Desi Porn Stories अलफांसे की शादी
10-23-2020, 01:13 PM,
#79
RE: Desi Porn Stories अलफांसे की शादी
मिक्की का दिल चाहा कि पलक झपकते ही उसके नाखून राक्षसों की तरह लम्बे हो जाएं और फिर इन नाखूनों से वह अपना चेहरा नोच डाले।
खून पी जाए अपना।
फिंगर प्रिन्ट्स के रूप में वह एक ऐसा पुख्ता सबूत दे चुका था कि अब लाख कोशिशों के बावजूद खुद को सुरेश साबित नहीं कर सकता था—मिक्की का जी चाह रहा था कि यदि मेरा नसीब इंसान के रूप में सामने आ जाए तो उसके टुकड़े-टुकड़े कर दूं। शक्ल इतनी बिगाड़ दूं कि खुद को पहचान न सके।
"ब.....बेटे सुरेश।"
ममता का मारा जानकीनाथ मिक्की की तरफ बढ़ा ही था कि बहुत देर से खामोश बैठी नसीम बानो ने चीखकर कहा— "जिसके लिए तुम पागल हुए जा रहे हो जानकीनाथ, वह तुम्हारा बेटा नहीं, मिक्की है।"
"म.....मिक्की?" जानकीनाथ के हलक से चीख निकल गई।
"हां, मिक्की—सुरेश का हत्यारा, तुम्हारे बेटे का कातिल।"
"कौन कहता है कि मिक्की सुरेश का कातिल है?" दहाड़ता हुआ रहटू इंस्पेक्टर म्हात्रे के ऑफिस में दाखिल हुआ।
उसे देखते ही मिक्की सहित कई के मुंह से निकला—"त.....तुम?"
"हां, मैं.....मैं तेरी कोई चाल कामयाब नहीं होने दूंगा। अमीरों की दौलत चूसने वाली गन्दी तवायफ—तेरा यह इरादा खाक में मिला दूंगा मैं।"
"म.....मगर रहटू, तू यहां?" मिक्की चकित था—"तुझे तो पुलिस पकड़कर ले गई थी न?"
"छोड़ दिया, मुझसे माफी भी मांगनी पड़ी उन्हें।"
"क्या मतलब?"
"किसी अज्ञात आदमी के फोन कर दिया था कि मेरी आइसक्रीम के किसी कप में जहर है, बस—पुलिस इतनी बेवकूफ है कि उसने मुझे आकर गिरफ्तार कर लिया, मगर जांच के बाद किसी भी कप में जहर नहीं पाया गया—बस, पुलिस ने न सिर्फ छोड़ दिया बल्कि मुझे हुई असुविधा के लिए माफी भी मांगी।"
रहटू के चमत्कार से मिक्की चमत्कृत रह गया।
और वह, जो सबसे नाटा था—नसीम बानो के ठीक सामने आकर गुर्राया—"क्या बक रही थी तू.....मिक्की सुरेश का हत्यारा है?"
"हां।" खुद को फंसते देख नसीम बानो की हालत पागलों जैसी हो गई थी—"एक बार नहीं हजार बार कहूंगी कि ये सुरेश का हत्यारा है, उसकी दौलत पर कब्जा करने के लिए इसने सुरेश की हत्या की और हमशक्ल होने का लाभ उठाकर सुरेश बन बैठा।"
नाटे शैतान ने नसीम बानो के स्थान पर सीधे गोविन्द म्हात्रे से कहा— "ये चालाक और खतरनाक वेश्या एक बार फिर तुम्हें धोखा देने की कोशिश कर रही है इंस्पेक्टर, मिक्की ने सुरेश की लाश को अपनी लाश 'शो' करके सुरेश का रूप जरूर धरा है, मगर उसकी हत्या नहीं की—सुरेश की लाश को पेश करके मिक्की ने अपनी आत्महत्या का नाटक जरूर रचा है, परन्तु किसी नापाक इरादे के साथ नहीं—मुझसे ज्यादा इसे कोई नहीं जानता, इस सारे अभियान में मैं इसके साथ हूं—ये हकीकत है कि इसने हर कदम नेक इरादे के साथ उठाया।"
"तुम कहना क्या चाहता हो?"
