RE: Thriller Sex Kahani - सीक्रेट एजेंट
डिसूजा हटा ।
“तुम दोनों” - उसने पुलिसियों को आदेश दिया - “ट्रंक के पास से हटो और जा कर डिसूजा के पास खड़े होवो ।”
“डीसीपी पाटिल का कुत्ता !” - दांत पीसता महाबोले बोला - “मेरे पर भौंकता है ! जानता नहीं...”
नीलेश न फायर किया ।
गोली महाबोले के कान को हवा देती गुजरी ।
तत्काल उसके चेहरे का रंग उड़ा, कस बल ढीले पड़े । भारी कदमों से चलता वो डिसूजा के करीब जा खड़ा हुआ ।
थर थर कांपता हवलदार खत्री पहले ही वहां खड़ा था । गोली की आवाज सुनते ही उसे पंख लग गये थे और वो उड़ कर निर्देशित स्थान पर पहुंचा था ।
नीलेश की अक्ल गवाही दे रही थी कि वो लोग हथियारबंद हो सकते थे और उसे उनको उनके हथियारों से महरूम करना चाहिये था लेकिन वो खुद आगे बढ़ कर, एक एक के पास जा कर ऐसा नहीं कर सकता था क्योंकि उसकी तवज्जो का मरकज जब एक जना होता तो बाकी तीन कोई भी करतब करके दिखा सकते थे । वो उनको अपने हथियार निकाल कर परे फेंकने को बोलता तो जब ऐसा एक जना कर रहा होता और उसकी निगाह उस पर होती तो बाकी तीन में से कोई अपना हथियार इस्तेमाल में लाने का हौसला कर सकता था ।
उसे मैग्नारो का दायां हाथ हिलता दिखाई दिया ।
“खबरदार !” - नीलेश चेतावनीभरे स्वर में बोला ।
“है न !” - मैग्नारो यूं मुस्कराता बोला जैसे किसी पार्टी में शिरकत कर रहा हो, उसने हाथ उठा कर अपना सिगार मुह से निकाला - “तो, माई डियर, तुम होते हो गोखले !”
“हां । मैं होता हूं गोखले । इंस्पेक्टर, मुम्बई पुलिस ।”
“बॉस” - महाबोले आवेशपूर्ण स्वर में बोला - “मैं पहले ही बोला कि ये...”
“शट अप !”
महाबोले खामोश हो गया ।
“अभी मैं बात करता है न !”
महाबोले ने सहमति में सिर हिलाया ।
“मैं कौन !” - मैग्नारो वापिस नीलेश से सम्बोधित हुआ - “मालूम ! नहीं मालूम तो बोलता है । मैं फ्रांसिस मैग्नारो । फ्रॉम गोवा । कभी नाम सुना ?”
“सुना ।” - नीलेश शांति से बोला ।
“फिर भी हूल देता है मेरे को !”
“देता है ।”
“यू आर मेकिंग ए बिग मिस्टेक...”
“नो ! यू आर मेकिंग ए बिग मिस्टेक ...”
“मेरा क्या मिस्टेक ?”
“रेड को नहीं पहचाना ।”
“रेड !”
“ऐग्जैक्टली !”
“रेड बीईंग कनडक्टिड बाई वन मैन ! साला एक सिंगल भीङू रेड मारता है ! रेड मारता है कि जोक मारता है ! क्या अथारिटी है तुम्हारा रेड मारने का ?”
“बॉस” - महाबोले दबे स्वर में बोला - “अभी ये बोला न ये पुलिस आफिसर...”
“बोले तो तुम्हेरा बिरादरी भाई !”
“बॉस...”
“इस वास्ते अभी तुम इसकी तरफ ! ब्लडी मैग्नारो कैन गो टु हैल ! नो ?”
“बॉस, ऐसी कोई बात नहीं ।”
“बोलता है ऐसा कोई बात नहीं । गोखले, सुनता है ! देखता है ! मैं साला गलत जगह पर गलत भीङू लोगों के भरोसे अपना रोकड़ा-ब्लडी बिग मनी-इनवैस्ट किया । अभी मेरे को अपना मिस्टेक्ट करैक्ट करने का । गोखले, यू टेक इट ईजी विद दैट गन आफ युअर्स । जस्ट रिलैक्स !”
