RE: Incest Kahani Incest बाप नम्बरी बेटी दस नम्बरी
ये कह कर रिया कमरे से बाहर निकल गयी.
तभी रवि बोला- क्या रंडी थी यार, उसके बारे में सोच कर मेरा लंड अभी भी खड़ा है!
रमेश- हाँ यार, कुछ बात तो है इसमें!
रवि- मेरा तो जी नहीं भरा. मैं तो इसे और चोदना चाहता हूँ। तू क्या बोलता है?
रमेश- नहीं यार, तू ही मज़े कर. मुझे छोड़ दे।
रवि- लगता है तू सच में बूढ़ा हो गया है।
रमेश- तू चाहे जो समझ, मगर मुझे माफ़ कर।
रवि- जैसी तेरी मर्जी।
फिर थोड़ी देर बाद उन दोनों ने नाश्ता किया. उसके बाद रमेश भी अपने कपड़े पहन कर घर के लिये निकल गया. रमेश घर पहुंचा और उसने डोरबेल बजाई. दो मिनट के बाद दरवाजे पर आहट हुई.
दरवाजा खुला तो सामने रिया खड़ी हुई थी. रमेश रिया को देख कर खुश हो गया और मुस्करा दिया. रिया भी रमेश को देख कर मुस्करा दी. बाप बेटी के बीच में आज एक अलग ही रिश्ता पैदा हो गया था.
तभी आवाज देते हुए रति भी वहां आ पहुंची.
रति- बेटी कौन है?
तभी रति की नजर अपने पति रमेश पर पड़ी.
रति- अरे आप आ गये!
रमेश अंदर आया और उसने रिया को कस कर गले से लगा लिया. रात भर वो रिया के साथ था. मगर रति के सामने वो नाटक करते हुए बोला- आ गयी मेरी बिजनेस वूमेन बेटी।
रिया- जी डैड।
रमेश- बेटी कैसा रहा तेरा इवेंट?
रिया ने रमेश के छिछोरे सवाल पर उसे देखा और मुस्कराती हुई बोली- बहुत बढ़िया डैड, बहुत मजा आया।
रमेश- गुड, कल के इवेंट में किधर से ज्यादा मजा आया? आगे से या पीछे से?
रमेश के सवाल का मतलब रिया अच्छी तरह जानती थी.
वो बोली- डैड कल रात दोनों ही पार्टी जबरदस्त थीं. दोनों ही तरफ से मजा आया।
तभी रति ने दोनों को टोकते हुए कहा- बस हो गयी दोनों बाप-बेटी की बिज़नेस की बातें शुरु? अब जाओ और जा कर फ्रेश हो जाओ. मैं नाश्ता लगाती हूँ।
रमेश- अरे नहीं, तुम लोग नाश्ता करो, मैंने तो कर लिया है.
रिया- डैड, हमने पहले ही नाश्ता कर लिया है।
रमेश- ठीक है. मैं नहा कर फ्रेश हो जाता हूँ।
ये कह कर रमेश अपने कमरे में चला गया. उधर रति और रिया भी अपने अपने काम में लग गयीं. थोड़ी देर के बाद रमेश अपने कमरे से फ्रेश हो कर निकला और रिया को ढूँढता हुआ सीधे किचन में गया.
वो किचन में पहुंचा तो उसे वहां रति मिली. रमेश ने रति को अपनी बांहों में भर लिया. अपनी बीवी के बूब्स को साड़ी के ऊपर से ही दबाते हुए वो बोला- क्या कर रही हो जानू?
रति- आप भी ना! कभी-कभी आप बिल्कुल बुद्धू जैसी बातें करते हैं, देख नहीं रहें हैं कि मैं अपना काम कर रही हूँ?
रमेश- चलो ना डार्लिंग, एक बार हो जाए।
रति- छी: जब देखो तब शुरू हो जाते हो. आज ऑफिस नहीं जाना क्या?
रमेश अब सीधे अपने मतलब पर आते हुए बोला- हाँ जाऊँगा, मगर थोड़ी देर से जाऊँगा. अच्छा, मेरी वो बिजनेस वूमेन किधर है?
रति- वह अपने कमरे में है।
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