RE: Rishton mai Chudai - परिवार
चाची " दीदी आप बोल तो बिल्कुल ठीक रही हो ।मुझे भी बहुत दिनों से मैं भी सोच रही हु की माँ से मिल लू क्यूंकि माँ की तबियत भी आज कल ठीक नही रहती है और वैसे भी उस वैध जी के बारे में सिर्फ माँ ही जानती है तो इसके लिए भी हमे माँ से जल्द ही मुलाकात कर लेनी चाहिए।"
माँ "ठीक है तो तुम देवर जी से आज ही परमिशन ले लेना।"
चाची "क्या दीदी आप तो जानती ही हो कि उनसे कोई बात मनवानी हो तो उसके लिए मुझे कुछ नही करना बल्कि उसके लिए आपको अपनी टांगो की बीच की जगह खोलनी पड़ेगी ।"
माँ " तू तो जानती है कि इस वक्त मैं साफ नही हु इसलिए मैं तो नही कर सकती इसलिए इस बार तो यह तुम्हे ही करनी होगी ।"
चाची " ठीक है मैं कर लुंगी आप इसकी बिल्कुल भी चिन्ता ना करे।
पीछे चंचल खड़ी हो कर इन लोगो की बाते सुन रही थी ।जब वह यह सुनती है कि आज बड़ी माँ की चुदाई नही होगी तो वह यह बात बताने के लिए सुवर्णा के पास चली जाती है जो इस वक्त उसी का इंतजार कर रही थी। चंचल उंसके पास पहुचती है और बोलती है कि
चंचल "दीदी आप शर्त हार गई ।आज बड़ी माँ की चुदाई नही होगी बल्कि आज माँ जा रही है पापा के पास।"
सुवर्णा "तुझे कैसे पता कि आज कौन जाएगी ।क्या चाची ने आकर बोला तुझे ।
चंचल "क्या दीदी आप भी किस रण्डी की बात को लेकर बैठ गयी ।उसकी बस में रहे तो वह हमें जिंदगी भर यही बैठा कर रखे। मेरे साथ कि जितनी भी लडकिया है सभी लण्ड का स्वाद ले चुकी है ।एक हम है जो आज तक सिर्फ दूर से देखते आ रहे है ।"
सुवर्णा "तू चिंता क्यों करती है आजा आज भी मैं तेरी बुर को चाट देती हूं और तू मेरी चाट देना ।जब हम दोनों है तो तीसरे की क्या जरुरत है ।"
चंचल "दीदी इस तरह से तो हमारी बुर की आग कुछ देर के लिए शांत जरूर हो जाती है ।लेकिन जब तक बुर में लण्ड डाल कर कोई कस कर चुदाई ना कर दे तब तक मजा नही आता।"
सुवर्णा "हा मैं जानती हूं कितना दम है इन लड़को में ।क्या नाम था तेरे प्रेमी का जिससे तू चुदने वाली थी एक तो उसका लण्ड भी छोटा था और जब तूने उंसके लण्ड को लेकर मुह चूसी तो वह 1 मिनट में झड़ गया बाद में मैंने ही तेरी चूत को चाट कर तुझे ठंडा की थी ।गांव के सारे लड़के हर समय बस मुठ मारते रहते है ।याद है ना जब मैं अपनी सहेली रमा से मिलने गयी थी तो कैसे उसका बाप मेरी चुचियो को घूर रहा था।"
चंचल "अब उसकी भी क्या गलती दीदी जब आप अपने इस पहाड़ को सही से सम्भल कर नही रखोगी तो लोग घूरेंगे ही ना।'
इतना बोल कर चंचल उसकी चुचियो को दबाने लगती है और साथ मे उंसके होठो पर अपने होठ रख देती है ।कुछ देर तक ऐसे ही दोनों एक दूसरे के चुचियो को बुरी तरह मसलती है और साथ मे एक दूसरे को होठो को चुस्ती भी रहती है । करीब 5 मिनट तक ऐसे ही दोनों एक दूसरे के सरीर के साथ खेलती रहती है ।
|