RE: Antervasna मुझे लगी लगन लंड की
मैं काम निपटा कर घर पहुंची, घर पर सभी लोग आ चुके थे और मेरा इंतजार कर रहे थे। सबके साथ चाय नाश्ता होते होते रितेश का फोन आ गया तो मैं रितेश से बात करने के लिये अपने कमरे में आ गई और बॉस के ऑफर के बारे में बताया, तो रितेश छूटते ही पूछ बैठा कि बॉस देखने में कैसा है। बॉस का जब मैंने रितेश को फिगर बताया तो रितेश मुझे सजेशन देते हुए बोला कि कोलकाता जाना चाहो तो जा सकती हो।
इसका मतलब था कि रितेश ने मुझे परमिशन दे दी थी कि बॉस के लंड का मैं मजा ले सकती हूँ। उसके बाद मेरे रितेश के बीच में इधर-उधर की बातें होती रही कि तभी नमिता ने मुझे पुकारा तो मुझे रात वाली बात याद आ गई तो मैंने रितेश को बाकी बाते दूसरे दिन बताने के लिए कही और फोन काट दिया।
जैसे ही मेरी और रितेश की बात खत्म हुई, नमिता मेरे कमरे में आ गई और रात को जो कुछ भी उसके और अमित के बीच हुआ था वो बड़े उत्साह के साथ बता रही थी, लेकिन मेरा दिमाग आज रात को होने वाले लाईव सेक्स पर ही था। इतना तो मैं अब समझ गई कि नमिता से मैं जो कहूँगी वो थोड़ा बहुत न नुकुर करने के बाद मान जायेगी।
मैं इसी बात मैं विचार मग्न थी कि नमिता ने मुझे झकझोरा और मैं क्या सोच रही हूँ उसको बताने के लिये कह रही थी। मैं उसे जानबूझ कर टाल रही थी। लेकिन जब मुझे नमिता बहुत जोर देकर पूछने लगी तो
मैंने नमिता से कहा- बता तो मैं दूँगी, लेकिन सुनने के बाद तुम मुझे गलत नहीं समझोगी और उसको मानोगी।
जब मैं समझ गई कि नमिता मेरी बात को नहीं काटेगी तो मैंने उससे पूछा कि क्या वो शरमायेगी अगर मैं कहूँ कि आज रात अमित मेरे सामने तुम्हारी चूत और गांड की चुदाई करे?
मेरी बात सुनते ही नमिता की आँखें आश्चर्य से फैल गई और बोली- भाभी, आप यह क्या कह रही हो?
तो मैं उसे समझाने लगी, वो बार-बार मना किये जा रही थी और मैं बार-बार अपनी बात कह जा रही थी।
तब नमिता हारकर बोली- ठीक है भाभी, अगर अमित तैयार हो जायेगा तो मैं भी तैयार हूँ।
मैं - 'अगर तू तैयार है तो मैं जीजू को मना लूँगी।'
तभी नमिता कुछ याद करते हुए बोली- अगर अमित तुम्हें भी चोदने के लिये बोला तो?
अब नमिता भी खुल कर बोलने लगी थी, तो मैंने भी उसी तरह बोला कि अगर तू कहेगी तो वो मेरी चूत में लंड डाल पायेगा नहीं तो नहीं।
'तो ठीक है!' नमिता बोली।
मेरा काम पूरा हो चुका था। अमित तो वैसे भी तैयार था तो मैंने मौका देखकर अमित को इशारा कर दिया। अब हम तीनों रात होने का इंतजार करने लगे। जैसे तैसे घर का काम खत्म हुआ, केवल हम दोनों के अलावा, घर के सभी लोग, अमित भी खाना खाकर ऊपर जा चुके थे।
काम करने के साथ-साथ मैं पूरा ध्यान नमिता पर था और मुझे ऐसा लग रहा था कि वो बहुत घबरा रही है। मैं नमिता को एक बार फिर सेक्स पर ज्ञान देने के लिये बोली- देखो नमिता, कोई जोर जबरदस्ती नहीं है, न मन हो तो मत करो।
नमिता - 'नहीं भाभी, ऐसी कोई बात नहीं है, पर थोड़ा अजीब जरूर लग रहा है।'
मैं - 'देखो नमिता, सब संकोच, डर निकालो और मजा लो। अमित को लगे उसकी बीवी भी क्या गजब माल है। और आज अपनी चूत के मजे के साथ अपनी गांड चुदाई के भी मजे लेना।'
मैं उसके साथ साथ काम भी निपटा रही थी और उसे आज रात जो होना है उसके लिये उसे मैं तैयार करने में लगी थी। चूंकि नोएडा में जो मेरे साथ हुआ था, उसने मेरे जीवन को बदल दिया था और अब मैं हर पल सेक्स का मजा लेना चाह रही थी और मुझे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था कि उस सेक्स का मजा लेने में मेरे साथ कुछ गलत भी हो सकता था। उसको समझाते-समझाते मेरे दिमाग में एक और शरारत सूझी। वो शरारत यह थी कि मैं और नमिता दोनों ही नंगी ऊपर जायें, तो मैंने नमिता से ऊपर नंगे चलने की बात कही तो एक बार उसकी आँखें फिर चौड़ी हुई और
बोली- भाभी, तुम पागल हो क्या, अभी नीचे सब जाग रहे है और किसी ने देख लिया तो बवाल हो जायेगा।
मैंने उसे ढांढस बंधाते हुए कहा- कोई नहीं देखेगा, सब अपने कमरे में हैं और अगर तुम नंगी ऊपर जाओगी तो अमित और भी सरप्राईज हो जायेगा। चलो मैं कमरे में अंधेरा कर देती हूँ।
कह कर मैंने पूरे घर की लाईट ऑफ कर दी, बस जिस कमरे में मैं और नमिता खड़ी थी, उसमें जीरो वाट का बल्ब जलते रहने दिया। नमिता झिझक रही थी और मैं उसे हौंसला दे रही थी।
तभी नमिता बोली- फिर भाभी, आप भी नंगी चलो।
मैं तो चाहती यही थी, फिर भी मैंने मना करने की नियत से कहा- देखो, अमित को तुम सरप्राईज दे रही हो मैं नही। मैं मन ही मन बहुत खुश हो रही थी, लेकिन फिर दिखावा करते हुए बोली- मुझे कोई परेशानी नहीं है लेकिन अगर मेरा मन अमित का लंड अपनी चूत के अन्दर लेने का हुआ तो तुम बुरा नहीं मानोगी?
नमिता तुरन्त बोली- नहीं भाभी, बिल्कुल नहीं बुरा मानूँगी, आज हम दोनों उसे डबल सरप्राईज देंगे और डबल चूत भी।
'ठीक है!' कहकर मैंने तुरन्त ही अपने गाऊन को उतार दिया।
चूंकि मैं अन्दर कुछ भी नहीं पहनती थी तो मैं पूर्ण रूप से नंगी थी।
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