RE: antarwasna आधा तीतर आधा बटेर
चीफ थोड़ी देर खामोश रहे कर बोला….
बहेरहाल
तुम्हारा भाई इस पोज़िशन में नही कि मेरा क़र्ज़ अदा कर सके….
इसलिए
इस्तीफ़ा दे कर गायब हो गया है….!
ओहू….तो क्या इसी लिए इस्तीफ़ा भी….?
हा…. इसी लिए
क्या तुम यहाँ के क़ानूनी तौर पर अपना क़र्ज़ पा सकोगे….?
मैं नही समझा….?
क्या तुम्हारे पास उनकी कोई ऐसी तहरीर (लेखन) है….जिस की बिना पर उनका कर्ज़दार होना साबित हो सके….?
नही….
तो फिर….उन्हे तुम से ख़ौफज़दा होने की क्या ज़रूरत थी….?
वो अच्छी तरह जानता है कि अगर उसने क़र्ज़ अदा ना किया तो उसके दोनो कान काट दिए जाएँगे….!
हुह….इस मुल्क में….? औरत ने गुस्सैले लहजे में पूछा
उसमे हैरत की क्या बात है….यही देखलो कि तुम हमारी क़ैद में हो….इस मुल्क में….तुम्हारे क़ानून ने हमारा क्या बिगाड़ा है….तुम्हारे अगवा की खबर से पूरे शहेर में सनसनी फैल गयी है….अख़बारात चीख रहे है
लेकिन
तुम देख रही हो….!
औरत कुछ ना बोली….
चीफ थोड़ी देर खामोश रह कर बोला….तुम्हारा भाई जहाँ भी होगा तुम्हारे अगवा की खबर उस तक ज़रूर पहुँची होगी….
और
ये भी जानता होगा कि उनमे किस का हाथ है….
लेकिन
उसे तुम्हारा ज़ररा बराबर भी ख़याल नही है….!
औरत खामोश रही….
अचानक….किसी ने दरवाज़े पर दस्तक दी….
और
चीफ चौंक कर मुड़ा….
फिर
उसने गुस्सैले अंदाज़ में उठ कर दरवाज़ा खोला….सामने हवर्ड खड़ा नज़र आया….!
च….चे….चीफ़….वो हकलाया….कॉंपाउंड में कोई है….
कौन है….?
पता नही….
तुम्हारा दिमाग़ तो चल नही गया….ओह….अपनी शक्ल देखो….कौन है कॉंपाउंड में….ओह….मैं समझा….तुम शायद ये कहना चाहते हो कि उन्ही लोगों में से कोई है….?
हवर्ड ने हाँ में सर को हिलाया….
तुम्हे कैसे मालूम हुआ….?
कुत्ते भोंकने लगे है….
गेट बाँध कर के उन्हे खोल दो….
लेकिन
पहले आईने में अपनी शक्ल ज़रूर देख लेना….कहीं तुम्हे ही गोली ना मार दूं….तुम डर रहे हो….?
न….ना….नही तो चीफ….वो पीछे हटता हुआ बोला….मैं कुत्ते खुलवा देता हूँ….
ठीक उसी वक़्त पूरी इमारत में अंधेरा छा गया….
और
चीफ उँची आवाज़ में बोला….खबरदार तुम कमरे ही में खामोश बैठी रहना….वरना….गोली मार दी जाएगी….
फिर
उसने खींच कर दरवाज़ा बंद किया….
और
टटोल कर खुफाल (लॉक) में कुंजी लगाई….अंधेरे में दौड़ते हुए कदमों की आवाज़ें गूँज रही थी….!
कुत्ते….कुत्ते….चीफ ज़ोर से चीखा….कुत्ते खोल देने की कोशिश करो….वो दीवार टाटोलता हुआ आगे बढ़ रहा था….!
भगदड़ की आवाज़ अब भी सुनाई दे रही थी….उन लोगों के आने से पहले भी इस इमारत में कुछ अफ्राद मौजूद थे….
और
अब उनकी तादाद 11 थी….!
चीफ बढ़ते-बढ़ते सदर दरवाज़े तक आ पहुचा….कॉंपाउंड में उसे टॉर्च की रोशनी दिखाई दी….
और
कुछ ऐसे लोग भी आए जिन्होने बुल-डॉग की ज़ंजीरें थाम रखी थी….!
जल्दी करो….चीफ दहाडा….उन्हे छोड़ दो….!
कुत्ते छोड़ दिए गये….
और
वो एक ही तरफ दौड़ते चले गये….!
चीफ पोर्च में खड़ा अपने आदमियों को हिदायत (निर्देश) दिए जा रहा था….
