RE: Thriller Sex Kahani - सीक्रेट एजेंट
“ऐसी कोई बात नहीं, बॉस । इधर एक नया काम हुआ, पहली बार एक नया काम हुआ, मर्डर हुआ । मर्डर को कोई एंटीसिपेट नहीं कर सकता । साला जो काम इधर कभी नहीं हुआ, वो अब हो गया । यहीच प्राब्लम । मर्डर को हैण्डल करने का इधर कोई इंतजाम नहीं । टैक्नीशियंस, मैडीकल एक्सपर्टस, फिंगरप्रिंट्स एक्सपर्टस, वायलेंट डैथ इनवैस्टीगेशन एक्सपर्ट्स सब साले मुरूड से आये, साथ में पुलिस वालों की टीम आयी-डीसीपी जठार तो आया ही-साला मेला लग गया इधर । बस, यहीच प्राब्लम । दो तीन दिन में सब लौट जायेंगे, फिर सब ठीक हो जायेगा ।”
“दो तीन दिन में । अभी क्या करने का ?”
“अभी ! अभी क्या है ?”
“साला, कैसा पुलिस चीफ है ! कुछ जानता हैइच नहीं ।”
“बॉस, कुछ बोलो तो सही ! क्या नहीं जानता मैं ?”
“दो भीङू, नवां भीङू, ‘इम्पीरियल रिट्रीट’ को वाच करता है ।”
“क-कौन बोला ?”
मैग्नारो से अपने बॉडीगार्ड की तरफ देखा ।
डिसूजा ने खामोशी से सहमति में सिर हिलाया ।
“क्यों करता है ?” - महाबोले बड़बड़ाया - “क्या वजह होगी ?”
“ये साला मैं बोले ?” - मैग्नारो गुर्राया ।
“न-हीं....”
“तुम साला बड़ा बोल बोलता है कि इधर पत्ता भी खड़के तो तुम्हेरे को मालूम होता है । अभी साला घंटा खड़कता है बड़े वाला, तुम्हेरे को घंटा मालूम है ?”
“मैं मालूम करूंगा ।” - महाबोले चिंतित भाव से होंठों में बुदबुदाया ।
“मालूम करेगा, दिस इज नॉट एनफ । महाबोले, उनको हर हाल में उधर से हटाने का । जब वो दोनों साला उधर वाच करता है, मैं उधर से अपना गेम्बलिंग का इक्विपमेंट-रॉलेट टेबल, स्लॉट मैंशीस, दि वर्क्स-मूव नहीं कर सकता । वो एक्विपमेंट उधर पकड़ा गया, सीज हो गया तो बहुत गलाटा होगा । साला बिग फाइनांशल लॉस तो होगा ही, मेरे कई भीडू पकडे़ जायेंगे । फिर उनको छुड़ाने में बिगर फाइनांशल लॉस होगा ।”
“कुछ नहीं होगा, बॉस । मैं सब हैण्डल करता है न !”
“हैण्डल करता है या गारंटी करता है कुछ नहीं होगा ?”
“बॉस, आप जानते हैं, ऐसे मामलों मे गारंटी कोई नहीं कर सकता, बस दिलोजान से कोशिश कर सकता है ।”
“फिर क्या फायदा हुआ ?”
“माफी के साथ बोलता है, बॉस, आप बात को बहुत ज्यास्ती करके सोचता है । बोले तो अभी कुछ हुआ हैइच नहीं । समुद्री तूफान आते आते आयेगा-शायद न भी आये-बाकी क्या हुआ है ? एक साले बेवड़े ने एक मामूली रंडी को, एक टू बिट बिच को, टपका दिया, बस ये हुआ है ।”
“मैं बात को ज्यास्ती करके सोचता है तो, महाबोले, तुम साला बात को बहुत कमती करके बोलता है । वो लड़की जिसको तुम टू बिट बिच बोला, तुम जनता था उसको ।”
“वो...वो...”
“खूब वाकिफ था ।”
“कभी कभार की मुलाकात थी ।”
“मस्ती मारता था उसके साथ ।”
“वो...बोले तो...”
“थानेदार की माशूक टू बिट बिच कैसे हो गयी ! फिर भी हो गयी तो, महाबोले, इट्स ए बैड कमैंट्री अपान यू । क्या !”
महाबोले से जवाब न दिया गया, उसने बेचैनी से पहलू बदला ।
“रोमिला हाई क्लास आइटम थी । अपना रोनी उसे पोंडा से इधर ले के आया था । रोनी ने तुम्हारी उससे वाकफियत कराई थी । अभी बोलो, क्या टू बिट बिच से कराई थी ?”
