RE: antarwasna आधा तीतर आधा बटेर
लेकिन….तुम्हारा उससे क्या मसला हो सकता है….जब कि मोकामी पोलीस को तुम्हारी तलाश है….डेविड एक मोज़ीज़ (सम्मानित) आदमी है….!
मैं भी अपने मुल्क में गैर मोज़ीज़ नही हूँ….
इसलिए पोलीस तुम्हारी तलाश में है….?
यह मेरा मुल्क नही है….
इमरान से तुम्हारा क्या ताल्लुक है….?
कौन इमरान….? मैं किसी इमरान को नही जानता….
डेविड भी तुम्हे नही जानता….
लेकिन….मेरे बॉस से अच्छी तरह वाक़िफ़ है….उससे कहना कि ढांप उस फ्रीलॅनसर एजेंट का आदमी है….जिसे उसने तीन साल पहले ईजिप्ट मे धोका दिया था….!
ऊहह….
मेरा बॉस उसे कभी माफ़ नही करेगा….
लेकिन….मेरा इसमे क्या कसूर है….?
तुम उसके खिलाफ मेरा साथ दोगे….!
नही….
इनकार का सवाल ही पैदा नही होता….मिस्टर.डगमोरे….तुम पूरी तरह मेरी गिरफ़्त में हो….जिस वक़्त चाहूं तुम्हे तबाह कर सकता हूँ….!
ल….ला….लेकिन….मैं डेविड से लाल लिफाफे का ज़िक्र कर चुका हूँ….
और….शायद….उसके खिलाफ शक भी ज़ाहिर कर चुके हो….?
हाँ….यही हुआ है….!
बस तो फिर….तुम निहायत ही आसानी से कह सकते हो कि कोई ख़ास बात नही….तुम अपने मामलात खुद ही देखोगे….!
वो मुझसे लिफ़ाफ़ा दिखाने को कहे तो….?
तुम्हारा निजी मामला है….उसके गुलाम तो हो नही….बस इतना कह देना कि अब तुम्हे उस पर शक नही रहा….!
लेकिन….तुम उसके खिलाफ मुझसे क्या काम लेना चाहते हो….?
हालात पर आधारित है….समय-समय पर तुम्हे फोन पर बताता रहूँगा….!
लेकिन….यह ख़तरनाक बात होगी….डगमोरे ने चारों तरफ देखते हुए कहा….कोई और तरीका अपनाउन्गा….इसे मुझ पर छोड़ दो….फिलहाल मुझे यक़ीन दिलाने की कोशिश करो कि मुझसे सहयोग करोगे….?
अगर….मेरे इंकान (संभावना) में हुआ तो….अब यह बताओ कि डेविड कहाँ है….?
एंबसी की इमारत में….
कितने आदमी उसके साथ काम कर रहे है….?
8 आदमी….
उनके नाम और पते….?
वो सब उसी के साथ आए थे….मेरे लिए अजनबी है….मैं कतई नही जानता कि अब वो कहाँ होंगे….उनमे से एक तुम्हारी गोली से ज़ख़्मी भी हुआ है….!
सुन कर खुशी हुई….
लेकिन….डॉक्टर वाले मामले से तुम्हारा क्या ताल्लुक….?
कुछ भी नही….मैं तो सिर्फ़ डेविड को अपनी मौजूदगी का अहसास दिलाना चाहता था….उसके दोनो कैदियों से यह तक नही पूछा कि डेविड से उनका क्या मामला है….!
देखो ढांप….मेरी पोज़िशन नाज़ुक है….!
मैं समझता हूँ….इसलिए तुम से किसी ऐसे काम के लिए नही कहूँगा कि तुम्हे खुल कर सामने आना पड़े….!
शुक्रिया….अगर….तुम इस कदर सावधान रहे सकते हो तो….
फिर
मुझे भी पीछे नही पाओगे….!
शुक्रिया डगमोरे….दूसरी तरफ से आवाज़ आई
और
सिलसिला कट हो गया….!
उसने भी रिसीवर रख कर लंबी साँस ली….ढांप….वो आहिस्ता से बड़बड़ाया
और
सामने वाली पैंटिंग पर नज़र जमा दी….ज़्यादा देर नही गुज़री थी कि फोन फिर जागा….हेलो….ओह….डेविड….!
