Desi Sex Kahani वारिस (थ्रिलर)
10-18-2020, 01:08 PM,
#46
RE: Desi Sex Kahani वारिस (थ्रिलर)
“चलो, ऐसे ही सही ।”
“उसे तो तब मालूम हुआ जबकि पंगा पड़ा । वो स्मगलर अपना धन्धा ऐसे लोकल स्मगलरों के कम्पीटीशन में चलाता था जिनकी पीठ पर दुबई के ‘भाई’ का हाथ था । इस बाबत उसे वार्निंग मिली तो वो उसे खातिर में न लाया । नतीजन उसका कत्ल हो गया जिसकी चश्मदीद गवाह अपनी मीनू थी । उसने पुलिस को इस बाबत बयान भी दिया जिसकी वजह से स्मगलर पकड़ा गया । तब मीनू को धमकियां मिलने लगीं कि अगर उसने वही बयान कोर्ट में भी दिया तो उसको खलास कर दिया जायेगा । उसके बॉस स्मगलर के गैंग के आदमी उसे धमकाने लगे कि अगर उसने बयान न दिया तो वो उसे मार डालेंगे । उस माहौल में मीनू को अपनी मौत ऐसी निश्चित दिखाई देने लगी कि वो फरार हो गयी । तब पुलिस भी उसके खिलाफ हो गयी । प्राइम आई विटनेस के यूं गायब हो जाने से दूसरे गैंग वाले शेर हो गये । कोई गवाह न होने की वजह से उनका बॉस तो जमानत पर छूट ही गया, छूट कर उसने पुलिस को ऐसा फिट किया कि उन्होंने केस को नया ही रंग दे दिया । उन्होंने नया केस ये बनाया कि मीनू कत्ल की चश्मदीद गवाह नहीं थी, खुद कातिल थी और अपना राज खुलता पाकर ही फरार हुई थी ।”
“ओह ! लिहाजा बड़ोदा पुलिस की निगाह में मीनू एक फरार अपराधी है ?”
“बदकिस्मती से ।”
“पाटिल को कैसे मालूम हुआ ?”
“उस केस की बाबत उसे किसी भी वजह से मालूम हो सकता है लेकिन जो अफसोसनाक बात है वो ये है कि उस कम्बख्त ने यहां, उस उजाड़ जगह में, मीनू को पहचान लिया ।”
“और उस पहचान को ब्लैकमेल का जरिया बना लिया ?”
“मुंह जुबानी फाइनांशल हैल्प कहता है, लोन कहता है, लेकिन है तो ब्लैकमेल ही ।”
“क्या मांगता है ?”
“दस लाख रुपया । बताओ तो ! रखा है मीनू के पास ?”
“उसे भी तो ये बात मालूम होगी ?”
“है लेकिन समझता है कि मीनू अरेंज कर सकती है ।”
“तुम्हारे पास से ?”
“कहीं से भी । उसे तो आम खाने से मतलब है, पेड़ गिन कर क्या करेगा वो !”
“ये बड़ोदा वाला वाकया कितना पुराना है ?”
“दो सवाल से ऊपर हो गये हैं ।”
“इतने अरसे के बाद पाटिल यहां गड़े मुर्दे उखाड़ने आ गया ?”
“उसकी वजह से न आया । आया तो वो देवसरे की वजह से ही लेकिन अब इसका क्या किया जाए कि उसे यहां मीनू दिखाई दे गयी ।”
“इतनी छोटी सी जगह पर देर सबेर तो दिखाई देनी ही थी ।”
“वही तो ।” - वो एक क्षण ठिठका और फिर बोला - “मैं उससे मुहब्बत करता हूं । वो भी मेरे से मुहब्बत करती है । क्लब का नया कान्ट्रैक्ट साइन होते ही मैं उससे शादी कर लेने वाला था, बीच में” - उसने असहाय भाव में गर्दन हिलाई - “कातिल ने भांजी मार दी ।”
“कातिल ने या पाटिल ने ?”
