RE: Thriller Sex Kahani - सीक्रेट एजेंट
“ऐसे लाइफ जाना गलत है । पण ये बाहर से आने वाला छोकरी लोग भी तो…अभी क्या बोलूं मैं ! ...दे इनवाइट ट्रबल । ड्रिंक करती हैं, स्मोक करती हैं, सैक्सी ड्रेसिज पहनती हैं, कुछ वैसे ही दिखता है तो कुछ इरादतन दिखाती हैं । लेट नाइट में अकेली घूमती हैं । मेल लिबिडो को उकसाती, इनवाइट करती जान पड़ती हैं । दे आर रेडी केस फार रेप, फार मर्डर ।”
“रोमिला सावंत ऐसी लड़की थी ?”
“ये मरने वाली का नाम है ?”
“जी हां ।”
“बराबर ऐसी लड़की थी । तभी तो जान से गयी !”
“पर उसके कत्ल की वजह तो लूट बताई जाती है । कातिल की नजर उसकी फिजीकल असैट्स पर नहीं, उसकी मानीटेरी असैट्स पर थी ।”
“क्योंकि बेवड़ा था । सुना है फुल टुन्न था । जरा होश में होता तो पहले फिजीकल असैट्स पर घात लगता, बोले तो रेप करता, और फिर लूटता ।”
“मैडम, आपने बहुत सहयोग दिया लेकिन ये बात फिर भी क्लियर न हो सकी कि पुलिस वाले ने कल रात बार के सामने से जिसको जबरन जीप पर बिठाया था, वो कातिल था या मकतूला थी या कोई तीसरा ही शख्स था ।”
“जाकर थाने से पता करो ।”
“कैसे पता करूं ? थाने में दर्जनों की तादाद में पुलिस वाले हैं । एक एक से इस बारे में सवाल करना क्या मुमकिन होगा ? फिर सवाल करने पर क्या कोई जवाब देगा ? आप रैंक की शिनाख्त कर पायी होतीं तो बात जुदा थी ।”
“मेरे को खाली खाकी वर्दी दिखाई दी थी ।”
“बोला आपने । एक आखिरी सवाल । अपकी दूर की निगाह कैसी है ?”
“पर्फेक्ट है । सिक्स बाई सिक्स है ।”
“इस उम्र में...”
“क्या हुआ है मेरी उम्र को !”
“कुछ नहीं ।” - वो उठ खड़ा हुआ - “मैम, आई एम ग्रेटफुल फार दि कोआपरेशन । इजाजत चाहता हूं ।”
उसने अनमने भाव से सहमति में सिर हिलाया ।
नीलेश वहां से रुखसत हुआ ।
मिसेज परांजपे के बयान से उसे कोई नाउम्मीदी नहीं हुई थी । उसे गारंटी थी जो पुलिस वाला पुलिस जीप पर रात के डेढ़ बजे बंद हो चुके सेलर्स बार पहुंचा था, वो इंस्पेक्टर अनिल महाबोले था और जिसे उसने जबरन जीप पर सवार कराया था, वो रोमिला सावंत थी ।
***
बारिश को शुरु हुए चौबीस घंटे हो गये थे और वो अभी बंद होने को नाम नहीं ले रही थी ।
फ्रांसिस मैग्नारो की शानदार स्पीड बोट कोनाकोना आइलैंड की ओर बढ़ रही थी ।
स्पीड बोट में तीन पैसेंजर सवार थे । रोनी डिसूजा व्हील सम्भाले था और उसके पीछे फ्रांसिस मैग्नारो और अनिल महाबोले मौजूद थे ।
“बारिश बहुत तेज है ।” - डिसूजा उच्च स्वर में बोला ताकि बारिश के शोर में उसकी आवाज दब न जाती - “हम आइलैंड के करीब हैं पण मेरे को अपना पायर दिखाई नहीं दे रहा ।”
“दीदे फाड़ के देखने का ।” - मैग्नारो झुंझलाये स्वर में बोला - “जब आइलैंड दिखाई दे रहा है तो साला पायर क्यों नहीं दिखाई दे रहा ?”
डिसूजा ने गर्दन आगे निकाल के सच में ही आंखें फाड़ फाड़ के सामने देखा ।
“इस बार पायर उसे दिखाई दिया ।”
“अभी बोले तो ?” - मैग्नारो बोला ।
“दिखाई दिया बरोबर, बॉस ।” - डिसूजा बोला - “नो प्राब्लम नाओ ।”
“गुड ! महाबोले !”
“यस, बॉस !”
“स्टार्म की...क्या नाम बोला था आफिशियल करके ?”
“हरीकेन ल्यूसिया ।”
“उसकी क्या पोजीशन है ? उस बाबत वार्निंग की क्या पोजीशन है ?”
“बॉस, हालात खराब जान पड़ते हैं । लोगों को आइलैंड से टैम्परेरी करके निकल लेने की सलाह दी जा रही है । वार्निंग है कि बारिश अभी ऐसीच चलेगी ।”
“तूफान तो साला आते आते आयेगा, बारिश ऐसीच चली तो ये तो अभी बर्बाद कर देगी ।
“कुछ नहीं होगा, बॉस । थोड़े टाइम की परेशानी है ।”
“लगनी हो तो थोड़ा टेम में भी वाट लग जाती है ।”
“आपके पास तो सेफ जगह है इसलिये...”
“बोले तो ?”
‘इम्पीरियल रिट्रीट’ का टॉप फ्लोर बिल्कुल सेफ है । हर लिहाज से । हर काम के लिये ।”
तब तक मोटर बोट पायर पर जा लगी थी । सेफ मूरिंग के लिये उसे डिसूजा के हवाले छोड़कर दोनों पायर पर उतर गये और लपकते हुए उसके ढंके हुए हिस्से में पहुंचे । वहां मैग्नारो ने जेब से चांदी की फ्लास्क निकाल कर उसमें से स्काच का नीट घूंट भरा और एक सिगार सुलगाया ।
महाबोले को बहुत मायूसी हुई कि दोनों में कोई भी चीज मैग्नारो ने उसके आफर करने की कोशिश न की ।
“मेरा कुछ आइटम्स ऐसा है जिसका वास्ते ‘इम्पीरियल रिट्रीट’ भी सेफ नहीं । मेरे को वो ऑफ दि आइलैंड मांगता है । महाबोले, तुम्हारे को ये काम हैंडल करने का ।”
“जी !”
“उन आइट्म्स को बोट में लोड करवाने का और मुरुड में किसी सेफ ठीये पर पहुंचा के आने का ।”
“मेरे को ?”
“अभी मैं किससे बात करता है ?”
“बॉस, स्टार्म वार्निंग की वजह से मेरे को थाने में बहुत काम...”
“करना । करना । मेरा काम हो जाये, करना ।”
वो खामोश रहा ।
“यस, बॉस ।”
“तुम्हेरे को गोखले करके भीङू को मेरे पास ले के आने का था !”
“बॉस, मिले तो इस बाबत कुछ करूं न ! अक्खा नाइट ये सोचा के उसके रेन्टिड कॉटेज पर विजिल बिठा के रखा कि आइलैंड पर कहीं भी हो, रात को सोने तो उधर ही आयेगा ! नहीं आया ।”
“किसी होटल में...”
“आइलैंड के एक एक होटल में पता करवाया, कहीं नहीं था ।”
“किधर गया ?”
“क्या पता किधर गया ! मिले तो साले को नक्की करें । फिर बोल देंगे कि फ्लड मे फंस के मर गया ।
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