मैं नही आ सकूँगा….तुम खुद ही चले आओ….दूसरी तरफ से डेविड की आवाज़ आई
ओह….डेविड….फ़िक्र ना करो….बात सॉफ हो गयी है….!
क्या मतलब….?
किसी ने मज़ाक़ किया था….
कमाल है….
और
तुम इतने संजीदा हो गये थे….? डेविड के लहजे में हैरत थी
बात ही ऐसी थी….
फिर
वो खुद ही राह पर आ गयी….मैं समझा शायद तुम औरत की आवाज़ बना कर मुझे धमकियाँ दे रहे हो….!
औरत की आवाज़….? डविद ने हैरत से कहा….
लेकिन
तुम्हारी गुफ्तगू से यह नही ज़ाहिर हुआ कि वो कोई औरत है….?
ज़ाहिर है कि जब शुरू से तुम ही मेरे ज़हन में थे तो गुफ्तगू से कैसे ज़ाहिर होता….?
तो बात ख़त्म हो गयी….?
कतई….
लेकिन….डेविड की आवाज़ आई….यह खलिश समझो कि तुम ने मुझ पर शक किया था….!
मुझे अफ़सोस है….डेविड डियर
खैर….खैर….सिलसिला कट होने की आवाज़ आई
इमरान अपने फ्लॅट में वापस आया….
लेकिन गाफील नही था….उसके कयि मातहत इस इमारत की निगरानी करते रहे थे….जिस में फ्लॅट था….
और जब इमरान बाहर निकलता था तो….वो रखवाले कुत्तों की तरह उसके दायें-बायें (लेफ्ट-राइट)
और आगे-पीछे मौजूद रहते थे….!
सुलेमान बेहद खुश था….बात पक्की हो गयी थी….
और उसने शादी की तय्यारी शुरू कर दी थी….!
जोसेफ उसे देख कर कबाब होता रहता….कभी-कभी इमरान से कहता….शादी के बाद यह कभी वह और ज़्यादा चिड-चिड़ा हो जाएगा….बॉस….इस वक़्त भी यही जुमला दोहराया था….
तुझे क्या….तुझे तो रहना नही है उसके साथ
शुक्रिया बॉस….
लेकिन मैं वहीं रहूँगा….जहाँ तुम रहोगे….तुम्हे तन्हा नही छोड़ सकता
मैं तो यहाँ रहूँगा….
नही रहे सकोगे….बॉस….मैं अच्छी तरह जानता हूँ
क्यूँ नही रह सकूँगा….?
शादी करेगा तो बच्चे भी होंगे….ज़रा खुद सोचो….बच्चों की चाऊ-मियाओ में कैसे ज़िंदगी बसर कर सकोगे….?
इमरान मूह खोल कर रह गया….
फिर बोला….
अरे….इसका तो ख़याल ही नही आया था….तू ठीक कह रहा है
बॉस तो फिर हम कहीं और चल कर रहेंगे….
बड़ी अच्छी तर्कीब बताई तू ने….उसकी तनख़्वाह (सॅलरी)डाक के ज़रिए पहुँचा दिया करूँगा….
और यह सोच-सोच कर खुश हो लिया करूँगा कि बावरची तो है मेरे पास….अब होटेलों में ख़ाता फिर रहा हूँ तो उससे क्या फ़र्क़ पड़ता है….!
नही बॉस….मैं अपनी तर्कीब वापस लेता हूँ….इस पर तो गौर ही नही किया था कि खाने का क्या होगा….!
लहज़ा….अब दूसरा तरीका पेश कर….इमरान सर हिला कर बोला
जोसेफ थोड़ी देर सोच कर बोला….क्या यह मुमकिन नही है कि उसकी बीवी कोठी में ही रहे….!
मुमकिन है….
लेकिन
फिर यह भी बता दो कि बच्चे कैसे होंगे….?
मेरी तो अक़्ल ही चौपट हो कर रहे गयी है बॉस….जोसेफ अपने सर पर घूँसा मार कर बोला
शादी उसकी हो रही है….अक़्ल तेरी चौपट हो कर रह गयी है….!
सच-मूच मैं पागल हो जाउन्गा बॉस….
सुलेमान की शादी के बाद….अभी बहुत वक़्त है….!
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