RE: Thriller Sex Kahani - सीक्रेट एजेंट
“नैक्स्ट वन आवर आये गये पर वाच रखने का । कोई रोमिला के रूम में पहुंचे तो मेरे को फौरन खबर करने का । क्या !”
“ख-खबर करने का ।”
“शाबाश ! अभी जो बोला, कर । बुलेट का माफिक । कट करता है ।”
***
“…..बकौल मनवार” - नीलेश कह रहा था - “उसके पास बार का बिल चुकाने तक के लिये पैसा नहीं था । फरियाद करके कहती थी कि उसका फ्रेंड-यानी कि मैं-आयेगा और बिल अदा करेगा । बार के मालिक ने बिल माफ कर दिया था, उसे जबरन बार से बाहर निकाला था और बार बंद करके पीछे उसे अकेली खड़ी छोड़ कर वहां से चला गया था । सर, मनवार की ये बात गौरतलब है कि वो रोमिला को बंद बार पर अकेली छोड़ कर गया था । उसने उस घड़ी आसपास मंडराते किसी शख्स का कोई जिक्र नहीं किया था । टुन्न पाण्डेय वहां होता तो वो मनवार के नोटिस में जरूर आया होता । तब उसने जरूर इस बात पर जोर दिया होता कि रोमिला का वहां अकेले ठहरना ठीक नहीं था ।”
“तो वो वहां नहीं होगा ! तो हुआ ये होगा कि इंतजार से आजिज आ कर लड़की वहां से चल दी होगी और पाण्डेय उसे रास्ते में मिला होगा !”
नीलेश के चेहरे पर अनिश्चय के भाव आये ।
“नहीं हो सकता ?”
“होने को क्या नहीं हो सकता, सर !” - नीलेश बोला ।
“तो ?”
“आगे बढ़ने से पहले मैं एक अहम बात का जिक्र और करना चाहता हूं जिसकी कोई अहमियत शायद आपके मिजाज में आये ।”
“करो ।”
“कल रात रोमिला सावंत बहुत डरी हुई थी, मेरे से फोन पर बात करते वक्त साफ साफ खौफजदा जान पड़ती थी ।”
“किससे ? हेमराज पाण्डेय से ?”
“सवाल ही नहीं पैदा होता, सर । पाण्डेय जैसों को तो वो भून के खा सकती थी ।”
“तो किससे ?”
“पुलिस से । इस मद में मेरा ऐतबार इंस्पेक्टर महाबोले पर है ।”
“वजह ?”
“वो उसके पीछे पड़ा था ।”
“क्यों ?”
“वो जुदा मसला है । लेकिन पीछे बराबर पड़ा था । कल रात के ढ़ाई बजे मैंने उसके बोर्डिंग हाउस का चक्कर लगाया था तो मैंने पुलिस के एक सिपाही को-नाम दयाराम भाटे-वहां की निगरानी पर तैनात पाया था । सर, ऐसी निगरानी वो अपनी जाती हैसियत में तो करता हो नहीं सकता था !”
“नो ! दैट्स आउट आफ क्वेश्चन ।”
“तो सेफली अज्यूम किया जा सकता है, सर, कि वो वहां अपने बॉस का हुक्म बजा रहा था ।”
“बॉस ! यानी कि एसएचओ महाबोले !”
“और कौन ?”
“आगे !”
“रोमिला अपने बोर्डिंग हाउस में कदम रखती तो फौरन, गोली की तरह, खबर महाबोले के पास पहुंचती और वो आननफानन रोमिला के सिर पर सवार होता । सर, वाच का वो इंतजाम ही जाहिर करता था कि महाबोले के हाथों रोमिला का कोई बुरा, बहुत बुरा होने वाला था और रोमिला को एस बात की खबर थी ।”
“कैसे मालूम ?”
“वो बेहद खौफजदा थी, फोन पर उसने साफ कहा था कि उसका इधर से फौरन निकल लेना जरूरी था । ये भी साफ कहा था कि अंदेशा था कि उसके बोर्डिंग हाउस की निगरानी हो रही होगी-जो कि खुद मैंने अपनी आंखों से देखा था कि हो रही थी - इसलिये वो वहा वापिस नहीं जा सकती थी । जबकि उसका तमाम साजोसामान वहीं था । इसीलीये वो पैसे से मोहताज थी और उस सिलसिले में मेरी मदद की तलबगार थी ।”
“उसने महाबोले का नाम लिया था ? बोला था कि जो खतरा वो महसूस कर रही थी, वो उसे महाबोले से था ?”
“कोई नाम नहीं लिया था । खाली बोला था कि वो लोग उसके पीछे पड़े थे ।”
“वो लोग कौन ?”
“जो यहां के जाबर हैं । ताकत की त्रिमूर्ति हैं ।”
“कौन ?”
“यहां के फेमस तीन ‘एम’ । महाबोले । मोकाशी । मैग्नारो ।”
“तीनों ?”
“उनकी ‘वन फार आल, आल फार वन’ जैसी जुगलबंदी है । रोमिला का पंगा महाबोले से होगा लेकिन वो खतरा तीनों से महसूस करती होगी !”
“मुमकिन है । एक बात बताओ, उसके साथ जानलेवा हादसा न गुजरा होता, वो मुकर्रर जगह पर तुम्हें मिल गयी होती तो तुम क्या करते ? चुपचाप आइलैंड से निकल जाने में उसकी मदद करते ?”
नीलेश ने संजीदगी से इंकार में सिर हिलाया ।
“तो ?”
“मेरा इरादा उसको कोस्ट गार्ड्स की छावनी की प्रोटेक्शन में पहुंचाने का था । उसको यकीन हो जाता - जो कि हो ही जाता - कि उसके सिर से जान का खतरा टल गया था तो वो बहुत कुछ कहती, त्रिमूर्ति के बारे में - खासतौर पर महाबोले के बारे में - खुल्ला जहर उगलती और यूं हमारा खास मतलब हल होता ।”
“ठीक !”
“लेकिन मैं उस तक पहुंच ही न पाया । उसको पहले ही परलोक की राह का राही बना दिया गया । आप फैसला कीजिये, सर, ये मानने की बात है कि ऐसा एक पिलपिलाये हुए बेवड़े ने किया ?”
“नहीं ।”
“लेकिन लड़की तो जान से गयी ! ये काम पाण्डेय ने नहीं किया तो जाहिर है किसी और ने किया ।”
“महाबोले ने ?”
“या उसके इशारे पर उसके किसी जमूरे ने ।”
“गोखले, ऐसा कोई केस खड़ा करने की सलाहियात अभी हमारे सामने नहीं है । इस बाबत हम फिर भी जिद पकड़ेंगे तो हमारे केस में झोल ही झोल होंगे ।”
“हर केस में होते हैं ।”
“हमारे में बेतहाशा होंगे । बहरहाल उस बाबत हम बाद में सोचेंगे, अभी तुम असल बात पर लौटो ।”
“असल बात !”
“रोमिला का हैण्डबैग ! जिसे तुम फोकस में लाने की कोशिश कर रहे थे !”
|