RE: Incest Kahani Incest बाप नम्बरी बेटी दस नम्बरी
रिया- लड़कियों की गाँड चुदने के लिए ही बनी है डैड, ये बात समझ लो। तो फिर क्यों ना स्वागत करे वो। उस पर इतना मस्त लौड़ा … आआहह हह्ह। चोदो अपनी रंडी बेटी की गाँड को और अपने लण्ड की मोहर लगा दो. उफ़्फ़फ़ … मुझे पेशाब भी लग रहा है।
रमेश- तुम फिक्र मत करो बेटी. थोड़ी देर रुक जाओ. तुम्हारी तबियत से गांड मरवाई होगी. कोई कमी नहीं रहने दूंगा। अपनी रंडी की हर ख्वाइश पूरी करेंगे। तेरी गाँड ने पहले से ही लण्ड को जकड़ रखा है, जैसे उसे अंदर खींच रही है. उफ़्फ़फ़ … आह … ओह्ह … साली रांड।
रिया- मुठ गिरने वाला है क्या डैड?
रमेश- हाँ, पियोगी? आह्हह …
रिया- अंदर ही गिरा दो डैड! मेरा भी होने वाला है।
रमेश- ठीक है, ये ले रंडी।
करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद रमेश ने मुठ अपनी रंडी बेटी की गाँड में निकाल दिया। करीब 5-7 पिचकारी मारते हुए रमेश चीखता हुआ रिया की चूचियों पर सर रखकर लेट गया।
उधर चूत के मसलने और गाँड में मुठ की धाराओं को महसूस करके रिया भी झड़ गयी और दोनों उसी तरह लेटे रहे। थोड़ी देर बाद रमेश का लण्ड धीरे से निकलने लगा तो रिया ने अपनी गाँड में पास पड़ी अपनी पैंटी घुसा ली और फिर अपने डैड को गले से चिपका लिया।
रमेश जैसे बेहोश था। दोनों गांड मरवाई से थक चुके थे।
कुछ देर बाद:
रमेश- अब तेरा सूसू नहीं आ रहा क्या साली रंडी? गाण्ड मारने के वक्त तो बहुत चिल्ला रही थी तू?
रिया- डैड उस वक्त आया था. अब नहीं आ रहा है।
रमेश- जा अब कर ले. नहीं तो फिर से लौड़ा चूत के अन्दर जाएगा तो दोबारा बोलोगी. तब तक मैं थोड़ा रेस्ट कर लूँ।
रिया- हाँ डैड, सही कहा आपने. चुदाई के वक्त फिर से आ गया तो हमारा मज़ा खराब हो जाएगा।
रिया जब उठी तो उसको गाण्ड में दर्द महसूस हुआ. वो जब चलने लगी तो दर्द की वजह से उसकी चाल बदल गई. वो कूल्हे उठा कर चल रही थी। रिया गाण्ड को मटकाती हुई सीधी बाथरूम की तरफ़ चली गई।
रमेश आराम से लेटा हुआ था.
तभी उसके दिमाग़ में कोई बात आई और वो उठकर सीधा बाथरूम की तरफ़ भागा तो देखा रिया पेशाब करने बैठी ही थी.
रमेश को देख कर खड़ी हो गई और चौंकती हुई बोली- ओह्ह … डैड ये क्या है! मैं तो डर गई. आप ऐसे अचानक आ गए?
वो बोला- अच्छा हुआ साली रंडी तूने सूसू नहीं किया. मेरा भी सूसू आया है. चल दोनों साथ में करेंगे. मज़ा आएगा.
रिया- हा हा हा … कुछ भी बोलते हो डैड। सूसू साथ में करने में क्या मज़ा?
रमेश- तू देख तो सही रंडी कि मैं क्या करता हूँ? मज़ा ना आए तो कहना!
रिया- जो करना है जल्दी करो डैड. अब मुझसे रुका नहीं जा रहा. बड़ी ज़ोर का सूसू आया है।
फिर रमेश नीचे बैठ गया और रिया को करीब खींच कर अपनी जाँघों पर बिठा कर उसके मम्मों को चूसने लगा। उसका लौड़ा एकदम कड़क हो गया. उसने रिया की चूत पर लौड़ा टिका दिया और हल्का सा अन्दर पेल दिया।
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