RE: Rishton mai Chudai - परिवार
चंचल "कौन सी बात तुझे मनवानी है जो ऐसे बोल रही है।"
सुवर्णा " मैं चाहती हु की हमारे खेल में रूपा भी शामिल हो जाये तो कितना मजा आएगा ।"
चंचल "कही तू पागल तो नही हो गयी है ना जो इस तरह की बाते बोल रही है तू जानती है ना कि अगर उसे पता भी चल गया तो वह कितना हंगामा मचाएगी।"
सुवर्णा " अच्छा ठीक है लेकिन मुझे एक बात खटक रही है कुछ दिनों से मैं डरती हु की कही तू मेरी बातों को बुरा ना मान जाओ।"
चंचल "तेरी बातो का मैं बुरा मान जाऊ यह कभी हो सकता है क्या।"
सुवर्णा "आज कल मेरी पैंटी और ब्रा पर लण्ड का रस लगा रहता हैऔर पैंटी के आगे बुर का भाग एकदम साफ रहता है ऐसा करीब 1 महीने से हो रहा है।मुझे लगता है कि चाचा की नजर मा के बाद मेरे पर भी है।"
चंचल " क्या तू सच कह रही है ऐसा तो मेरे साथ भी हो रहा है मेरी भी पैंटी साफ मिलती है और पिछली बार जब मैंने आपनि झांट के बाल को साफ करके छुपा कर रखी थी तो शाम तक वह भी गायब हो गयी थी।पहले तो मुझे लगा कि राहुल यह सब कर रहा है लेकिन एक दिन मैंने पापा को रूपा की पैंटी को चाटते हुए देख लिया था ।"
सुवर्णा "तो इसका मतलब यह हुआ कि चाचा की नजर सिर्फ सोनिया को छोड़ के बाकी घर की सारी लड़कियों और औरतों पर है ।लेकिन मैंने तो सोच लिया है कि मेरी बुर में पहला लण्ड अगर किसी का जाएगा तो राहुल का होगा या फिर मेरे पति का बाकी और किसी का नही ।हा अगर राहुल ने पेल दिया तो उसके बाद मुझे किसी और से चुदने में कोई भी दिक्कत नही है ।"
अभी इन लोगो की बाते चल ही रही थी कि अचानक बाहर से रूपा की चिलाने की आवाज आने लगी। दोनो ही बाहर निकल कर देखती है तो चाचा अपनी गर्दन नीचे झुकाए हुए खड़े थे और रूपा उन्हें बुरा भला कहे जा रही थी।सुवर्णा ने जब रूपा को इस तरह से बोलते हुए देखा तो सुवर्णा बोलती है कि
सुवर्णा "तुझे क्या हुआ है क्यों इस तरह से भड़की हुई है अब सोनिया नही है तो इसका क्या मतलब उसका गुस्सा तू सब पर उतारेगी।'
सुवर्णा को इस तरह से बीच मे बोलते हुए देख कर रूपा गुस्से में उन दोनों की तरफ देखते हुए बोलती है कि
रूपा "दीदी पहले बात को समझा करो फिर बीच मे बोलना ठीक रहता है बिना जाने बीच मे बोलना गलत बात है ।"
चंचल "आखिर तू पापा पर इस तरह से क्यों नाराज हो रही है आखिर इन्होंने किया क्या है।"
रूपा "दीदी आप तो ऐसे बोल रही हो जैसे आपको इनकी हरकतों के बारे में मालूम नही है ।सब कुछ जानते हुए इस तरह का सवाल करते हुए आपको शर्म नही आ रही है।"
चंचल रूपा की बाते सुनकर समझ जाती है कि आज पापा ने फिर से वही गलती की और आज पकड़े गए।इसलिए रूपा इनके ऊपर गुससा कर रही है ।वह सुवर्णा से बोलती है कि
|