“कोई भीङू कोई श्यानपंती न करे” - नीलेश सहज भाव से बोला - “तो मैं पर्फेक्टली रिलैक्स्ड है ।”
“गुड । पण इधर चार भीङू लोगों को अकेला कैसे हैंडल करेगा ? कब तक करेगा ?”
“नहीं कर सकता ।” - महाबोले जोश से बोला - “ये अकेला हम चार का मुकाबला नहीं कर सकता ।”
“यू बैटर शट अप ! ये अकेला नहीं हो सकता । ये रेड बोला कि नहीं बोला ?”
“वो तो ये बोला लेकिन...”
“तुम बोला कि नहीं बोला कि ये पुलिस आफिसर ! कैसे अकेला होयेंगा ! ऐसा आपरेशन का वास्ते एक पुलिस आफिसर विदाउट बैक अप कैसे एक्ट करेंगा ! तुम साला खुद पुलिस आफिसर, किधर रेड मारेंगा तो अकेला जायेंगा !”
महाबोले ने जवाब के लिये मुंह खोला फिर होंठ भींच लिये ।
“स्टे पुट, महाबोले । अभी तुम्हेरा स्मार्ट एक्ट नहीं मांगता मैं । जब टेम था तब कुछ किया नहीं, अभी गलत टेम पर होशियारी बताता है ।”
महाबोले ने बेचैनी से पहलू बदला ।
“गोखले !” - मैग्नारो ने वापिस गोखले की तरफ तवज्जो दी - “महाबोले का माफिक मैं खाली पीली बोम नहीं मारने का । टु दि प्वायंट बात करने का । तुम इधर रॉलेट टेबल्स देखता है, स्लाट मैशीन्स देखता है, जिनको पहले का माफिक कंसील करने का मेरे को टेम नहीं मिला । मैं सीरियस करके एफर्ट भी न किया क्योंकि जब कभी भी इधर कोई अंडरकवर एजेंट आइलैंड की इललीगल एक्टिविटीज की टोह में आता है, इधर एडवांस में मालूम पड़ा...”
“मैं बोला...” - महाबोले बोले बिना न रह सका ।
“टेम पर न बोला । प्रीसाइजली न बोला । खाली शक जाहिर किया अपना । दैट टू ओनली यस्टरडे । टू वीक्स से ये भीङू इधर है । साला तुम ही आलवेज एडवोकेट करता था ये भीङू अंडरकवर एजेंट नहीं होना सकता । बोले तो तुम साला इनकम्पीटेंट बिजनेस पार्टनर...”
“ऐसा पहले तो कभी न बोला !”
“पहले साला गॉड्स एक्ट ने तुम्हेरा इनकम्पीटेंस कंसील करके रखा । कभी तो तुम्हेरा इनकम्पीटेंस एक्सपोज होने का था । अभी हुआ न !”
“ये जुल्म है । ज्यादती है ! मैं इतना आउट आफ दि वे जाकर आपको इधर अकामोडेट किया, हमेशा प्रोटेक्शन दिया...”
“ये थैंक्यू बोलता है । अभी आउट आफ दि वे जाकर खामोश रहने का । क्या !”
महाबोले के जबड़े कस गये ।
“गोखले, तभी क्या बोलता था मैं ! हां, इधर का खुफिया कैसीनो इस टेम एक्सपोज्ड है । इस टेम कोई प्रूफ साला जरूरी हैइच नहीं कि इधर कैसीनो चलाता था । तुम बोला रेड ! बड़ा बोल बोला तो खाली पीली बोम मारने को तो नहीं बोला होयेंगा ! इसलिये मेरे को पक्की कि रेड का सरकारी परवाना - वारंट - ले के आया होयेंगा, बैकअप के लिये टीम ले के आया होयेंगा जोकि बाहर किधर तुम्हेरे सिग्नल का वेट करता होयेंगा । पण बोले तो मैं अपना डिफेंस में अभी कुछ बोलना मांगता है । रिक्वेस्ट करता है कि सुनने का ।”
“क्या ? क्या सुनने का ? कहना चाहते हो ?”
“मैं तुम्हारा हैल्प से, बाले तो एक्टिव कोआपरेशन से, स्टोरी सैट करना मांगता है ।”
“कैसी हैल्प ? कैसी कोआपरेशन ? कैसी स्टोरी ?”
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