"यह बक रहा है, इंस्पेक्टर।" नसीम बानो आपे से बाहर होकर चीख पड़ी—"हकीकत ये है कि मिक्की ने सुरेश की हत्या की और फिर हमशक्ल होने का लाभ.....।"
"शटअप!" म्हात्रे ने उससे ऊंची आवाज में नसीम को डांटा—"मेरी इजाजत बिना तुम एक लफ्ज नहीं बोलोगी।"
नसीम बानो सकपका गई।
"तुम बोलो मिस्टर रहटू, क्या कह रहे थे?"
"सुरेश की पत्नी विनीता ही नहीं, बल्कि उसके नौकर तक मिक्की की गरीबी के कारण इससे नफरत करते थे—इस बात के गवाह जानकीनाथ भी हैं कि सुरेश मिक्की से प्यार करता था—मिक्की के दिल में भी सुरेश के लिए उतना ही प्यार था, इस बात का गवाह मैं हूं—मिक्की सुरेश से मिलने अक्सर कोठी पर जाता था, सुरेश के अलावा इससे कोई भी बात नहीं करता था, अतः इसे सीधा सुरेश के कमरे में ही पहुंचा दिया जाता था—उस दिन जब यह सुरेश से मिलने गया तो नफरत से मुंह सिकोड़ते हुए विनीता ने इसे सुरेश के कमरे में जाने की इजाजत दे दी, मगर कमरे में कदम रखते ही मिक्की के होश उड़ गए—सुरेश की लाश अपने कमरे के पंखे में झूल रही थी—दृश्य ऐसा था जैसे उसने आत्महत्या कर ली हो, मारे डर के मिक्की चीख के साथ अभी कमरे से भागना ही चाहता था कि दिमाग में यह ख्याल आया कि सुरेश आत्महत्या क्यों करेगा?
मिक्की की समझ में ऐसी कोई चीज या बात नहीं आ रही थी जिसका सुरेश को अभाव हो और मिक्की यह सोचकर रुक गया कि सर्वसुख सम्पन्न सुरेश ने भला आत्महत्या क्यों की—कमरे में पैनी नजर घुमाने के बाद मिक्की को सुरेश की ऐश-ट्रे में ट्रिपल फाइव के टोटों के बीच 'चांसलर सिगरेट' का एक टोटा नजर आया—अलग रंग का होने के कारण वह दूर से साफ चमक रहा था, जबकि मिक्की अच्छी तरह जानता था कि सुरेश सिर्फ और सिर्फ ट्रिपल फाइव की सिगरेट पीता था—फिर चांसलर किसने पी—सारांश ये कि मिक्की समझ गया कि सुरेश ने आत्महत्या नहीं की, बल्कि उसका मर्डर किया गया है—उस वक्त मिक्की जिस तरह गया था, उसी तरह दरवाजा भिड़ाकर वहां से आ गया—सारा हाल मुझे बताने के बाद यह फूट-फूटकर रोने लगा, कहने लगा कि जाने किस कमीने ने मेरे भाई की हत्या कर दी—अगर वह मुझे कहीं मिल जाए तो मैं उसके टुकड़े-टुकड़े कर दूं—हमने सोचा कि सुरेश की लाश मिलने पर मुमकिन है कि पुलिस इसे आत्महत्या का केस मानकर फाइल बन्द कर दे, ऐसी हालत में सुरेश के हत्यारे का पता तक नहीं लगना था।''
''तुमने ऐसा कैसे सोच लिया?" म्हात्रे ने पूछा—"जब मिक्की ने ताड़ लिया कि वह हत्या है तो पुलिस को क्या तुम बेवकूफ समझते हो?"
