Desi Sex Kahani वारिस (थ्रिलर)
10-18-2020, 12:52 PM,
#21
RE: Desi Sex Kahani वारिस (थ्रिलर)
एक कोने में कैप्सूल के खोल पडे थे । वो तीन खोल थे जिनमें से दो सफेद थे और एक लाल था । वैसे लाल सफेद कैप्सूल उस नींद की दवा के थे जिसे कि वो देवसरे के कभीकभार के इस्तेमाल के लिये अपने कब्जे में रखता था, लेकिन फिर उसनें महसूस किया कि वो साइज में कदरन छोटे थे ।
उसने एक लाल और एक सफेद खोल उठा कर उन्हें एक दूसरे से जोड़ा तो तसदीक हो गयी कि वो देवसरे वाले कैप्सूलों से छोटा था ।
एक सफेद खोल अभी और बाकी था जिसका लाल वाला हिस्सा उसे कहीं न मिला । जरूर वो किसी के जूते के तले के साथ चिपक कर वहां से चला गया था ।
बहरहाल ये अब सुनिश्चित था कि दो कैप्सूल वहां खोले गये थे, उनके भीतर की दवा निकाली गयी थी और खाली खोलों को चुपचाप मेज के नीचे फेंक दिया गया था ।
वो उठ कर सीधा हुआ, उसने जेब से निकाल कर एक बीस का नोट टेबल पर रखा, उसके ऊपर टार्च रखी, बूथ से बाहर निकाला और कैसीनो में पहुंचा ।
कैसीनो में तब पहले जैसी भीड़ नहीं थी लेकिन वो खाली भी नहीं था । ताश के रसिया वहां से रुख्सत हो चुके थे लेकिन रॉलेट टेबल के गिर्द अभी भी चन्द लोग मौजूद थे जिनमें से कुछ दांव लगाने वाले थे तो कुछ दर्शक थे । वहां क्रूपियर के पहलू में आरलोटो भी मौजूद था जो कि उसे देख कर मुस्कराया ।
उस मुस्कराहट से ही मुकेश को अहसास हो गया कि रिजॉर्ट में हुए वाकये की उसे खबर नहीं थी, बाहर बैठे उसके बॉस ने भी उसे कत्ल की बाबत कुछ नहीं बताया था ।
“कैसा चल रहा है ?” - मुकेश ने निरर्थक सा प्रश्न किया ।
“बढिया ।” - उसने, प्रत्याशित, जवाब दिया ।
“तुम्हारा बॉस यहां नहीं आता ?”
“आता है । क्यों नहीं आता ? आखिर बॉस है । मालिक है ।”
“आज आया था ?”
“हां ।”
“कब ?”
“कोई पौने ग्यारह बजे ।”
“तब मिस्टर देवसरे अभी यहीं थे या जा चुके थे ?”
“जा चुके थे । बॉस इधर पौने ग्यारह बजे आया था । मेरे को पक्की तब मिस्टर देवसरे इधर नहीं थे ।”
“टाइम कैसे याद रहा ? पिछली बार तो तुम अपने आपको इतना बिजी बता रहे थे कि टाइम को वाच करके नहीं रख सके थे ?”
“मिस्टर देवसरे के इधर से जाने के टेम को वाच करके नहीं रख सका था । बॉस के इधर आने का टेम मेरे को और वजह से याद है । वो क्या है कि साढे दस बजे इधर एक भीड़ू आया था । मैं बोले तो ही वाज लोडिड विद मनी । साथ में एक फिल्म स्टार का माफिक पटाखा बाई था जिसको इम्प्रैस करने का वास्ते बहुत रोकड़ा चमका रहा था । इधर पहुंचते ही पूरा ट्रे भर के लार्ज वैल्यूज का टोकन लिया और रॉलेट पर बड़े बड़े दांव लगाने लगा । पहले तो वो काफी रोकड़ा लूज किया पण एकाएक वो जीतने लगा, उसका चूज किया हर नम्बर लगने लगा ।”
“जजमेंट की बात है ।”
“व्हील की तरफ तो ठीक से देखता नहीं था, ऐसीच कोई सा नम्बर लगा देता था ।”
“फिर तो इत्तफाक की बात है ।”
“इधर लिमिट का गेम होता है । जब वो जितने लगा तो लिमिट से ऊपर दांव लगाने की जिद करने लगा । मैं बोला लिमिट का गेम था, नहीं होना सकता । वो नशे में गलाटा करने लगा । तभी बॉस इधर आया । बॉस उस भीड़ के इधर पहुंचने के पन्द्रह मिनट बाद आया था इस वास्ते मैं सेफली बोला कि वो पौने ग्यारह बजे इधर आया था ।”
“आई सी ।”
“तब तक वो नब्बे हजार रुपये जीत चुका था । बॉस को जब ये पता चला था तो उसके होश उड़ गये थे ।”
“मुझे तुम्हारे कैसीनो के दस्तूर मालूम नहीं । किसी का नब्बे हजार रुपया जीत जाना होश उड़ाने वाली बात होती है ?”