“कातिल ने । पाटिल की तो मुझे नहीं लगता की दोबारा मीनू के मुंह लगने की मजाल होगी । फिर भी बाज न आया तो लाश का पता न लगने दूंगा ।”
“ऐसा कमाल तुमने मिस्टर देवसरे की लाश के साथ तो न दिखाया । उनकी लाश का पता तो सब को लगने दिया ।”
“मैं कातिल नहीं हूं ।”
“लेकिन बवक्तेजरूरत बन सकते हो ।”
“क्या !”
“अभी पाटिल की बाबत जो कहा, उसका यही तो मतलब हुआ ?”
“वो बाज नहीं आयेगा तो कुछ तो मुझे करना पड़ेगा ।”
“जैसे कत्ल ?”
“मुझे यकीन है उसकी नौबत नहीं आयेगी ।”
“फिर ये क्यों कहा कि लाश का पता नहीं लगने दोगे ?”
“मुहावरे के तौर पर कहा । फिगर ऑफ स्पीच के तौर पर कहा ।”
“बहुत जल्दी पलटी खायी अपनी घातक घोषणा से !”
वो खामोश रहा ।
“बहरहाल, बकौल खुद, मिस्टर देवसरे कातिल तुम नहीं हो ?”
“अरे, नहीं हूं, मेरे भाई ।” - वो बड़ी संजीदगी से बोला ।
“फिर क्या बात है ! फिर जो होगा आखिरकार ठीक होगा । मीनू से तुम्हारी शादी भी होगी और क्लब पर तुम्हारा कब्जा भी बना रहेगा ।”
“तुम्हारे मुंह में घी शक्कर ।”
“लेकिन तुम मीनू से बात करके कैप्सूलों वाली कहानी का खुलासा जरूर करना । आखिर किसी की खातिर तो उसने वो हरकत की ही थी । तुम्हारी खातिर नहीं, मिस्टर देवसरे की खातिर नहीं, चलो पाटिल की खातिर भी नहीं, तो फिर किसी खातिर ?”
“शायद किसी की भी खातिर नहीं ।”
“क्या बोला ?”
“शायद वो हरकत उसकी थी ही नहीं । हरकत किसी और ने की और तुम इसलिये उसके पीछे पड़ गये क्योंकि वैसे कैप्सूलों की शीशी उसके पास थी ।”
“ऐसा था तो उसने तभी खंडन क्यों न किया जब मैंने वो इलजाम उस पर लगाया था ? तब क्यों ने दो टूक बोली कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया था ? कैप्सूलों के पोजेशन की बाबत पुलिस से झूठ क्यों बोली ? शीशी गायब क्यों कर दी ?”
“कोई तो वजह जरूर होगी ।”
“इसके सिवाय और क्या वजह होगी कि यूं वो तुम्हारी मदद कर रही थी, तुम्हारे काम आ रही थी !”
“यार, पीछा छोड़ो उस बात का । मेरा दिल घबराता है । बार बार बोला झूठ भी सच हो जाता है । मालूम !”
“मालूम ।”
“चर्चिल ने कहा था कि जितनी देर में सच पतलून पहनता है, उतनी देर में झूठ आधी दुनिया का चक्कर लगा चुका होता है ।”
“इससे एक ही बात साबित होती है ।”
“क्या ?”
“काफी पढ़े लिखे हो ।”
“ऐसी बातें जानने के लिये आलम फाजिल होना जरूरी नहीं होता; बस जानने का शौक होना जरूरी होता है ।”
“मैं तुम्हारे एक दोस्त से मिला था ।”
“मेरे दोस्त से ?”
“हां ।”
“किससे ?”
“दिनेश पारेख से ।”
“कहां मिल गया वो तुम्हें ?”
“जहां वो पाया जाता है ।”
“क्या ! हर्णेई पहुंच गये ? आल दि वे ?”
“हां ।”
“इतनी जहमत की वजह ?”
