RE: Mastaram Kahani कत्ल की पहेली
डॉली पिछवाड़े में एक गार्डन चेयर पर बैठी थी जबकि राज यूं ही भटकता-सा उधर पहुंचा ।
उस घड़ी सूरज डूब रहा था और वहां अंधेरा छाने लगा था । नीम अन्धेरे में डॉली के अलावा जो पहली चीज उसे दिखाई दी, वो उसके हाथ में थमा गिलास था ।
“कॉफी है ।” - वो बोला ।
“अरे” - राज हकबकाकर बोला - “मैंने कब कहा कुछ और है ।”
“तुमने नहीं कहा । तुम्हारी सूरत ने कहा ।”
“ओह, नो ।”
“ओह, यस । कॉफी पियोगे ?”
राज ने सहमति में सिर हिलाया ।
“रोजमेरी !” - उसने उच्च स्वर में कुक को आवाज लगायी - “साहब के लिये भी कॉफी लाना ।”
“यस, मैडम ।” - किचन का खिड़की में से झांकती रोजमेरी बोली ।
“बैठो ।” - डॉली बोली ।
“शुक्रिया ।” - राज उसके करीब एक अन्य गार्डन चेयर पर बैठ गया और फिर तनिक झिझकता-सा बोला - “बुरा न मानो तो एक बात पूछूं ?”
“पूछो ।”
“कल रात तुम्हारी पायल से मुलाकात हुई थी ?”
“नहीं तो ।”
“पक्की बात ?”
“हां, पक्की बात । मैं ज्योति जैसी नहीं हूं । वैसे भी मेरे पेट में तो कोई मामूली बात हज्म नहीं होती, ये तो बड़ी अहम बात है जो मैंने उस सब-इंस्पेक्टर को फौरन बतायी होती । अपनी मर्जी से, न कि ज्योति की तरह दबाव में आकर ।”
“मुलाकात की तमन्नाई तो बहुत थीं तुम ?”
“उसमें क्या बड़ी बात है ! हम सब ही पायल से मुलाकात के बहुत तमन्नाई थे । यहां तक कि तुम भी ।”
“तुम्हारी मंशा उससे फौरन मिलने की थी, इसीलिये रात को तुम चोरों की तरह अपने कमरे से बाहर निकली थीं और मेरे पुकारने पर लपककर नीचे लाउन्ज में पहुंच गयी थीं और ड्रिंक की तलब का बहाना करने लगी थीं ।”
“बहाना !” - उसकी भवें उठीं ।
“अपनी असल मंशा छुपाने के लिये क्योंकि तुम्हारी उम्मीद के खिलाफ मैं तुम्हारे रास्ते में जो आ गया था ।”
“लेकिन बहाना ?”
“हां, बहाना । तब तुम नशे में नहीं थीं । तब तुम और विस्की पीने की भी तमन्नाई नहीं थीं । बार पर बोतल और गिलास को तुमने महज मुझे दिखाने के लिये अपने काबू में किया था ।”
“मैं कल रात लाउन्ज में थी ?”
“हां । पायल के यहां पहुंच चुकने के बाद किसी वक्त । अब ये न कहना कि तुम्हें नींद में चलने की बीमारी है और तुम्हें ऐसी किसी बात की खबर ही नहीं ।”
“नींद में चलने की बीमारी मुझे नहीं है लेकिन रात तीन बजे के बाद लाउन्ज में अपनी मौजूदगी की सच में ही खबर नहीं मुझे । कल मैं बहुत ज्यादा पी गयी थी इसलिये...”
