RE: antarwasna आधा तीतर आधा बटेर
नाम ही से खौफनाक लगता है….
बहेरहाल
अब पोलीस मेरा पीछा छोड़ेगी….
और हाँ….मुझे मालूम हुआ है कि तुम इंटेलेजेन्स-डिपार्टमेंट के सब से बड़े ऑफीसर के बेटे हो….!
तो फिर….क्या सोंच रही हो….मुझसे दोस्ती ख़त्म कर दोगि….?
सवाल ही पैदा नही होता….अब तो मैं तुम से ये दरख़्वास्त करूँगी कि मुझे और मेरे बाप को उस मुसीबत से निजात दिलाने की कोशिश करो….!
ज़रूर….ज़रूर….हर खिदमत के लिए हाज़िर हूँ….!
तो फिर मुझे बताओ….मैं आउ….या तुम मेरे घर आ रहे हो….?
एक घंटे बाद फोन पर बता दूँगा….ओके….इमरान ने फोन काट दिया….वो रहमान साहब से गुफ्तगू करना चाहता था….
लिहाज़ा घर के नंबर डाइयल किया….इस वक़्त वो ऑफीस से वापस आ चुके थे….दूसरी तरफ से कॉल उन्होने रिसीव की….
आप अपने ऑफीस के टेलिफोन एक्सचेंज की खबर ली जिए….इमरान ने कहा
मेरा भी यही ख़याल है….रहमान साहब की आवाज़ आई….शाहिद के हट का नंबर उन लोगों तक इसी तरह पहुँचा होगा….हमारी गुफ्तगू से पहले वो कतई तौर पर अंजान थे….!
लेकिन….आप भी इस सिलसिले की छानबीन ना शुरू कर दी जिएगा….!
क्यूँ….?
इसी तरह हम उन्हे ग़लत रास्तों पर डाल कर बे-नक़ाब कर सकेंगे….!
ख़याल तो ठीक है….अच्छी बात है….फिलहाल उस मामले को ऐसे रखता हूँ….!
क़ादिर ने क्या बताया….?
300 रूपीए के एवज़ उसने खाब में लिफ़ाफ़ा और आधा तीतर रखा था….किसी के बावरची ने ये कह कर के उसे उस काम पर आमादा किया था….वो मेरे एक करीबी दोस्त का बावरची है….
और वो करीबी दोस्त मुझसे एक दिलचस्प मज़ाक़ करना चाहता है….!
किस का बावरची था….?
क़ादिर नशानदेही ना कर सका….
बहेरहाल मैने क़ादिर को निकाल दिया है….!
सुलेमान के लिए क्या है….
क्या वो भी इस मामले में संजीदा है….?
मर जाने की हद तक….
अच्छी बात है….मैं देखूँगा….!
और हाँ….किंग्सटन के थाने के इंचार्ज को हिदायत कर दी जिए….वो हंस की लड़की का पीछा ना छोड़े….इस सिलसिले में पूछ-गाच जारी रखे कि वो कार किस की थी जिस में मलइक़ा को ले गयी थी….!
वो तो होता ही रहेगा….उस गाड़ी की वजह से केस ख़त्म नही हो सकता….!
मैं यही चाहता हूँ….!
फिर दूसरी तरफ से सिलसिला कट होने की आवाज़ सुन कर इमरान ने रिसीवर रख दिया….वो अब भी सेइको मॅन्षन में ही था….
कुछ देर बाद उसने अपने फ्लॅट के नंबर डाइयल किए….
जोसेफ ने कॉल रिसीव की….
शुलैमान को फोन पर बुलाओ….
मेरा उससे झगड़ा हो गया है बॉस….मैं उससे इत्तिला नही नही दे सकता….
किस बात पर झगड़ा हुआ था….?
शादी के मसले पर….
आहा….तो क्या आप भी कॅंडिडेट है….?
सवाल ही पैदा नही होता….
फिर….क्या बात है….?
वो कह रहा था कि अपनी बीवी को भी इस फ्लॅट में ला कर रखेगा….!
अच्छा तो क्या किसी और के सुपुर्द कर के आएगा….?
ये बात नही है बॉस….फ्लॅट में मैं भी रहता हूँ….!
अरे….तो क्या तुझे खुद पर भरोसा नही है….?
क्यूँ नही है….बॉस मैं ऐसी जगह नही रह सकता जहाँ कोई औरत भी रहती हो….!
औरत के पेट में कैसे रहा था….?
अपनी मर्ज़ी से नही रहा था….
अरे….क्या मुझसे भी झगड़ा करोगे….?
देखो बॉस….समझने की कोशिश करो….या यहाँ वो रहेगी या मैं रहूँगा….!
अगर ये बात है….
तो….
पहले ही बता देता….सुलेमान को किसी तरह इस पर राज़ी कर लेता कि तुझसे शादी कर ले….अब तो कुछ भी नही कर सकता उसकी बात पक्की हो गयी है….!
मैं अपना सर दीवार से टकरा कर चकनाचूर कर लूँगा….
रिसीवर रखने के बाद….!
हाऐं….मैं क्या करूँ….?
ज़्यादा बकवास करेगा तो 7 की 4 ही बोतलें रहे जाएँगी….!
मैं तुम से थोड़े ही कुछ कह रहा हूँ….खुदा से फरियाद कर रहा हूँ….!
वाक़ई उसने तुझे औरत ना बना कर बड़ा ज़ुल्म किया है….
और
जोसेफ दहाड़े मार-मार कर रोने लगा….
अबे-ओ-कम्बख़्त….रिसीवर रख दे….रख दे रिसीवर….!
नही….तुम्हे सुनना पड़ेगा….वो रोता हुआ बोला
खुदा गारत करे….इमरान ने रिसीवर पटक कर कहा….खोपड़ी पका कर रख दी नालयकों ने….
और इस तरह सर हिलाने लगा जैसे गर्मी चढ़ गयी हो….!
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