RE: Antervasna मुझे लगी लगन लंड की
मैं समझ चुकी थी कि वो मुझसे किस टॉपिक पर बात करना चाहती है तो मैंने बॉस से परमिशन ले ली। मेरा बॉस जो एक 40 वर्षीय था उसने मुझे इस शर्त पर परमिशन दे दी कि अगर उसे कोई ऑफिस का काम पड़ेगा तो उसे फिर ओवर टाईम करना पड़ेगा, मैंने भी एक मुस्कुराहट के साथ हाँ मैं अपने सर को हिला दिया। मैं घर आ गई।
जैसे ही मैंने दरवाजे की घण्टी बजाई, वैसे ही नमिता ने दरवाजा खोल दिया। मुझे ऐसा लगा कि वो मेरे इंतजार में ही वहाँ खड़ी थी। खैर जैसे मैं अन्दर घुसी वो मेरे से लिपट गई और मुझे थैंक्यू बोलने लगी। फिर उसने मुझसे धीरे से कहा कि उसने माँ और बाबूजी को खाना खिला कर सुला दिया है। मैं समझ गई और सीधा उसके साथ ऊपर चली आई। कमरे में आकर मैंने उससे पूछा कि वो मुझसे क्या पूछना चाह रही है?
तो वो बोली- भाभी, आप और भईया रात में एक-दूसरे के साथ क्या करते हो, मुझे वो जानना है।
मैं बोली- मैं तुम्हे बता तो दूँगी, लेकिन तुम बुरा मान जाओगी और फिर सबको बता दोगी।
नमिता - 'नहीं, मैं नहीं बताऊँगी!'
मैं - 'रात में मैं और तुम्हारे भईया सेक्स करते समय बहुत गंदी-गंदी बातें करते हैं।'
नमिता - 'भाभी, क्या-क्या बातें? मुझे सब बताओ।'
मैं - 'ठीक है, मैं सब बता दूँगी, पर एक वादा करो, एक तो तुम अपने बाल साफ करवाओ और दूसरा आज रात फिर अमित को अपने हुस्न के जलवे दिखाकर उसे चौंका दो।'
नमिता बड़ी ही सहजता से बोली- भाभी, बाल मुझे साफ करना नहीं आता, अगर तुम्हें आता है तो तुम मेरे बाल साफ कर दो... और रही अमित की बात तो आज की रात अमित भी कभी नहीं भूलेगा।
मैं - 'तो ठीक है, तुम अपने कपड़े उतार कर जमीन पर लेट जाओ।'
मैंने भी अपने कपड़े उतार लिए और वीट की ट्यूब निकाल ली और अपने कमरे के सभी खिड़की और दरवाजे को अच्छे से बन्द कर दिए। नमिता अब तक बिना किसी संकोच के अपने कपड़े उतार कर जमीन पर लेट गई थी। मैं नमिता की चूत के बाल कैंची से काटने लगी तो
नमिता बोली- भाभी, बताओ न कि तुम और भईया क्या क्या करते हो?
मैं - 'मैं और तुम्हारे भईया कमरे में पहुँचते ही नंगे हो जाते हैं और फिर हम लोग दिन भर की बातें करते हुए एक दूसरे के जिस्म से खेलने लगते हैं। रितेश मेरे पीछे अपने हाथ को लाकर मेरी चूची की गोलाइयों को अपनी हथेलियों में दबाने की कोशिश करता है या फिर मेरे निप्पलों को अपनी चुटकियों में मसलने का कोशिश करता है, जबकि मैं उसके जांघ को सहलाती हूँ और उसके लंड के सुपारे पर अपने नाखूनों से कुरेदती हूँ।
हम लोग बातें करते-करते गर्म होने लगते हैं।
फिर रितेश मेरे निप्पल को अपने मुंह में भर कर एक बच्चे की तरह उसको पीता है।
जब तक रितेश मेरे निप्पल को छोड़ नहीं देता तब तक मैं उसके बालों को सहलाती हूँ या फिर मैं उसके निप्पल को अपने नाखूनों का करतब दिखाती हूँ। जब वो निप्पल पीना बंद कर देता है तो मैं उसको सीधा लेटा कर उसके जिस्म के एक-एक हिस्से को चाटते हुए उसके लंड को अपने मुंह में भर लेती हूँ और उसको लॉलीपॉप की तरह चूसती हूँ।' बातें करते हुए मैंने उसकी चूत और उसके आस पास की जगह में अच्छी तरह से वीट लगा दी।
नमिता - 'तो आप भईया का अपने मुंह में ले लेती हो।'
'लंड बोलो यार!' मैंने नमिता को समझाते हुए कहा- मेरा और रितेश का मानना है कि जब सेक्स करो तो निःसंकोच करो, उससे फिर सेक्स का अलग तरह का मजा आता है।
नमिता - 'ठीक बाबा... लंड! अब आगे बताओ?'
मैं - 'जब मैं रितेश के लंड को चूस रही होती हूँ तो रितेश मेरी तरफ अपनी मुंह की लार टपकाते हुए देखता है तो मैं फिर घूम कर उसके मुंह की तरफ अपनी चूत को कर देती हूँ, फिर मैं रितेश के लंड को चूसती हूँ और रितेश मेरी चूत को चाटता है। बीच-बीच में हम दोनों एक दूसरे की गांड को भी चाटते हैं, खूब मजा आता है। उसके बाद जब चाटा-चाटी का प्रोग्राम खत्म होता है तो रितेश मेरी चूत में अपने लंड को डालता है और कई पोजिशन से चोदता है। कभी वो मेरे ऊपर चढ़ जाता है तो कभी मुझे घोड़ी बना कर चोदता है तो कभी मेरे चूत में अपना लंड डाले ही मुझे अपनी गोद में उठा लेता है और मैं उसके गोद में ही उछलती हूँ।
जब रितेश थक जाता है तो जैसे तुम लेटी हो वो भी लेट जाता और फिर मैं उसके लंड के ऊपर चढ़ जाती हूँ और खूब उछलती हूँ।
फिर जब हम लोग चूत चुदाई के अन्तिम चरण में पहुंचते हैं तो एक बार फिर उसका लंड मेरे मुंह में और मेरी चूत उसके मुंह के पास होते हैं और फिर हम दोनों ही एक-दूसरे का पानी पीते हैं।'
मैंने नमिता को देखा, पता नहीं वो क्या सोच रही थी, मैंने उसे झकझोरते हुए पूछा- क्या सोच रही है?
तो वो बोली- भाई कभी अपना पानी आपकी चूत के अन्दर नहीं डालते हैं?
नमिता भी अब खुलने लगी थी।
मैं - बिल्कुल डालते हैं लेकिन कभी कभी, नहीं तो अकसर करके हम दोनों एक दूसरे का पानी पी लेते हैं।
नमिता फिर कुछ सोचने लगी, मैं समझ गई कि वो क्या सोच रही है।
मैं नमिता से फिर बोली- इसलिये मैं कहती हूँ कि सेक्स निःसंकोच करना चाहिये।
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