RE: Incest Kahani Incest बाप नम्बरी बेटी दस नम्बरी
गर्मी की वजह से दोनों पसीना पसीना हो चुके थे। मगर दोनों में से कोई भी रुकने का नाम नहीं ले रहा था। रमेश लौड़ा निकालता और उस पर लगा थूक रिया के चेहरे पर मल देता। रिया के मुंह से थूक के धागे बन बनकर फर्श पर गिर रहे थे।
रमेश- क्यों रंडी बेटी? मज़ा आ रहा है चुदाई में?
रिया सिर्फ हल्का सिर हिलाकर- गूँ-गूँ … गूँ-गूँ … गूँ-गूँ.. गूँ … गों गों करके जवाब दे रही थी।
फिर रमेश ने रिया को बालों से पकड़े हुए ही उठाया और उसे पकड़ कर किचन से बाहर ले आया।
रमेश कामुकता से बोला- क्या मस्त रंडी छुपी थी इस घर में और मैं ब्लू फिल्में देखता था। सच में लड़की में त्रियाचरित्र के गुण होते ही हैं। साली ऊपर से ढोंग रचती है पवित्र होने का और अंदर से उतनी बड़ी रांड के गुण छुपाये रहती है।
फिर रमेश रिया को अपने कमरे में ले गया और उसको बिस्तर पर धकेल दिया।
रिया- अब क्या करोगे डैड?
वो मुस्कुराते हुए कामुकता से बोली।
रमेश- तुम्हारी चूत का स्वाद चखना है। चल अपना पैर फैलाकर चूत को खोल साली कुतिया।
रिया- वाह डैड, तुम मेरी चूत को चूसोगे, आ जाओ। इस चूत को और गर्म कर दो. अभी तक कितनों ने चूसा है इसको, आज आप भी स्पेशल चुसाई कर डालो मेरी गर्म गर्म तपती हुई चूत की। आह्ह चूस लो डैडी।
रमेश ने रिया की टांगों के बीच में जगह बनाई और बैठ गया। उसने रिया के करीब आकर उसकी चूत को पहले सूँघा। सूंघने से उसमें चूत की सौंधी सी खुशबू आ रही थी।
रिया की चूत गीली हो चुकी थी। उसमें से लसलसा पदार्थ बह रहा था जो कि चूत को चिकना कर रहा था. चूत की दोनों फाँकों को रिया ने अलग कर रखा था। अंदर सब गुलाबी गुलाबी था।
फैलाने से चूत का छेद हल्का हल्का दिखाई दे रहा था. उसने चूत के ऊपर थूक दिया और उस पर खूब मल दिया। उसने करीब 5 – 6 बार थूका। फिर चूत की चुसाई में लग गया।
उसने जीभ से चूत की लंबी चिराई को सहलाना शुरू किया और अपने दायें हाथ की मध्य उंगली उसकी चूत में घुसा दी।
रिया चिहुंक उठी- ऊफ़्फ़ … आआहह.. ऊईईईई … आआहह … आऊऊ डैड बहुत अच्छा लग रहा है।
उसके हाथ रमेश के सर के पीछे थे जो रमेश को चूत की तरफ लगातार धकेल रहे थे।
रमेश तो रिया की रसीली चूत चूसने में तल्लीन था। रमेश के मुंह से केवल लप लप लप लप लप … लुप-लुप … सुनाई दे रहा था।
रिया कामुकता से लबरेज़ अब बकते जा रही थी- डैड और चूसो … खूब चूसो … आआहह ऐसे ही … ऊफ़्फ़ … ऊउईईई मर गयी … आह्ह डैडी … चूसते रहो … आह्ह मा … आह्ह ओह्ह।
रमेश की उंगलियां उसकी चूत की गहराई में उतर रही थी। रमेश कभी उसकी चूत के दाने को चूसता, कभी दांतों से हल्का काट लेता। ऐसा करके वो रिया को चरम सुख की ओर ले जा रहा था।
तभी रिया ने उसके सर को अपनी जांघों के बीच में जकड़ लिया और दोनों हाथों से उसके सर को चूत पर धकेलने लगी।
एक चीख उसके मुंह से फूटी- आहहह आईईई … आह्हह …हाहह … गईईई …
करके वो जोर से चिल्लाई और फिर निढाल हो गयी.
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