RE: Mastaram Stories हवस के गुलाम
वही बाबू पूजा और पायल को किस करते देख कर और भी उत्तेजित हो रहा था.. और जब उसने देखा उसका लंड हिलाने वाली कोई और नहीं सबसे क्यूट और कम उम्र की पायल है और उसका साथ अदिति दे रही है तो उसका लंडा और भी औकात में आ गया. अब अदिति भी थोड़ी ओपन होगयि.. उसने झुक कर बाबू के लंड का सुपाडा अपने मूह मे ले लिया.. और बाबू अब मज़े मे अपने दोनो हाथ साक्षी की गान्ड से हटा कर साक्षी की सुडोल छातियों पर रख दिया.. साक्षी बाबू की इस हरकत पर थोड़ी सी शर्मा गयी लेकिन व्याग्रा के असर में उसकी हालत बहुत खराब थी.. उसने अपनी लाल होती आँखों से बाबू को इजाज़त दे दी उन्हे सहलाने की उन्हे मसल्ने की.. बाबू साक्षी की रज़ामंदी पाकर मुस्कुराता हुआ साक्षी के उरोजो को मसल्ने लगा.. साथ ही अपनी उंगली उसके निपल के चारों ओर कपड़े के उपर से फिराने लगा.. इससे साक्षी की चूत में चींटियाँ सी रेंगने लगी… साक्षी सेक्स के नशे में चूर मदहोश हुए जा रही थी…
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वही दूसरी ओर अंजलि और सलीम चाचा सारी दुनिया से बेख़बर अपनी ही दुनिया मे गुम थे…
जहाँ नीचे पार्टी मे सभी लड़कियाँ बाबू के साथ मस्ती कर रही थी वही इधर सलीम अंजलि के साथ लगा हुआ था…. सलीम अंजलि को किस करते हुए अंजलि की साड़ी का पल्लू उसके कंधे से नीचे खींच कर गिरा देता है. सलीम और अंजलि दोनो अपनी किस मे बे खबर थे.. अंजलि की साड़ी इस वक़्त उसकी क़मर में अटकी हुई थी..
अंजलि की साँस फूलने लगती है तो अंजलि सलीम से किस तोड़ कर हाँफ ने लगती है…
सलीम भी ज़ोर ज़ोर से साँस लेने लगता है..
अंजलि: आप बहुत गंदे हो.. कोई ऐसे करता है क्या..
सलीम: मुस्कुराता हुआ. में तो ऐसे ही करता हूँ मेरी जान.
अंजलि: मुस्कुराते हुए.. में नहीं हूँ आपकी जान…. आपकी जान तो वो कामया है ना…
सलीम: भाड़ मे जाए वो.. मुझे तो तुम चाहिए..
अंजलि शरमाते हुए … क्यूँ… मुझमे ऐसा क्या है..
सलीम अंजलि का सवाल सुन कर अंजलि की और आगे बढ़ते हुए बोलता है तुम मे ऐसा क्या है..
सलीम को आगे बढ़ता देख अंजलि भी धीरे धीरे पीछे की ओर चलने लगती है..
तभी अंजलि के पीछे दीवार आ जाती है.. अंजलि एक दम से रुक जाती है… उसके चेहरे पर थोड़ी सी हवस, थोड़ा सा डर और थोड़ी सी शर्म तीनो का मिला जुला रंग देखा जा सकता था …
सलीम अंजलि के होंटो को छूते हुए बोलता है… तुम्हारे ये गुलाबी होंठ मुझे मदमस्त कर देते है… उसकी आँखों में झाँक ते हुए बोलता है… तुम्हारी ये आँखे मुझे मेरे होने का एहसास दिलाती है… तुम्हारे ये लंबे घने बाल मुझे तुम्हारी ओर खींच लाने वाली रस्सी जैसे लगते है.. ऐसा बोलते हुए सलीम अंजलि के होंठो को किस करने को झुकता है कि अंजलि तुरंत अपनी गर्दन घुमा लेती है.
अंजलि: ये सब फिल्मी है… ऐसा कह कर अंजलि मुस्स्कुराने लगती है..
सलीम: अच्छा अगर ये सब फिल्मी है तो और सुनो.. तुम्हारा ये दूध जैसा गोरा रंग मुझे तुम में डूब जाने को मजबूर करता है… तुम्हारी ये पतली क़मर मेरे दिल को झूम ने को मजबूर कर देती है… तुम्हारी ये बड़ी बड़ी चूंचियाँ मुझे मेरे भूखे होने का एहसास दिलाती है.. इन मे आने वाला दूध में बेसबरों की तरह पीना चाहता हूँ..
अंजलि सलीम के मूह से अपने हुश्न ख़ास तौर पर अपने बूब्स की तारीफ़ और उनके लिए उसकी तड़प सुन कर और मचल उठती है… उसके मूह से एक सिसकी निकल जाती है… सस्सीसीई अया ह्म…. और नतीजा व्याग्रा उस पर और हावी हो जाती है और अंजलि की बुर से पानी बहने लगता है..
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