RE: Thriller Sex Kahani - सीक्रेट एजेंट
“साली ! तेरी ये मजाल !”
“मेरी कोई मजाल न है” - रोमिला शांति से बोली - “न हो सकती है ।”
“तो फिर उस भीङू को…”
“तुम्हारा यहां क्या काम है ?”
“क्या बोला ?”
“जाओ, पीछे जा के पकड़ लो उसे । फिर जो इलजाम उस पर लगाओ, वो खुद पर भी लगाना ।”
“क्या !”
“वर्दी में नहीं हो । चोरों की तरह यहां पहुंचे हो । मेरे किरदार से बाखूबी वाफिक हो । अपने बारे में क्या जवाब दोगे ?”
महाबोले मुंह बाये उसे देखने लगा ।
“बोलोगे पहला नम्बर तुम्हारा था, वो लाइन तोड़कर आगे आ गया, इसलिये भड़के !”
“साली बहुत श्यानी हो गयी है ।”
“मैं किधर की श्यानी !” - रोमिला ने आह सी भरी - “मजबूर की श्यानपंती कहीं किसी काम आती है !”
“फिर भी की !”
“नहीं की ।”
“बराबर की । तेरे को मालूम मैं आने वाला था । ये भी मालूम जब मेरे आने की खबर हो तो दरवाजा लॉक नहीं करने का । फिर भी साला लॉक करके रखा । साथ में मेरे को हूल देने के वास्ते एक भीङू घुसा के रखा ।”
“बिल्कुल नहीं ।”
“तो क्या उस भीङू पर रौब गांठना मांगती थी कि आइलैंड का दारोगा तेरा…फ्रेंड था ?”
“कौन नहीं जानता कैसा दारोगा हो तुम ! तुम्हारे से दोस्ती रौब गांठने के काम की नहीं, छुपा के रखने के काम की है ।”
“कुतरी ! ये कैसी जुबान बोल रही है तू आज मेरे से ?”
“पुलिस वाले कालगर्ल्स से हफ्ता वसूल करते हैं । सब जगह हफ्ता वसूल करते हैं । लेकिन तुम्हें हफ्ता नहीं मांगता । फ्री राइड मांगता है । इसलिये जब जी चाहे चले आते हो ।”
“साली धीरे बोल !”
“क्या होगा धीरे बोलने से ! लैंडलेडी को पहले से मालूम है सब । लाख छुप के आओ, उसको तुम्हारी हर आमद की खबर । तुम्हारे नक्की करते ही इधर पहुंचती है और पूछती है - ‘थानेदार गया ?’ यकीन न आये तो जा के आओ । लौटोगे तो वो इधर ही मिलेगी ।”
“सच कह रही है ?”
“आजमा के देखो । जैसा मैं बोली, वैसा करके देखो ।”
“तो तू मेरे को पहले क्यों नहीं बोली ?”
“क्योंकि हर बार कहते हो, ‘बस ये आखरी बार’ । ‘बस ये आखिरी बार’ ।”
“हू !”
“कचरा कर दिया मेरा तुम्हारे आने ने ।”
“क्या बोला ?”
“जैसा तूम समझते हो कि मैंने उसको-सदानंद रावले को-इधर सैट करके रखा, वैसे वो भी तो समझ सकता है कि मैंने तुमको इधर सैट करके रखा ।”
“क्या मतलब ?”
“समझो ।”
“तू समझा ।”
“कोई मेरे साथ हो, उपर से थाने का थानेदार आ जाये, उसे हूल देने लगे, मुझे हूल देने लगे तो क्या कोई मेरे साथ को सेफ समझेगा ? ओवरनाइट में सारे आइलैंड की अडल्ट, मेल पापुलेशन को खबर लग जायेगी कि मेरे पास भी फटकने में लोचा । फिर कौन मेरे साथ का इच्छुक रह जायेगा ?”
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