“ऐसा पन्द्रह मिनट में हो जाये तो होती है । ऊपर से उसका विनिंग फेज अभी चल रहा था । और ऊपर से वो लिमिट से ऊंचे दांव लगाना चहता था ।”
“आखिरकार क्या हुआ ?”
“नो लिमिट गेम को बॉस भी नक्की बोला । न बोलता तो क्या पता वो अकेला आदमी ही आज कैसीनो लूट के ले जाता ।”
“आखिरकार क्या हुआ था ?”
“वो नाराज हो गया था, उसने अपने टोकन कैश कराये थे और कैसीनो को कोसता इधर से नक्की कर गया था ।”
“महाडिक को नब्बे हजार की चोट देकर ।”
“ये तो मामूली चोट थी । पिछले हफ्ते दिनेश पारेख आया था तो वो बैंकरप्ट ही कर गया था ।”
“अच्छा ! वो कितना जीता था ?”
“ग्यारह लाख ।”
“क्या ! लिमिट के गेम में इतनी बड़ी जीत की गुंजायश होती है ?”
“नहीं होती लेकिन वो स्पेशल गैस्ट थे । उसने जब नो लिमिट गेम की मांग की थी तो उसको रिस्पैक्ट देने के लिये बॉस को उसकी मांग कबूल करनी पड़ी थी ।”
“तुम कहते हो गैस्ट की नब्बे हजार की जीत ने बॉस के होश उड़ा दिये थे, ग्यारह लाख गये तो कुछ न हुआ ?”
“बॉस से ही पूछ लो ।”
“क्या मतलब ?”
“ही जस्ट गाट इन ।”
मुकेश ने घूम कर देखा तो महाडिक को अपनी तरफ बढते पाया ।
महाडिक करीब पहुंचा, उसने नेत्र सिकोड़ कर मुकेश को देखा और फिर बोला - “क्या बात है ? नींद नहीं आयी ?”
“कार लेने आया था ।” - मुकेश लापरवाही से बोला - “थोड़ी देर को भीतर चला आया ।”
“कार ?”
“मिस्टर देवसरे की ।”
“वो यहां थी ?”
“हां । वो क्या है कि मीनू उन्हें उनकी कार पर रिजॉर्ट में छोड़ कर आयी थी और कार यहां वापिस ले आयी थी ताकि वो मेरे काम आ पाती लेकिन पार्किंग की भीड़ में मुझे पता नहीं लगा था कि कार जा के वापिस लौट आयी थी । अब पता लगा तो मुझे कार का लावारिस यहां खड़ा रहना मुनासिब न लगा इसलिये लेने आ गया ?”
“बस, यही वजह है तुम्हारे वापिस लौटने की ?”
“और क्या वजह होगी ?”
“तुम बताओ । सवाल मैंने पूछा है ।”
“और कोई वजह नहीं ।”
“हूं ।”
“अब एक सवाल मैं पूछूं ?”
“पूछो ।”
“दिनेश पारेख कौन है ?”
“कौन है क्या मतलब ?”
“क्या करता है ? तुम उसे कैसे जानते हो ?”
“वही करता है जो मैं करता हूं । मेरा हमपेशा है इसलिये जानता हूं ।”
“हमपेशा ? वो भी ऐसी ही क्लब चलाता है ?”
“हां । लेकिन बड़े स्केल पर । बड़ी जगह पर । उसका कैसीनो यहां से चार गुणा बड़ा है अलबत्ता बार यहां जितना ही बड़ा है । उसके गोवा में भी दो कैसीनो हैं । ही इज ए बिग आपरेटर ।”
“हू नाओ वांट्स टु बिकम बिगर आपरेटर ।”
“क्या बोला ?”
“वो ये जगह खरीदने का तमन्नाई था जो जाहिर है कि जितने कैसीनो उसके पास हैं उनमें एक का इजाफा हो जायेगा । नहीं ?”