“बिल्कुल झूठ । हकीकत ये है कि पायल के आगमन की खबर सुनते ही तुमने ड्रिंक्स से हाथ खींच लिया था । उस घड़ी के बाद से तुमने पीने का महज बहाना किया था, पी नहीं थी । तब विस्की का गिलास जरूर हर घड़ी तुम्हारे हाथ में था लेकिन तुमने कभी उसे खाली नहीं किया था, अलबत्ता उसे अपने होंठों तक ले जाकर चुस्की मारने का बहाना तुम बराबर करती रही थीं । एक बार तो तुम बार पर जाकर खुद अपना जाम तैयार करके उसे मुंह तक लगाये बिना वहां वापिस रखकर चली गयी थीं । मैं खुद गवाह हूं तुम्हारी इस हरकत का ।”
“हो सकता है ।” - वो लापरवाही से बोली - “लेकिन बाद में मैंने अपने कमरे में जाकर भी तो पी थी ।”
“तुम अपने साथ बोतल रखती हो ?”
“साथ रखने की क्या जरूरत है ? सतीश का माल यहां हर जगह उपलब्ध है । कहो तो यहीं मंगाऊं ? रोजमेरी ही ले आयेगी ।”
राज ने जोर से इनकार में सिर हिलाया ।
“भई, यहां तो स्काच की नदियां बहती हैं । बाथरूम में शावर खोलो तो विस्की निकलती है, सिंक का नलका खोलो तो विस्की निकलती है ।”
“सब बहाना है तुम्हारा । स्टण्ट है । मेरा दावा है कि कल रात पायल की आमद की घोषणा के बाद तुमने ड्रिंक्स से ऐसा हाथ खींचा था कि दोबारा उसके करीब नहीं फटकी थीं । लाउन्ज में तुमने मुझे शराब में शिकरत करने या दफा हो जाने के लिये कहा ही इसलिये था क्योंकि असल में उस घड़ी तुम मुझे वहां से दफा ही करना चाहती थीं... ताकि मैं तुम्हारी पायल से मुलाकात में विघ्न न बन पाता । अब बोलो पायल से मुलाकात हुई थी तुम्हारी ?”
“मुझे याद नहीं कि कल रात एक बार अपने कमरे में पहुंच जाने के बाद मैं वहां से बाहर निकली थी लाउन्ज में गयी तो मैं हो ही नहीं सकती । मैं तो घोड़े बेचकर सोई थी ।”
“यानी कि मैं झूठ बोल रहा हूं ?”
“तुमने सपना देखा होगा या मुझे नहीं, किसी और को देखा होगा । हम सब एक ही जैसी तो लगती हैं । फिर तुम भी तो नींद से जागे होगे ।”
“जागा तो मैं” - उसके मुंह से निकला - “नींद से ही था ।”
“सो देअर यू आर । ऊंघ में तुमने किसी और को डॉली समझ लिया था ।”
“मैंने तुम्हें नाम लेकर पुकारा था, तुमने जवाब दिया था...”
“मुझे याद नहीं । मुझे कुछ याद नहीं ।”
तभी रोजमेरी वहां पहुंची ।
“लो” - डॉली विषय परिवर्तन की नीयत से बोली - “तुम्हारी कॉफी आ गयी ।”
रोजमेरी ने कॉफी का गिलास राज के सामने टेबल पर रखा ।
“थैंक्यू, रोजमेरी ।” - राज बोला ।
“सर” - रोजमेरी बोली - “जो हाउसकीपर का मर्डर किया, वो पकड़ा जायेंगा न ?”
“जरूर पकड़ा जायेगा । और अपनी करतूत की सख्त सजा पायेगा ।”
“बहुत बुरा हुआ बेचारी के साथ । शी वाज सच ए नाइस वुमन । कैसे कोई उसका मर्डर करना सकता !”
“वो फांसी पर लटकेगा । हाउसकीपर से तुम्हारा मेलजोल कैसा था, रोजमेरी ?”
“ओके था । वो बहुत सीरियस नेचर का था । कभी ज्यास्ती बात करना नहीं मांगता था । खामोश रहता था । कभी कोई पर्सनल बात डिसकस करना नहीं मांगता था ।”
“यानी कि वो अपनी पिछली लाइफ या अपनी फैमिली के बारे में कोई बात नहीं करती थी ?”
