
रवि- अरे है एक मेरा पुराना दल्ला, उसी के द्वारा एक हाई-प्रोफाइल रंडी को सेट किया है।
रमेश- माल कड़क तो है ना?
रवि- तू फिक्र मत कर, वह बिल्कुल कड़क माल ही भेजेगा. कह रहा था कि 10 नम्बरी लड़की है.
रमेश- 10 नम्बरी? इसका क्या मतलब हुआ?
रवि- अरे उसकी लिस्ट में कोई 10 नंबर की एक लड़की है। कहता है कि पूरी लिस्ट में सबसे ज्यादा डिमांड उसी की है।
रमेश- अच्छा आने दो, जरा हम भी तो देखें कितना डिमांड है उस रांड का?
फिर दोनों शराब पीते हुए बातें करने लगे. समय गुज़रता गया.
8.15 बजे रमेश ने घड़ी की ओर देख कर कहा- यार, वह रंडी अभी तक आयी नहीं?
रवि- आ जायेगी, वैसे भी सब्र का फल मीठा होता है।
रमेश- ठीक ही कहा तूने। अच्छा तब तक मैं बाथरूम से फ्रेश हो कर आता हूँ।
रमेश बाथरूम में घुस गया.
कुछ देर के बाद दरवाजे पर नॉक हुआ. रवि ने उठ कर दरवाजा खोला.
दरवाज़ा खुलते ही रवि की आँखें फटीं की फटीं रह गयीं. दरवाज़े पर एक बला की खूबसूरत बिल्कुल अप्सरा सी एक लड़की खड़ी थी।
रवि उसे देखता ही रह गया.
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