“उससे मुझे तुम्हारे कान्ट्रैक्ट की और तुम्हारी प्राब्लम की और जानकारी हुई । कनफर्म हुआ कि उस कान्ट्रैक्ट की रू में दस तारीख के बाद तुम क्लब में मौजूद अपने साजोसामान, तामझाम के साथ क्लब से बाहर होते । वक्त रहते मिस्टर देवसरे की मौत तुम्हारे लिये तो वरदान साबित हुई ।”
“काफी होशियार हो ।”
“शुक्रिया ।”
“वकालत के लिये रिजर्व रखो अपनी होशियारी जो कि तुम्हारा धन्धा है । जासूसी तुम्हारा धन्धा नहीं इसलिये काबू में रहो वर्ना पछताओगे ।”
“कुछ धमकी सी सुनाई दे रही है मुझे ।”
“यहां नाजायज, गैरजरूरी तांकझांक करके तुम उस होल्ड की बाबत जान गये हो जो कि पाटिल का मीनू पर है । लेकिन तुमने किसी के सामने इस बात का जिक्र किया कि पीछे बड़ोदा में हुई किसी वारदात की मीनू चश्मदीद गवाह है तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा ।”
“आसपास पता करो, शायद वैसे ही कोई न हो तुमसे बुरा ।”
“बकवास मत करो । मैं मीनू से मुहब्बत करता हूं, जो उसका बुरा चाहे वो मेरा दुश्मन । याद रखना ।”
“ऐसी मुहब्बत मुझे रिंकी से होती तो मैं भी इतने ही जोशोखरोश से कहता कि जो रिंगी का बुरा चाहे, वो मेरा दुश्मन ।”
“क्या मतलब ?”
“किसी ने रिंकी को जान से मार देने की कोशिश की थी ।”
“अरे ! कैसे ? कब ?”
मुकेश ने एक बार फिर रिंकी के एक्सीडेंट की कहानी दोहराई ।
“ओह !” - सुन कर वो बोला - “लेकिन मेरा इससे क्या लेना देना !”
“तुम बताओ ।”
“कोई लेना देना नहीं ।”
“पक्की बात ?”
“तुम पागल हो । मैं एक औरतजात पर यूं खुफिया वार करूंगा ? मुझे देवसरे का कातिल समझा जा रहा है जिसको शूट करने के लिये मुझे उसके सिर पर जा सवार हुआ बताया जाता है । मेरी मंशा रिंकी को खत्म करने की होती तो एक खून कर चुका मैं एक्सीडेंट जैसा पेचीदा, गैरभरोसेमन्द तरीका अख्तितयार करता ? उसे भी शूट कर देने से मुझे कौन रोक सकता था ?”
“तुम ठीक कह रहे हो । तुम्हारे खयाल से ये हरकत किसकी होगी ?”
“इस बाबत मेरा कोई खयाल नहीं । है भी तो वो मैं तुम पर जाहिर नहीं करना चाहता ।”
“क्यों ?”
“सीधे थाने पहुंच जाओगे ।”
“एक बेगुनाह शख्स को ऐसी बातों से नहीं डरना चाहिये ।”
“कौन डरता है ! लेकिन खामखाह मुंह फाड़ने का क्या फायदा !”
“मैंने कुबूल की तुम्हारी बात । अब एक आखिरी बात और बता दो ।”
“पूछो ।”
“ईमानदाराना जवाब देना । वादा करता हूं कि अपने तक ही रखूंगा ।”
“अब कुछ फूटो भी ।”
“परसों रात साढे ग्यारह के आसपास तुम रिजॉर्ट में थे या नहीं थे ?”
वो कई क्षण खामोश रहा ।
“इस सवाल का जवाब मैं दूसरे तरीके से देता हूं ।” - आखिरकार वो बोला - “मैं अपने बनाने वाले की कसम खा कर कहता हूं कि मैंने देवसरे का कत्ल नहीं किया । मेरी बात पर यकीन ला सको तो तुम्हारी सारी शंकायें, सारे और सवाल, इस जवाब में शामिल हैं । अब बोलो, क्या इरादा है ?”
“कैसा इरादा ?” - मुकेश हड़बड़ाकर बोला ।
“रात यहीं गुजारनी है तो मुझे इजाजत दो, मैंने क्लब पहुंचना है ।”
“ए वर्ड टु दि वाइज ।”
मुकेश वहां से रुख्सत हो गया ।
***
Reply


Messages In This Thread
RE: Desi Sex Kahani वारिस (थ्रिलर) - by desiaks - 10-18-2020, 01:08 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,488,051 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 542,962 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,226,635 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 927,705 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,646,434 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,074,207 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,940,151 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,021,538 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,018,679 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 283,653 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)