"मैं, सिर्फ वह बता रहा हूं जो उस वक्त हमने सोचा, ये अलग बात है कि उसे आज आप गलत करार दें या नहीं।" रहटू कहता चला गया—"वैसे आप हर पुलिस वाले को अपनी तरह ईमानदार न समझें, इंस्पेक्टर म्हात्रे—मैंने अपने जीवन में ऐसे-ऐसे पुलिस अफसर देखे हैं जो थीड़ी-सी रकम के लिए न सिर्फ ऐसे सबूतों को अनदेखा कर देते हैं, जिन्हें अन्धा भी देख ले, बल्कि उन्हें गायब भी कर देते हैं। उसके फेवर में नए सबूत घटनास्थल से बरामद भी दिखा देते हैं, जिसे हरे नोट मिले हों।"
"खैर, तुम आगे बढ़ो।"
"हम इस नतीजे पर पहुंचे कि अगर सुरेश के हत्यारों का पता लगाना है तो मिक्की को सुरेश बन जाना चाहिए।"
"हत्यारों का पता लगाने के लिए सुरेश बनना ही क्या जरूरी था?"
"हमने सोचा था कि जब हत्यारा अपने से मार दिए गए सुरेश को जीवित देखेगा तो चकरा जाएगा, सुरेश बने मिक्की के इर्द-गिर्द पहुंचने की कोशिश करेगा और उसकी इसी गलती की वजह से हमें सफलता जल्दी मिल जाएगी।"
"ओह।"
"हम उसी समय रेन वाटर पाइप से चोरों की तरह सबसे छुपकर सुरेश के कमरे मे पहुंचे—लाश की यथास्थिति बता रही थी कि संयोग से उस वक्त तक घर के किसी सदस्य ने कमरे में कदम नहीं रखा था—हमने लाश उतारी, मिक्की सुरेश बना—और मिक्की के कपड़े सुरेश की लाश को पहना दिए गए—सुरेश बने मिक्की ने उसी वक्त कमरे से बाहर निकलकर न सिर्फ अपने कमरे को लॉक कर दिया बल्कि विनीता से यह भी कह कि वह बिजनेस के सिलसिले में दिल्ली से बाहर जा रहा है—प्रत्यक्ष में रवाना होकर यह कुछ देर बाद खिड़की के रास्ते पुनः कमरे में आ गया—मैं सुरेश की लाश के साथ वहां था ही—अब हमारे सामने समस्या सुरेश की लाश को ठिकाने लगाने की थी और उसे ठिकाने लगाने का इससे बेहतर हमें कोई रास्ता सुझाई नहीं दिया कि उसकी लाश को मिक्की की लाश दर्शा दिया जाए—योजनानुसार मिक्की ने लम्बे सुसाइड नोट वाली डायरी लिखी, लाश को अंधेरे का लाभ उठाकर हमने मिक्की के कमरे में पहुंचाया और वहां लाश किस हालत में मिली—पुलिस ने उसे मिक्की से आत्महत्या किस तरह माना, इस सबका ब्यौरा पुलिस फाइल में दर्ज है।"
"तुम्हारी इस कहानी का लब्बो-लुआब ये है कि मिक्की सुरेश की हत्या करके उसकी दौलत हड़पने के लिए सुरेश नहीं बना, बल्कि इसका मकसद सुरेश के हत्यारों तक पहुंचना और उनसे बदला लेना था?"
"आप सही समझ रहे हैं, इंस्पेक्टर म्हात्रे परन्तु 'कहानी' शब्द का इस्तेमाल आपने गलत किया है, मैंने आपको कहानी नहीं सुनाई, बल्कि 'हकीकत' बताई है।''
"क्या इस हकीकत का कोई सबूत भी है तुम्हारे पास?"
"सुरेश की वह ऐश-ट्रे जिसमें ट्रिपल फाइव के टोटे के बीच चांसलर का टोटा भी है, आज तक मेरे कमरे में उसी हालत में अनछुई रखी है।"
"यह कोई अकाट्य सबूत नहीं है।"
"विनीता मेरे बयान की पुष्टि कर सकती है।"
जानकीनाथ ने कहा— "विनीता अब इस दुनिया में नहीं है।"
"क.....क्यों.....कहां गई?"
