RE: antarwasna आधा तीतर आधा बटेर
सवालात पर नंबर लगा लाओ….इमरान गाड़ी में बैठता हुआ बोला….दूसरी तरफ का दरवाज़ा उसके लिए खोल दिया.........!
पोलीस वाला क्या कह रहा था….?
गाड़ी स्टार्ट हो कर फाटक की तरफ बढ़ गयी
वो हिप्पी कौन था….? और फिर….इस तरह तुम्हे छोड़ क्यूँ दिया….?
और नही तो क्या तल कर खा जाता….चरस की बात की थी अलग ले जा कर
तो क्या तुम सच-मूच चरस भी सप्लाइ करते हो….?
अपने बाप के ओहदे का क्यूँ ना फ़ायदा उठाऊ….एक्साइस वाले मेरे माल पर हाथ नही डाल सकते….!
तुम झूठ बोल रहे हो….?
घर से भागी ही लड़की से झूठ बोलने का क्या फ़ायदा….?
मैं घर से नही भागी….कॉर्निला हलक फाड़ कर चीखी
फिर….तुम्हारे बाप ने गुमशुदी की रिपोर्ट क्यूँ दर्ज कराई है….?
मैं नही जानती….कुछ नही जानती….खुदा के लिए मेरा पीछा छोड़ दो….
और फिर….कॉर्निला ने फुट-फुट कर रोना शुरू कर दिया
गाड़ी फिर शहेर की तरफ जा रही थी….इमरान खामोशी से उसकी हिचकियाँ सिसकियाँ सुनता रहा
अब तुम मुझे यहीं कहीं उतार दो….वो रो चूकने के बाद भर्राई हुई आवाज़ में बोली
सच-मूच गायब हो जाओगी….
तुम्हारी बला से….
मैं महसूस कर रहा हूँ कि शायद मेरा बाप भी कुछ कर गुज़रा है….!
क्या मतलब….?
वो पोलीस में जो बाहर नज़र आया था….मुर्गियों के डॉक्टर का पता नही पूछ रहा था
लेकिन तुमने तो कहा था….
ख़त्म करो….देखा जाएगा
क्या देखा जाएगा….?
खामोश बैठो….
और फिर….शहेर भी नही पहुँच पाए थे कि कॅप्टन फायज़ उन्हे मिल गया….वो और उसके मातहत दो गाड़ियों में आए थे
कॉर्निला फायज़ के माहेक्मे की गाड़ी में शिफ्ट कर दी गयी….
और फायज़ इमरान के करीब आ बैठा….!
किधर जाएगा साहब….? इमरान ने किसी पठान टॅक्सी ड्राइवर के से अंदाज़ में सवाल किया
जैल रोड….माघवे (अब्डक्टेड) तुम्हारी गाड़ी से बरामद हुई है….फायज़ ने खुश्क लहजे में कहा
माघवे….क्या अरबी में चरस को कहते है….? इमरान उछल पड़ा
वालिद साहब (पिता) से पूछना….सीधे कोठी की तरफ
तो वो कॉन्स्टेबल….?
मेरा एक मातहत इनस्पेक्टर था….ख़ासे फ़ासले से तुम्हारी गाड़ी का पीछा किया गया था….!
खुदा करे तुम भी कॉन्स्टेबल हो जाओ….इमरान बेवा (विधवा) की तरह हकलाया
फ़िज़ूल बकवास….रहमान साहब गरजे….वो इमरान की पूरी कहानी सुन चुके थे….!
मुझ पर गुज़र चुकी है….आप इसे बकवास कह रहे है….? इमरान ने कहा
मैं कह रहा हूँ कि इस किस्से को क्यूँ खींच रहे हो….? वो खिज कर बोले
बहुत बेहतर….मैं आप को डेविड का पता बताए देता हूँ….गिरफ्तार कर ली जिए…..
लेकिन आप उसके खिलाफ क्या साबित कर सकेंगे….?
मलइक़ा का बयान ही काफ़ी है….
लेकिन….वो ढांप के सिलसिले में बयान दे चुकी है….?
तुम्हारी ही हिमाकत है ना….
अच्छा….अब बताइए के मेरी हिमाकत की भरपाई कैसे होगी….!
मैं नही जानता….
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