RE: Thriller Sex Kahani - सीक्रेट एजेंट
“मेरे को पापा की फिक्र है ।” - भाटे की ओर देखती वो गहन चिंतापूर्ण स्वर में बोली ।
“इंतजार घर बैठ के करना था ।” - नीलेश बोला - “तुम यहां हो, मोकाशी साहब घर पहुंच गये तो वो तुम्हारी फिक्र करेंगे । अब एक जना फिक्रमंद है, तब दो होंगे ।”
“आई एम नाट टाकिंग टु यू, मिस्टर !”
“नाइस ! तो अब मैं मिस्टर हो गया !”
“और क्या मिस होना चाहते हो ?”
“मिस तो तुमने कल ही कर दिया था...”
“क्या !”
“अपनी जिंदगी से । हमेशा के लिये । अब तो कुछ ऐसा सुझाओ कि मास्टर हो सकूं । लॉर्ड एण्ड मास्टर ।”
“ख्वाब देखते रहो ।”
“कोई हर्ज है ख्वाब देखने में ?”
“ख्वाब देखने के लिये यहां रुके हुए हो तो भारी गलती कर रहे हो । मौसम विभाग की आइलैंड खाली कर दिये जाने की घोषणा अभी भी जारी है । कहा जा रहा है कि जो लोग ऐसा नहीं कर सकते वो आइलैंड की ऊंची जगहों पर चले जायें जहां से उन्हें हैलीकाप्टर्स के जरिये पिक किये जाने के इंतजाम हो रहे हैं । पता नहीं यहां किसी को मालूम है या नहीं लेकिन आइलैंड पर कई जगह घुटनों घुटनों पानी भर गया है और वाटर लैवल अभी और ऊंचा जा सकता है । ऐसे में पापा घर नहीं हैं तो वो नादान ही नहीं, गैरजिम्मेदार भी हैं । उनकी फिक्र में मेरे प्राण सूख रहे हैं ।”
“तुम भी तो घर नहीं हो !”
“ओह, शटअप । मेरी उनकी एक बात नहीं है । वो उम्रदराज शख्स हैं । मौसम की सख्ती को वो वैसे नहीं झेल सकते जैसे मैं झेल सकती हूं । फिर पता नहीं उन्हें खबर भी है या नहीं, अहसास भी है या नहीं कि हरीकेन ल्यूसिया की मार से आइलैंड किस बुरे हाल तक पहुंच चुका है ! हे भगवान ! कहां ढूंढूं मैं उन्हें !”
कोई कुछ न बोला ।
“भाटे” - वो व्यग्र भाव से बोली - “पापा आये तो थे यहां ?”
“आये थे ।” - भाटे बोला - “पहले बोला न ! आते ही महाबोले साब के साथ हालात का जायजा लेने निकल पडे़ थे ।”
“कितना अरसा हुआ ?”
“बोले तो एक घंटा ।”
“लौटने के बारे में कुछ बोल कर गये?”
“नहीं । तुम नाहक फिक्र कर रही हो, मैडम । वो लोग तजुर्बेकार हैं और उनके पास अपनी सेफ्टी का हर जरिया है । यहां तक कि एक पावरफुल मोटरबोट भी, जो कि समुद्र पर ही नहीं, आइलैंड पर भर आये पानी में भी दौड़ सकती है ।”
“क्या बोल के गये थे ?”
“यही कि मालूम करने का था कि कहां किसी को मदद की जरूरत थी । यहां का टेलीफोन डैड हो जाने से पहले खबर आयी थी कि झील में इतना उफान था कि लोहे के पुल के उखड़ कर बह जाने का खतरा था । और मनोरंजन पार्क में कुछ लोग मौजूद थे जिनका पुल पर कदम रखने का हौसला नहीं हो रहा था और निकासी के लिये उनको मदद की सख्त जरूरत थी । दोनों साब लोग वही इंतजाम करने निकले थे ।”
“यहां पानी भर आया तो तुम क्या करोगे ?”
“मेरे को बोल के गये थे के वापिसी में मेरे को पिक करेंगे ।”
“ओह ।”
“वापिसी पता नहीं कब होगी ! मेरे को इंतजार भारी पड़ रहा है । हर कोई सेफ जगह पर पहुंच गया या आइलैंड छोड़ गया,मैं साला ढ़क्कन इधर फंसा है । ड्यूटी करता है । साब लोगों का हुक्म बजाता है जिनकी पता नहीं यहां लौटने की मर्जी है भी या नहीं ! जो पता नहीं आइलैंड पर हैं भी या नहीं ! मैडम, तुमने यहां आ कर भारी गलती की । नेलसन एवेन्यू हाइट पर है, तुम्हारा बंगला हाइट पर है । तुम उधर सेफ थीं । यहां नहीं आना था । अभी भी वापिस चली जाओ ।”
“तुम क्या करोगे ?”
“मुझे कहीं के लिये लिफ्ट दे देना ।”
श्यामला ने नीलेश की तरफ देखा ।
“ये जगह इतनी अनसेफ नहीं है । पानी आ भी गया...”
“आ ही रहा है ।” - भाटे व्याकुल भाव से बोला ।
“...तो कोई इमारत को नहीं बहा ले जायेगा । कोई छत तक नहीं पहुंच जायेगा । भाटे, ऊपर जाने के लिये रास्ता तो है न !”
“हां । पिछवाडे़ से सीढि़यां हैं ।”
“तो यहां ठहरने में कोई हर्ज नहीं ।”
भाटे के चेहरे पर आश्वासन के भाव न आये ।
“थाने का बाकी स्टाफ कहां है ?”
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