जानकीनाथ के जवाब देने से पहले इंस्पेक्टर म्हात्रे ने कहा— "हालांकि फिलहाल तुम्हारे बयान को सच मान लेने की कोई ठोस वजह नहीं हैं, मगर यदि यह सच भी है तो तुमने कानून तोड़ा है, कानून तुम्हें किसी की लाश को कहीं से लाकर कहीं और टांग देने तथा उसका रूप धरकर षड्यंत्र रचने की इजाजत नहीं देता।"
"मानता हूं।" रहटू ने कहा— "मगर ये जुर्म कत्ल से बहुत नीचे का है, जिसमें मिक्की को फंसाने की कोशिश की जा रही है—वास्तव में हमने यह जुर्म किया है और हम इसकी सजा भुगतने के लिए भी तैयार हैं।"
मिक्की मन-ही-मन रहटू के लिए वाह-वाह कर उठा।
उसने स्वप्न में भी कल्पना नहीं की थी, कि इतनी बुरी तरह फंस जाने के बावजूद रहटू उसे सफाई के साथ निकाल लेगा—उस वक्त मिक्की यह सोच रहा था कि रहटू के पास इतनी बुद्धि कहां से आ गई जब म्हात्रे ने उससे पूछा—"खैर, क्या तुम्हारा षड्यन्त्र कामयाब हुआ, मिस्टर मिक्की?"
"क.....कौन-सा षड्यन्त्र?" मिक्की बौखला गया।
"सुरेश के हत्यारे तक पहुंचने का षड्यन्त्र।" म्हात्रे ने पूछा—"क्या सुरेश के हत्यारे से तुम्हारी मुलाकात हो सकी?"
"न.....नहीं।" मिक्की ने संभलकर कहा— "उससे तो मुलाकात न हो सकी, मगर इस लोगों के षड्यन्त्र में जरूर उलझ गया मैं—इनकी बातों से मुझे लगने लगा कि सुरेश ने सचमुच जानकीनाथ की हत्या की होगी—इन्हें मेरे सुरेश होने पर शक न हो, इसलिए मैं इनकी 'हां' में 'हां' मिलाता चला गया—बीच में तो मैं ये भी सोचने लगा था कि कहीं ये लोग सच ही नहीं कह रहे हैं—कहीं सच यही तो नहीं है कि बाबूजी की हत्या के बाद ग्लानि महसूस करके सुरेश ने आत्महत्या की हो?"
कुछ देर चुप रहने के बाद इंस्पेक्टर म्हात्रे ने कहा— "हालांकि तुम दोनों दोस्त हर सवाल का जवाब बड़ा माकूल दे रहे हो, मगर अभी तक अपने बयान को सच साबित करने वाला कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सके।"
"इसी बात का किसके पास क्या सबूत है इंस्पेक्टर कि मिक्की सुरेश की हत्या करने के बाद उसकी दौलत हड़पने के लिए सुरेश बना है?" मिक्की ने कहा।
"खैर।" एक लम्बी सांस लेकर इंस्पेक्टर म्हात्रे ने कहा—“ गुत्थी सुलझ चुकी है, तुम खुद को गिरफ्तार के रूप में नहीं बल्कि जबरदस्त षड्यंत्रकारी के रूप में और आपको मैं विनीता और विमल की हत्या के जुर्म में गिरफ्तार करता हूं, जानकीनाथ।"
"और हम?" रहटू ने पूछा।
"गिरफ्तार तो आप हैं ही, यह जांच करनी बाकी है कि किस जुर्म में गिरफ्तार है और इसके लिए मैं उस ऐश-ट्रे का निरीक्षण करने आपके कमरे में चलना चाहूंगा।"
"श.....श्योर।" रहटू ने नाटकीय ढंग से कहा।
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RE: Desi Porn Stories अलफांसे की शादी - by desiaks - 10-23-2020, 01:13 PM

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