लेकिन
अभी तक किसी ने भी दोबारा रोशनी के इंतेज़ाम की फ़िक्र नही की….पता नही वो इतने बढ़हवास हो गये थे….या जेनरेटर ऑन नही करना चाहते थे….सिर्फ़ दो अदद टॉर्च की रोशनियाँ कॉंपाउंड के अंधेरे में गर्दिश कर रही थी….
अचानक….कुत्ते खामोश हो गये….
और
ऐसा लगा जैसे उससे पहले किसी किस्म की आवाज़ें ना रही हो….
फिर….शायद
किसी ने विशिष्ट अंदाज़ में सीटी बजाई….
लेकिन
उसकी आवाज़ सन्नाटे में मद्गम (एकीकृत) हो गयी….
और
कुत्तों की तरफ से किसी प्रतिक्रिया का इज़हार नही हुआ….!
देखो….क्या हुआ….? चीफ दहाडा
जिस तरह कुत्ते मारे गये है….इसी तरह देखने वाले भी मार दिए जाएँगे….किसी की आवाज़ दो-रफ़्ता हिस्से से आई….आवाज़ की दिशा में फ़ौरन किसी ने फाइयर झोंक दिया….!
चीफ तेज़ी से हट गया….वो समझ ही नही सका कि वो आवाज़ उसी के किसी के आदमी की थी….या कोई और था….जिस ने उसकी बात का जवाब दिया था 2 फाइयर फिर हुए….
और….
वो सदर दरवाज़े के करीब दीवार से लगा खड़ा था….
इतने में कोई दौड़ता हुआ पोर्च में आया….
और
सीढ़ियों पर चढ़ता हुआ फिर लूड़क गया….चीफ ने उसका धुँधला सा हुलिया देखा….
लेकिन….
अपनी जगह से हिला भी नही….!
पे दर पे फाइयर फिर हुए….इसके बाद ही पोलीस की किसी पेट्रोल कार का साइरन सुनाई देने लगा….!
चलो सब….अंदर चलो….चीफ हलाक फाड़ कर बोला….रोशनी….मेन-स्विच देखो….!
सब कुछ ठीक है….लेफ्ट तरफ से आवाज़ आई….ऐसा लगता है जैसे पॉल पर से गयी हो….
पवर हाउस फोन करो….चीफ ने कहा
और
फिर….उसे याद आया कि अभी कोई पोर्च की सीढ़ियों पर से लूड़क गया था….देखो….उधर कौन है….टॉर्च इधर लाओ….!
दूसरे ही लम्हे में टॉर्च चीफ के चेहरे पर पड़ी….
मुझे टॉर्च दो….वो झुनझूला कर बोला
आने वाले ने टॉर्च उसकी तरफ बढ़ा दिया….
और
उसने सीढ़ियों पर रोशनी डाली….उसी का एक आदमी नीचे सीढ़ी पर औंधा पड़ा नज़र आया….
और
उसके नीचे से खून की पतली सी लहेर निकल कर दूर तक बल खाती चली गयी….
इसे उठा कर फ़ौरन अंदर ले चलो….चीफ बोला….
और
खून का निशान तक यहाँ ना मिलना चाहिए….जल्दी करो….मैं फाटक पर जा रहा हूँ….पोलीस इधर ही आ रही है….बाहर के लोग इस इमारत की नशानदेही कर देंगे….कयि फाइयर हुए थे….
ओह…चीफ….बाई तरफ से आवाज़ आई….मेन-स्विच की एक फ्यूज़ ग्रूप गायब है….!
जल्दी से दूसरी लगाओ….कहता हुआ गेट की तरफ बढ़ गया….!
उसके अंदाज़े के मुताबिक पेट्रोल कार गेट की दिशा में रुकी थी….
और
उसे फाइयर के बारे में पूछा गया….
आवाज़ें हम ने भी सुनी थी….
लेकिन
दिशा का निर्धारित नही कर सकते….यहाँ की बिजली में कोई नुखस हो गया है….चीफ ने जवाब दिया
कार आगे बढ़ गयी….
शायद
वो लोग उसकी शक्षियात से प्रभावित हो गये थे….!
वो तेज़ी से इमारत की तरफ पलटा….अभी पोर्च में भी नही पहुँचा कि इमारत रोशन हो गयी….दो आदमी सीढ़ियों के करीब खून के धब्बे धो रहे थे….
क्या वो मर गया….? चीफ ने पूछा
नही चीफ….जवाब मिला….शाने पर गोली लगी है….बेहोश है
कुत्तों का क्या हश्र हुआ….उन्हे भी देखो….
फिर ज़रा सी देर में उसे मालूम हो गया कि कुत्ते पार्क में बेहोश पड़े है….उन्हे गोली नही मारी गयी थी….
बल्कि बेहोश कर देने वाली कारतूस का शिकार हुए थे….इस इत्तिला पर वो चौंक पड़ा….
और कैदी औरत वाले कमरे की तरफ चल पड़ा….
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