न-नहीं ।”
“जिंदा था तो साला उस पर घुटनों तक लार टपकता था, अभी मर गयी तो डिफेम करता है, डिग्रेड करता है । जिसके साथ सोता था, अब उसको मामूली रंडी बोलता है, टू बिट बिच बोलता है ।”
“बॉस, बहुत रिग्रेट के साथ पूछता हूं, आप किसकी तरफ हो ?”
“क्या बोला ?”
“अगर ऐसे मुझे ह्यूमीलियेट करना है, डिसूजा के सामने मेरा कचरा करना है तो मैं” - महाबोले ने विस्की का गिलास साइड टेबल पर रख दिया और उठ खड़ा हुआ - “जाता हूं ।”
“सिट डाउन !” - मैग्नारो कर्कश स्वर में बोला - “मैं बोलेगा तुम्हेरे को कब जाने का । क्या !”
महाबोले धीरे से वापिस बैठ गया, विस्की के गिलास कि तरफ हाथ बढ़ाने की कोशिश उसने न की ।
“मैं साला इधर अपना इतना रोकड़ा इनवैस्ट किया” - मैग्नारो बोला - “जो मैं किधर भी कर सकता था पण मैं इधर किया क्योंकि मैं तुम लोगों की- तुम्हेरे और मोकाशी की - बातों में आ गया कि तुम मेरे को बिग प्रोटेक्शन दे सकता था क्योंकि तुम साला इधर का बिग गन था, इधर साला सब कुछ तुम दोनों साला सब कुछ तुम दोनों के कब्जे में था, तुम दोनें साला इधर का बिग गन था बिना इधर पत्ता नहीं हिलता था । कोई डिफ्रेंट वे से सांस भी लेता था तो तुमको साला मालूम पड़ जाता था । कितना कानविंसिंग सीनेरियो था मेरा वास्ते । इसी वास्ते मैं इधर मूव किया । अभी सोचता है मैं साला अक्खा ईडियट ! साला लम्बी लम्बी छोड़ने वालों का ऐतबार किया ।”
“बॉस, ऐसी कोई बात नहीं...”
“है भी तो क्या करेगा ! वाट इज डन कैन नाट बी अनडन । बैल तो बज गया ! अब उसको अनबजा कैसे करना सकता !”
महाबोले खामोश रहा ।
“गोखले !”
महाबोले ने हड़बड़ा कर सिर उठाया ।
“नीलेश गोखले पूरा नाम । क्या बोलता है उसके बारे में ? कौन है वो ?”
महाबोले ने तुरंत उत्तर न दिया, उसके चेहरे पर गहन अनिश्चिय के भाव आये ।
“मैं वेट करता है जवाब का ।” - मैग्नारो उतावले स्वर में बोला ।
“बॉस, अभी क्या बोलेगा !”
“ये मेरे को मालूम ?”
“नहीं, मालूम तो मेरे को ही है, पर...बहुत कनफ्यूजन है ।”
“महाबोले, कुछ बोलेगा तो कनफ्यूजन नक्की होगा न !”
“बॉस, वो क्या है कि मैं पहले नहीं मानता था कि उसमें कोई भेद है-मोकाशी मेरे को बोला वो भीङू नवां सीक्रेट एजेंट लेकिन मेरे को न लगा, मैं बोला आम भीङू, मामूली भीङू, स्ट्रेट, भीङू-लेकिन अब मेरे को पक्की, कोई भेद बराबर है ।”
“बोले तो ?”
“बॉस, मुम्बई से एक डीसीपी इधर आता है और बोलता है प्रैस रिपोर्टर है, बोलता है गोखले उसका फ्रेंड, जो बाई चांस उसको इधर मिला । ये कोई मानने लायक बात है, यकीन में आने लायक बात है !”
“नहीं । तो अब तुम्हारा खयाल है ये भीङू सरकारी अंडरकवर एजेंट हो सकता है ?”
“कुछ भी हो सकता है । नहीं हो सकता तो कोई आम आदमी नहीं हो सकता । कोई स्ट्रेट भीङू नहीं हो सकता ।”
“हूं ।”
मैग्नारो ने कब से तिरस्कृत अपना सिगार ऐश ट्रे पर से उठाया तो पाया वो बुझ चुका था । उसने उसे फिर से सुलगाया और विचारपूर्ण मुद्रा बनाये उसके कश लगाने लगा ।
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