“नो । नैवर । मैं एक दो-बार ऐसा सवाल किया, वो जवाब नहीं दिया । सो आई टुक दि हिन्ट । दोबारा नहीं पूछा ।”
“उसकी यहां कोई चिट्ठी-पत्री आती थी ?”
“नो ।”
“वो खुद तो किसी को लिखती होगी ?”
“नैवर । नो लेटर । नो पर्सनल टेलीफोन काल । नो नथिंग । वो बहुत खामोश, बहुत सैल्फकन्टेन्ड होना सकता । ज्यास्ती बात नहीं । मसखरी नहीं । नो नथिंग ।”
“आई सी । बाई दि वे” - राज इस बार तनिक मुस्कराता हुआ बोला - “कल मैं तुम्हारे ब्वाय फ्रेंड से मिला था । बहुत स्मार्ट था । बहुत हैण्डसम था । अलबत्ता थोड़ा कद में मार खा गया था ।”
“मेरा ब्वाय फ्रेड !” - रोजमेरी की भवें उठीं ।
“हां । जो कल रात तुम्हें यहां से लेने आया था । वो बाहर सड़क पर मुझे तुम्हारा इन्तजार करता मिला था ।”
“मेरा ब्वाय फ्रेंड ! वो बोला ऐसा ?”
“हां । ये भी बोला कि जल्दी ही वो तुमने शादी बनाने वाला था ।”
“सर, कोई बंडल मारा । मेरे को तो शादी बनाये नौ साल हो गया ।”
“क्या !”
“मैं तो नौ साल से मैरिड है । दो बाबा लोग भी है ।”
“कमाल है ! कल रात तुम घर कैसे पहुंची थीं ?”
“हाउसकीपर छोड़कर आया । स्टेशन वैगन पर ।”
“तो फिर वो किस फिराक में था जो कहता था कि तुम्हें ले जाने के लिये बाहर मेन रोड पर मौजूद था ?”
“अगर वो रोजमेरी को जानता था” - डॉली बोली - “तो रोजमेरी भी उसे जानती हो सकती है । तुम इसको उसका हुलिया बोलो ।”
राज ने बोला ।
रोजमेरी ने इनकार में सिर हिलाया ।
“उसकी गाड़ी !” - एकाएक राज बोला - “वो ऐसी थी कि कहीं भी पहचानी जा सकती थी ।”
“कैसा था गाड़ी ?” - रोजमेरी बोली ।
“खटारा फियेट ! सूरत में एकदम कण्डम । कई रंगों में रंगी हुई । ड्राइविंग साइड का पिछला दरवाजा रस्सी से बंधा था...”
“वो तो मारकस रोमानो का गाड़ी है ।”
“मारकस रोमानो । वो कौन है ?”
“छोकरा है ।”
“छोकरा !”
“अभी स्कूल में पढता है ।”
“लेकिन वो जो अपने आपको तुम्हारा ब्वाय फ्रैंड बता रहा था, वो तो उम्र में मेरे से भी बड़ा लगता था ।”
“मालूम नहीं कौन होयेंगा ।”
“क्या पता” - डॉली सस्पेंसभरे स्वर में बोली - “वही पायल का कातिल हो !”
“लेकिन वो था कौन ?” - राज बोला ।
“वो छोकरा - जिसकी कि वो गाड़ी थी, मारकस रोमानो - उसे जानता हो सकता है ।”
“बशर्ते कि उसकी गाड़ी उसने चुराई न हो ।”
“ऐसी गाड़ी कौन चुरायेगा जो दमकल की तरह सारे आइलैंड पर पहचानी जा सकती हो ।”
“ये भी ठीक है । रोजमेरी, ये मारकस रोमानो पाया कहां जाता है ?”
“ईस्टएण्ड पर । अभी उधर किसी बार में बैठ बीयर पीता होयेंगा ।”
“ईस्टएण्ड ।”
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