RE: Desi Sex Kahani वारिस (थ्रिलर)
“हमें क्यों किसी को चिट्ठी लिखनी चाहिये । आनन्द आनन्द एण्ड एसोसियेट्स का इतना ऊंचा नाम है....”
“कि सारे आनन्द माउन्ट एवरेस्ट पर टंगे हुए हैं ।”
“क्या !”
“सर, मैंने किसी ऐरे गैरे को नहीं, अमरीका के राष्ट्रपति जार्ज बुश को चिट्ठी लिखने की बाबत कहा था ।”
“उसे किसलिये ?”
“क्योंकि साउथ एशिया के सारे उलझे हुए मामले आजकल वो ही सुलझाता है । क्रॉस टाक भी एक उलझा हुआ मामला है जिसे...”
“माथुर, तुम मजाक कर रहे हो ।”
“मेरी मजाल नहीं हो सकती, सर । सर, ये नामुराद क्रॉस टाक ही मेरे लिये विलेन बनी हुई है और आपकी निगाहों में मेरा इमेज बिगाड़ रही है । ये मेरे जैसी आवाज में रह रह कर बीच में बोलने वाला शख्स मेरी पकड़ में आ जाये तो मैं उसकी गर्दन मरोड़ दूं ।”
“यू विल डू नो सच थिंग । तुम्हारे पर आई.पी.सी. तीन सौ दो लग जायेगी । मैं ये बर्दाश्त नहीं कर सकता कि आनन्द आनन्द एण्ड एसोसियेट्स के किसी एसोसियेट का नाम कत्ल के मामले में घसीटा जाये...”
“सर, वुई आर टाकिंग आन ट्रंककॉल...”
“सो वुई आर । सो वुई आर ।”
“....एण्ड ट्रंककॉल कास्ट्स मनी ।”
“ऐज इफ आई डोंट नो ।”
“एण्ड क्रॉस टाक रिडन ट्रंककॉल कास्ट्स मोर मनी, सर ।”
“यस । यस । अब बोलो, क्या हुआ ?”
“अभी तो कुछ नहीं हुआ, सर । अभी तो चार महीने बाकी हैं ।”
“चार महीने बाकी हैं ! किस बात में चार महीने बाकी हैं ?”
“बच्चा होने में, सर ।”
“किसको ? किसको बच्चा होने में ?”
“मोहनी को ।”
“मोहनी ?”
“मेरी बीवी । आपकी बहू ! उसकी प्रेग्नेंसी के अभी पांच ही महीने मुकम्मल हुए हैं न, सर ! और बच्चा तो, आप जानते ही होंगे, कि नौ महीने में होता है ।”
“वाट द हैल !”
“सर, क्रास टाक....”
“माथुर, आई एम नाट हैपी विद यू ! आई एम नाट हैपी विद यूअर वर्क । एण्ड अबोव आल, आई एम नाट हैपी विद युअर एटीच्यूड । मुझे नहीं लगता कि कोई क्रॉस टाक हो रही है । मुझे लगता है कि तुम खुद ही अनापशनाप बोल रहे हो और क्रॉस टाक को दोष दे रहे हो ।”
“सर, वो क्या है कि....”
“डोंट इन्ट्रप्ट एण्ड पे अटेंशन टु वाट आई एम सेईंग ।”
“यस, सर ।”
“इस वक्त तुम कोई संजीदा बात करने की हालत में नहीं जान पड़ते हो... बाई दि वे, तुम नशे में तो नहीं हो ?”
“ओह नैवर, सर । मैं सरेशाम नहीं पीता ।”
“लेकिन पीते हो ?”
“कभी कभार । मेजबान इसरार करे तो ।”
“आज मेजबान ने सरेशाम इसरार किया जान पड़ता है ।”
“नो, सर । वो क्या है कि....”
“माथुर, कल सुबह ग्यारह बजे तुम अपने एण्ड से मुझे ट्रंककॉल लगाना और मुकम्मल रिपोर्ट पेश करना । दैट्स ऐन आर्डर ।”
“यस, सर ।”
“तुम शायद समझते हो कि तुम्हे पिकनिक मनाने के लिये वहां भेजा गया है । तुम समझते हो कि...”
“थ्री मिनट्स आर अप, सर ।” - एकाएक बाच में आपरेटर की आवाज आयी ।
“वॉट ? आलरेडी !
”
“थ्री मिनट्स आर अप, सर । यू वाट टु एक्सटेंड दि कॉल ?”
“नो । नो । माथुर, फालो इन्स्ट्रक्शन्स । कॉल मी एट अलैवन इन दि मार्निंग विद फुल रिपोर्ट ।”
“यस, सर ।”
लाइन कट गयी ।
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