महाडिक तिलमिलाया ।
“पारेख से पूछना ।” - वो उखड़े स्वर में बोला ।
फिर उसने जानबूझ कर मुकेश की तरफ से पीठ फेर ली ।
***
मुकेश की नींद खुली ।
उसकी घड़ी पर निगाह पड़ी तो उसके छक्के छूट गये ।
साढे दस बज चुके थे ।
वो झपट कर बिस्तर में से निकला और कॉटेज के दूसरे हिस्से में पहुंचा जहां कि टेलीफोन था । उसने टेलीफोन पर नकुल बिहारी आनन्द के लिये अर्जेन्ट पी.पी. कॉल बुक कराई और लौट कर बाथरूम में दाखिल हुआ ।
बीस मिनट में वो शिट शेव शावर से निवृत हुआ । फिर उसने ‘सत्कार’ में फोन करके ब्रेकफास्ट मंगाया ।
वो चाय का आखिरी घूंट पी रहा था जब ट्रककॉल लगी ।
“मैं माथुर बोल रहा हूं ।” - अपने बॉस की सैक्रेट्री को लाइन पर पाकर वो बोला - “प्लीज पुट मी टु बिग बॉस ।”
“मिस्टर माथुर, आपकी तो ग्यारह बजे कॉल आनी थी । इस वक्त तो सवा ग्यराह बजने को हैं ।”
“मैं जिस फोन से बोल रहा हूं, उसमें एस.टी.डी. की सुविधा नहीं है । कॉल बुक करानी पड़ी जो कि अभी लगी ।”
“आपको किसी एस.टी.डी. वाले फोन पर जा के खुद कॉल लगानी चाहिये थी ।”
“हनी, ये वो बातें हैं जो तुम्हारे बॉस को कहनी शोभा देती हैं, तुम अपना काम करो ।”
“डोंट यू हनी मी ।”
“अरी चुड़ैल, बात करा ।”
“क... क्या ! क्या कहा ?”
“मैंने कुछ नहीं कहा । कोई बीच में बोला ।”
“ऐसा कैसे हो सकता है ?”
“हो रहा है । गौर से सुनो, मुझे भी कोई शैतान कहता लग रहा है ।”
“क्रॉस टॉक हो रही है ?”
“हां । नाओ डोंट गैट क्रॉस विद मी एण्ड लेट मी टाक टु दि बॉस ।”
“होल्ड आन ।”
“थैंक्यू ।”
फिर उसके कान में नकुल बिहारी आनन्द की आवाज पड़ी ।
“माथुर ?”
“गुड मार्निंग, सर ।”
“मैं ग्यारह बजे से तुम्हारी कॉल का इन्तजार कर रहा हूं ।”
“सर, कॉल शोलापुर से होकर आ रही है न इसलिये लेट हो गयी ।”
“क्या ?”
“सर, ट्रंक आपरेटर कहती थी कि इस रूट की तमाम ट्रंक लाइन्स डाउन हैं इसलिये आल्टरनेट रूट वाया शोलापुर बनाना पड़ा था और इसलिये आवाज आप तक पहुंचने में देर हो गयी ।”
“आई डोंट अन्डरस्टैण्ड...”
“इस उम्र में ऐसा हो जाता है, सर ।”
“किस उम्र में ? कैसा हो जाता है ?”
“समझदानी सिकुड़ जाती है इसलिये कोई बात समझ में न आना आम हो जाता है ।”
“माथुर ! ये तुम्हीं बोल रहे हो न ?”
“मैं तो सर गुड मार्निंग कहने के बाद से चुप हूं और इन्तजार कर रहा हूं गुड मार्निंग कुबूल होने का ।”
“तुम्हारा मतलब है फिर क्रॉस टाक हो रही है ?”
“ऐसा ही जान पड़ता है, सर । लाइन वाया शोलापुर लगी है इसलिये इस बात की और भी ज्यादा गुंजायश है ।”
“यू नैवर माइन्ड दैट एण्ड लैट्स कम टु दि प्वायान्ट ।”
“यस, सर ।”
“मैंने एक्सप्रैस के लेट सिटी एडीशन में पढा है कि मिस्टर देवसरे का मर्डर हो गया है ।”
“ठीक पढा है, सर ।”
“लेकिन मर्डर ! सुसाइड नहीं, मर्डर !”
“उनका दांव नहीं लगा, सर, पहले ही कोई अपना काम कर गया ।”
“मैंने पढा है कि उन्हें शूट किया गया है ?”
“जी हां ।”
“किसने किया ?”
“अभी पता नहीं चल सका ।”
“यानी कि मडर्रर पकड़ा नहीं गया ?”
“अभी नहीं, सर ।”
“ऐसा क्योंकर हो पाया ? जब तुम मिस्टर देवसरे के साथ थे तो...”
“कत्ल के वक्त मैं उनके साथ नहीं था ।”
“क्यों ? क्यों साथ नहीं थे ? उधर काम क्या था तुम्हारा ?”
“गोली और मकतूल के बीच खड़ा होना ।”
“क्या ?”
“सर, अगर मैं उनके साथ नहीं था तो उसमें वजह मैं नहीं, वो खुद थे । वो मुझे धोखा देकर खिसक गये, जैसा कि उन्हें नहीं करना चाहिये था ।”
Reply


Messages In This Thread
RE: Desi Sex Kahani वारिस (थ्रिलर) - by desiaks - 10-18-2020, 12:52 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,486,968 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 542,821 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,226,137 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 927,344 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,645,820 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,073,758 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,939,241 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,018,309 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,017,454 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 283,547 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 4 Guest(s)