RE: Thriller Sex Kahani - सीक्रेट एजेंट
“मेरे पापा ऐसे नहीं हैं ।” - वो कांपती आवाज में बोली, उसकी आंखें डबडबा आई ।
“जब भरम टूटेगा तो खून के आंसू रोना पड़ेगा ।”
“यू आर एग्जैजरेटिंग । बढ़ा चढ़ा कर कह रहे हो ।”
“अब मैं क्या कहूं !”
“तुम बर्बादी का पैगाम ले कर आइलैंड पर आये हो । मौत का फरिश्ता बन कर यहां पहुंचे हो ।”
“मैं !”
“हां, तुम ।”
“मौत का फरिश्ता !”
“आफकोर्स ।”
“बेचारी रोमिला सावंत बेवजह जान से गयी, उसकी मौत की वजह मैं !”
“तुम जानते हो कातिल गिरफ्तार है ।”
“लेकिन वजह मैं ! क्योंकि मैं बर्बादी का पैगाम ले कर यहां आया ! मौत का फरिश्ता बन कर यहां पहुंचा !”
“मैं तुमसे बहस नहीं करना चाहती ।”
“मैं करना चाहता हूं । जो गिरफ्तार है, वो कातिल नहीं है ।”
“तुम्हारे कहने से क्या होता हैं ?”
“होता है । इसीलिये कह रहा हूं ।”
“तो आइलैंड का कोई भी एक बाशिंदा उसकी मौत की वजह हो सकता है । किसी एक जने की नापाक हरकत के लिये सारे आइलैंड को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता । सारे आइलैंड के वजूद पर कालिख नहीं पोती जा सकती ।”
“तुम ऐसा कह सकती हो क्योंकि तुम जानती नहीं हो वो लड़की असल में कौन थी और इस आइलैंड को क्या समझ कर यहां आयी थी !”
“पहेलिया न बुझाओ ।”
“वो लड़की कालगर्ल थी और कोई ये समझा कर उसे गोवा से यहां लाया था कि यहां उसके धंधे के बैटर प्रास्पैक्ट्स थे । ये खास किस्म के मौजमेले के शौकीन पर्यटकों का बड़ा अड्डा था इसलिये वो यहां चांदी काट सकती थी । और इस सोच के तहत खास तौर से यहां पहुंची वो अकेली भी नहीं थी । ये जगह प्रास्टीच्यूट्स की बड़ी वर्क प्लेस है और लोकल एडमिनीस्ट्रेशन को उनके यहां फंक्शन करने से कोई ऐतराज नहीं, कोई परेशानी नहीं, क्योंकि इस वजह से भी यहां टूरिस्ट इंफलक्स और बढ़ता है । कर्टसी लोकल एडमिनिस्ट्रेशन, कोनाकोना आइलैंड बैंकाक का कोना बन गया हुआ है । अब कहो जो कहना है अपने आइलैंड के ऊंचे किरदार की बाबत ।”
“सब स्टंट है, पब्लिसिटी है, बल्कि आइलैंड और उसके बाशिंदों के खिलाफ साजिश है । ये एक डीसेंट जगह है जहां डीसेंट लोग रहते है । मेरे पापा यहां के सम्मानित व्यक्ति है इसलिये हमेशा इलैक्शन में जीतते हैं । महाबोले सरकारी आदमी है, मैग्नारो बाहरी आदमी है, मेरे पापा यहां के लोगों के इलैक्टिव रिप्रेजेंटेटिव हैं । अगर उनका किरदार बेदाग नहीं है तो क्यों पब्लिक उन्हें वोट देती है ? क्यों उन्हें रिजेक्ट नहीं करती ?”
“जब सभी कुछ करप्ट है, जब आवां ही खराब है तो करप्शन से इलैक्शन जीत जाना क्या बहुत बड़ी बात है !”
“और इस सो काल्ड करप्ट जगह पर सांस लेते लेते तुम समझने लगे हो कि तुम मुझे मेरे पापा के खिलाफ करप्ट कर सकते हो !”
“मैं महज तुम्हारी आंखें खोलने की कोशिश कर रहा हूं ।”
“गैरजरुरी कोशिश कर रहे हो । मेरी आंखें पहले से खुली हैं ।”
“ठीक है फिर ।”
“हां, ठीक ही है । थोड़ी देर के लिये मुझे लगा था तुम्हारे मेरे साथ में किसी अदृश्य शक्ति का हाथ था, ये साथ और मजबूत हो सकता था क्योंकि इसमें ऊपर वाले की रजा थी । लेकिन लगता है गलत लगा था । हम दोनों एक राह के राही नहीं हो सकते । जो शख्स मेरे पिता के खिलाफ हो, वो मेरी तरफ नहीं हो सकता । जिसका मेरे पिता का कोई अहित करने का मंसूबा हो, वो मेरा कोई हित नहीं कर सकता ।”
“लेकिन, श्यामला...”
“एनफ ! एनफ आफ दैट । ये हमारी आखिरी मुलाकात है इसलिये गुडबाई कबूल करो । हमेशा के लिये ।
अंतिम शब्द कहते कहते उसका गला रुंध गया । एकाएक वो घूमी, कार में सवार हुई और कार को वहां से उड़ा ले चली ।
बुत बना वो उसे जाता देखता रहा ।
पितृभक्ति की बड़ी उम्दा मिसाल पेश करके वो लड़की वहां से गयी थी ।
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