RE: antarwasna आधा तीतर आधा बटेर
जब तक तुम खूल कर बात नही करोगे….मैं नही आ सकूँगा….
क्यूँ कि तुम पाबंद नही हो….!
संघटन की कोई रणनीति तुम निजी मामलात में इस्तेमाल नही कर सकते….!
मैने कब किया है….? दूसरी तरफ से आवाज़ आई
तो फिर….यह लिफ़ाफ़ा….?
मैं उसी लिफाफे के बारे में पूछ रहा हूँ….?
उसमे ऐसी चीज़ मौजूद है जिससे मुझे ब्लॅकमेल किया जा सकता है….डगमोरे दाँत पीस कर बोला
तब फिर….तुम्हे यक़ीनन ग़लतफहमी हुई है….डगमोरे….मैं भला तुम्हे क्यूँ ब्लॅकमेल करूँगा….?
तुम ही बेहतर जान सकते हो….?
यक़ीन करो….मेरी तरफ से ऐसी कोई हरकत नही हुई…..सवाल ही पैदा नही होता….तुम ने फोन पर धमकी के तालूक भी कुछ कहा था….!
बस….डगमोरे घुर्राया….मैं फोन पर बात आगे बढ़ाना नही चाहता….!
अच्छी बात है….मैं आज ही तुम तक पहुँचने की कोशिश करूँगा….!
अगर….यह ग़लतफहमी है तो इसे रफ़ा करो…..!
मैं कोशिश करूँगा….बशर्ते मुझे ही आरोपी ठहराने पर ना अड़ जाना….!
डगमोरे ने रिसीवर रखा ही था कि फोन की घंटी बजी….हेलो….वो रिसीवर उठा कर दाँत पीस कर घुर्राया
एक मशवराह लेना था तुम से….दूसरी तरफ से आवाज़ आई….
और वो ही आवाज़ थी जिस ने लाल लिफाफे की इत्तेला दी थी….!
क्या तुम अब भी यही कहोगे कि तुम नही हो….डगमोरे दहाडा
मैं कौन हूँ….? दूसरी तरफ से सवाल किया गया
मुझे मालूम है कि तुम अपनी आवाज़ बदल सकते हो….
मुझे कब इनकार है इससे….
पहले क्यूँ इनकार किया था….?
मुझे इससे इनकार है कि मैने पहले कब इनकार किया था….!
खैर….बताओ कि तुम चाहते क्या हो….?
डगमोरे ने गुस्सैली आवाज़ में पूछा
सिर्फ़ एक मशवरा….
जल्दी बको….मैं मसरूफ़ हूँ….!
तुम्हारे साथ मोनिका की यह तस्वीरें उसके पति को दिखाई जाए या तुम्हारी बीवी को….?
मैं तुम्हे जान से मार डालूँगा….डगमोरे दहाडा
मुझे कहाँ पाओगे….? जो जान से मार दो गे….?
अहमाक़ आदमी….डगमोरे ज़हरीले लहजे में बोला….यह महेज़ एक नंबर नही है….मैं जानता हूँ कि वो इमारत कहाँ है….!
तुम यक़ीनन किसी ग़लतफहमी में मुब्तेला हो….मिस्टर.डगमोरे….ओह….मैं समझा
शायद तुम मुझे कोई और समझ रहे हो….!
बकवास बंद करो….
तुमने अभी तक नही बताया कि तस्वीरें किसे दिखाई जाए….!
डगमोरे थूक निगल कर रह गया….
हेलो….दूसरी तरफ से आवाज़ आई
मैं सुन रहा हूँ….
अगर तुम वो नही हो…. तो फिर कौन हो….?
“ढांप”….दूसरी तरफ से आवाज़ आई
और डगमोरे के हाथ से रिसेवर गिरते-गिरते बचा….!
त….त….तू….तुम चाहते क्या हो….? डगमोरे हांपता हुआ बोला
तुम्हारा सहयोग….
किस सिलसिले में….?
तुम अच्छी तरह जानते हो….!
लेकिन….म….म….मैं किसी ढांप को नही जानता….
हालाँके….हर्लें हाउस की मसरूफ़ियत पूरी तरह मुझे मालूम है….
तुम पता नही क्या कह रहे हो….?
वो कहाँ है….?
कौन कहाँ है….?
तुम्हारा वही मेहमान जिस की पैशानि पर क्रॉस की शक्ल में ज़ख़्म का निशान है….?
ओह….वो….डेविड….कब का चला गया….!
बकवास मत करो…
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