RE: antarwasna आधा तीतर आधा बटेर
सूरत खुदा की बनाई होती है….इस पर तन्कीद (आलोचना) ना करो….
वरना तुम पर क़हर टूटेगा….!
मैं खुदा को मानता हूँ….इसलिए अल्फ़ाज़ वापस….
वापस कर दो….इमरान बुरा सा मुँह बना कर दूसरी तरफ देखने लगा
रात का खाना तुम दोनो मेरे साथ खाओगे….
और उससे पहले हम और गुफ्तगू करेंगे….हिप्पी ने कहा
और इमरान उसे इस तरह आँखे फाड़-फाड़ कर देखने लगा….जैसे उसने कोई इंतिहाई अजीब बात कह दी हो….क्या तुम लोगों को इस तरह खाना खिलाते हो….उसने गुस्सैली आवाज़ में पूछा
मैं नही समझा….?
मेरी गाड़ी गायब हो गयी होगी….इग्निशन की कुंजी तक निकालने का मौक़ा नही मिला था….!
फ़िक्र ना करो….एक आदमी वहाँ रह गया था….तुम्हारी गाड़ी हिफ़ाज़त के साथ पहुँच गयी है….कॉंपाउंड में खड़ी है….!
तब तो ठीक है….पेट भर के खाना खा सकूँगा….!
आओ मेरे साथ….लड़की तुम फिलहाल यही ठहरोगी….हिप्पी कॉर्निला की तरफ देख कर बोला
इमरान को वो दूसरे कमरे में लाया….
और उसके साथ कोई हथियार बंद आदमी भी नही था….!
तुम्हारी दाढ़ी नकली मालूम होती है….डॉक्टर शाहिद ने सिर्फ़ मूछों का ज़िक्र किया था….इमरान बोला
सबसे पहले मैं तुम्हारी यह ग़लतफहमी रफ़ा कर दूं कि मैं ढांप नही हूँ….
नही हो….? इमरान उछल पड़ा
हरगिज़ नही….मुझे भी उसकी तलाश है….
तो फिर….तुम कौन हो….?
यह मैं अभी नही बता सकता….
तो फिर….डॉक्टर शाहिद से तुम्हे क्या सरोकार….?
बस इतना ही कि उसके माध्यम से ढांप तक पहुचना चाहता हूँ….!
वो बेचारा तो यूँ ही सहमा हुआ है….
यक़ीन करो….डॉक्टर शाहिद या उसकी बहेन से मुझे कोई सरोकार नही….
तुम्हे ढांप की तलाश क्यूँ है….?
वो एक ख़तरनाक आदमी है…. और मेरे मुल्क के खिलाफ साज़िश करता रहता है….!
किस मुल्क से ताल्लुक है तुम्हारा….?
यह मैं नही बता सकूँगा….
तब फिर….पासपोर्ट भी ना होगा तुम्हारे पास….?
तुम ठीक समझे….जिस तरह वो गैर क़ानूनी तौर पर तुम्हारे मुल्क में दाखिल हुआ है….उसी तरह मैं भी उसका पीछा करता हुआ यहाँ तक पहुँचा हूँ…. और अब मुझे तुम्हारी मदद की ज़रूरत है….!
मेरी मदद की ज़रूरत है….इमरान के लहजे में हैरत थी
हाँ….मैं यहाँ अजनबी हूँ….तुम यहीं के बाशिंदे हो….उसे जल्द तलाश कर लोगे….!
अगर….उसने झल्ला कर शादी ना होने दी तो….?
वो ऐसा नही कर सकेगा….मैं भी तो तुम्हारे पीछे हूँ….!
भाई वो बहुत ख़तरनाक आदमी मालूम होता है….
और पागलों की सी हरकत करता है….उसने मेरे बाप के खाने की मेज़ पर परों समेत आधा तीतर लगवा दिया था….
और उसके नीचे एक लिफ़ाफ़ा भी था….लिफाफे में लिखा था कि मुझे गोली मार दी जाएगी….महेज़ इस बिना पर मैने उस लड़की के लिए एक झूठा गवाह मुन्हैय्या किया था….!
मेरे लिए नयी इततेला है….
लेकिन….यह आधा तीतर क्या बला है….?
मौत की अलामत….साउत आफ्रिका के लोग इस अलामत से थर्राते है….!
अच्छी बात है….मैं आज से अपना निशान आधा बटेर करार देता हूँ….इमरान अकड़ कर बोला
बेवक़ूफी की बातें मत करो….सनसनी उन लोगों के खिलाफ फैलाई जाती जो सामने हो….
लेकिन ठहेरो….तुम ने बटेर का नाम क्यूँ लिया….?
वो खामोश हो कर इमरान को घूर्ने लगा
बटेर तीतर से ज़्यादा लज़ीज़दार….
और ज़्यादा देर तक लड़ने वाला परींदा है….
और हमारी ज़बान में एक मुन्हावरा भी है….”आधा तीतर” आधा बटेर”
उसने भी बटेर का हवाला दिया था….हिप्पी बदस्तूर उसे घूरता हुआ बोला
किस ने….?
ढांप ने….
तीतर के सिलसिले में बटेर सामने की चीज़ है….मोख्तसर ही सही….
लेकिन तीतर का हमशक्ल होता है….!
तुम कहते हो तो मान लेता हूँ….
वरना पहले तो मुझे शक़ हुआ था….!
इमरान ने कतई ना पूछा कि क्या शक़ हुआ था….वो ढांप से ताल्लुक गुफ्तगू को लंबी नही करना चाहता था….बात से बात निकलती है…. और फ़िक्र के नये दरवाज़े खुलते है….हो सकता है आख़िरकार ढांप को इमरान ही का स्टंट समझने पर मजबूर हो जाता….!
तुम क्या सोचने लगे….? अचानक हिप्पी बोला
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