RE: antarwasna आधा तीतर आधा बटेर
फ़िक्र ना करो….उसे भी देख लेंगे….मेरे साथ आओ….वो उसी कमरे की तरफ बढ़ता हुआ बोला….जहाँ डगमोरे को बेहोश छोड़ कर आया था….!
होश आते ही वो बौखला कर उठ बैठा…. और चारों तरफ नज़र दौड़ाई….
और उछल कर बिस्तर के नीचे आया….यह तो उसका अपना बेडरूम था….जिस्म पर नाइट सूट था….लाल लिफ़ाफ़ा….वो सर पकड़ कर रह गया दिल शिद्दत से धड़क गया….जिस की धमक सर में महसूस हो रही थी….
और फिर….जब वो बेडरूम से निकला तो उसकी बीवी ने वहलेहना अंदाज़ में दौड़ कर उसकी मिज़ाज पोशी की….वो आँखें फाड़े देखता रहा….
तुम ठीक तो हो डार्लिंग….? आख़िर हो क्या गया था….?
क्या हुआ था….? हैरत बदस्तूर बरक़रार थी
उन्होने ने बताया था कि तुम चलते-चलते गिर गये थे….
और बेहोश हो गये थे…. अगर तुम्हारी जेब में तुम्हारा कार्ड ना होता तो तुम्हे यहाँ नही पहुँचा सकते थे….!
क….क….कौन थे….?
तीन मोक़ामी आदमी….
डगमोरे ने लंबी साँस ली….तो यहाँ भी डेविड ने खाना खाली नही छोड़ा
डॉक्टर बेहोशी की वजह नही बता सका….उसने कहा था कि खुद-बा-खुद होश आएगा….और….तुम्हे तन्हा छोड़ दिया जाए….होश में लाने की कोशिश ना की जाए…..उसकी बीवी ने चिंता जनक लहजे में कहा
मैं नही जानता कि क्या हुआ था….कुछ याद नही कि क्यूँ बेहोश हुआ था….!
लेकिन….दोनो गाड़ियाँ गॅरेज में मौजूद है….
मुझे डेविड का आदमी अपने साथ ले गया था….अपनी गाड़ी पर….वापसी में टॅक्सी में आने का इरादा था….
शायद वहाँ से पैदल ही आया था सड़क पर….
फिर कुछ याद नही….!
तुम कभी इतनी ज़्यादा पीते भी नही….
सवाल ही नही पैदा होता…. और अगर….इतनी पी हुई होती तो डेविड मुझे पैदल नही रवाना होने देता…..!
अब कहाँ जा रहे हो….तुम्हे आराम की ज़रूरत है….!
तुम ठीक कहती हो….वो फिर बेडरूम की तरफ चल पड़ा….
बीवी भी साथ थी….बेडरूम में पहुँच कर बोली….डेविड ने तुम्हे बुलाया था….?
हाँ….उसने बिस्तर पर लेटते हुए कहा
खुद क्यूँ नही आया….?
मैं नही जानता….डगमोरे झल्ला गया….वो तन्हाई चाहता था….उसे बहुत कुछ सोचना था….
और फिर….तारीख कार (प्रक्रियाओं) पर भी इतमीनान करना था….बुरे हाथों पड़ गया था….तस्वीरों का डेविड के हाथ लग जाना उसके लिए बेहद ख़तरनाक साबित हो सकता था….!
बीवी बिस्तर के सामने वाली कुर्सी पर बैठ चुकी थी….उसने कहा….डॉक्टर की हिदायत (निर्देश) के मुताबिक….
अगर तुम जाग रहे हो तो तुम्हे बोलते रहना चाहिए….!
मैं खामोश रहना चाहता हूँ….
यह आदमी डेविड मेरी समझ में नही आया….
तुम्हे ज़रूरत ही क्या है समझने की….
क्यूँ नही है….जब कि तुम उसे अपना एक बहुत पुराना दोस्त कहते हो….
मेरा ही समझ लेना काफ़ी है….!
उसके आते ही तुम ने मुझे हिल-स्टेशन भेज दिया था….
हालाँकि सीज़न ख़त्म पर था….!
क्या मैने बुरा किया था….?
मैं यह नही कहती….वो तुम्हारे ही साथ इस इमारत में रह रहा था….
और मेरे आते ही यहाँ से चला गया….!
वो ऐसे किसी खानदान के साथ गुज़ारा नही कर सकता जिस में औरतें भी शामिल हो….शुरू ही से ऐसा है….!
इतनी गैर मामूली बात मैने कभी नही सुनी….वो क्या आसमान से आ टपका था या ज़मीन से बरामद हुआ था….?
आदत….डार्लिंग आदत….हो सकता है पोज़ ही करता हो….!
बहेरहाल मुझे वो आदमी पसंद नही है….
तब तो अच्छा ही हुआ के यहाँ से चला गया….!
बीवी ने उसे घूर कर देखा….लेकिन बोली कुछ नही….!
डगमोरे ने आँखें बंद कर ली….
और आहिस्ता-आहिस्ता करहाने लगा….!
क्या कहीं तकलीफ़ है….? बीवी ने पूछा
सर दर्द….
डॉक्टर ने कहा था हो सकता है होश आने के बाद सर दर्द की शिकायत करे….!
जहन्नुम में झोको डॉक्टर को….डगमोरे बिस्तर पर ज़ोर से हाथ मार कर बोला
तुम ने पहले कभी मुझसे ऐसे लहजे में बात नही की….
पहले कभी इस तरह चलते-चलते बेहोश हो कर गिरा भी नही था….
बीवी ने सख्ती से होंठ भींच लिए…. और दूसरी तरफ देखने लगी….!
डगमोरे भी खामोश रहा….उसने फिर आँखें बंद कर ली….
बीवी ने कनखियों से उसकी तरफ देखा….कुछ कहना चाहा….
लेकिन फिर इरादा बदल कर उठ गयी….!
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