RE: Antervasna मुझे लगी लगन लंड की
अमित मेरी तरफ ही देख रहा था, मैंने उसे उसका वीर्य नमिता की गांड के अन्दर ही निकालने को कहा। मेरे कहे अनुसार अमित ने अपना वीर्य नमिता की गांड के अन्दर निकाला। फिर मैं अपनी उंगली से अमित के विर्य को नमिता के गांड के अन्दर डाल रही थी, फिर मेरी देखादेखी अमित भी नमिता की गांड में उंगली करने लगा। अचानक पता नहीं नमिता को क्या हुआ, वो झटके से खड़ी हुई और तेजी से बाहर की तरफ भागी, मैं और अमित दोनों उसके पीछे-पीछे बाहर आये तो देखा कि नमिता नाली के पास बैठ कर मूतने लगी।
मैं अमित से बोली- अगर नमिता ने बताया होता तो तुम अपनी बीवी के पानी का मजा ले लेते।
अमित बोला- भाभी, अपनी चूत का तो पिला ही चुकी हो अब और किसका किसका पिलाओगी?
मैं - 'वो तुम्हारी बीवी है। सोचो कितना मजा आता तुम उसकी चूत में मुँह लगाते और वो मना करती और नखरे करती, मुझे देखने में कितना मजा आता!'
मूतने के बाद नमिता मेरे पास आकर बोली- भाभी, आपको भी आई है तो मूत लो।
मैं - 'नहीं, अभी मुझे नहीं आई है, जब आयेगी तो मैं मूत लूँगी।'
उन दोनों से बात कर ही रही थी कि रितेश का फोन आ गया और उन दोनों को जाने का इशारा किया और मैंने रितेश को आज की सारी घटना सुना दी। तो हैरान होते हुए रितेश बोला- तुमने नमिता की गांड भी चुदवा दी।
मैं - 'हाँ... और उसने भी अपनी गांड खूब मजे लेकर चुदवाई।'
रितेश आहें भरता हुआ बोला- मेरी जान, मजे तो तुम्हारे हैं और वो मादरचोद मेरी बॉस है, उसने दिन भर प्रोजेक्ट करवा कर मेरी गांड मार दी है। बहुत थक जाता हूँ। किसी तरह कल बीते तो मैं फिर तुम्हारी बांहो में आ जाउ।
'मैं तो तुम्हारे इन्तजार में बिल्कुल नंगी लेटी हूँ, पता नहीं तुम्हारे लंड को कब मेरी चूत और गांड की सुरंग की जरूरत हो।'
इसी तरह बात करते-करते नींद आने लगी और मैं फोन काट कर सो गई।
सुबह अमित और नमिता ने दरवाजा खटखटाया तो मेरी नींद खुली।
अमित बोला- भाभी, आज लगता है मेरा दिन काफी अच्छा जायेगा।
मैंने पूछा- क्यों?
तो अमित बोला- आज पहली बार मैंने सुबह सुबह दो दो औरतों को नंगी देखा है। कह कर वो हंसने लगा।
जब मेरी नजर अपने ऊपर गई तो मैं भी हँस पड़ी। उसके बाद मैंने अपने कपड़े पहने और फिर हम तीनों नीचे आ गये। घर के बाकी सभी लोग उठ चुके थे और सब तैयार हो रहे थे जबकि मैंने और नमिता ने रसोई सँभाल रखी थी। सब काम निपटाने के बाद मैं भी ऑफिस के लिये तैयार हो गई, फिर नाश्ता करने के बाद मैं भी ऑफिस के लिये चल दी। अमित ने आज एक बार फिर मुझे मेरे ऑफिस ड्राप कर दिया।
जैसे ही मैं अपने केबिन में बैठी कि साहब की कॉल मुझे अपने ऑफिस में बुलाने के लिये आई। वहां पहुँचने पर बॉस मेरी तारीफ के पुल बाँधने लगे तो मैं समझ गई आज बन्दा मुझे अपना हम बिस्तर बनाना चाहता है। मुझे ऐसा कोई ऐतराज भी नहीं था लेकिन थोड़े नखरे करने की सोच रही थी और इसी सोच में पता नहीं कब ख्याली दुनिया में पहुँच गई कि मुझे मेरा बॉस क्या कह रहा है पता ही नहीं चल रहा था।
एकदम बॉस ने मुझे झकझोरा और बोला- आकांक्षा, मैं तुमसे बहुत दिनों से एक बात कहना चाह रहा था लेकिन कह नहीं पा रहा था। लेकिन अब मैं बहुत स्पष्ट रूप से तुमसे कहना चाहता हूँ कि तुम मुझे बहुत ही सेक्सी लगती हो और कई दिनों से केवल तुम्हारी कल्पना कर रहा हूँ। आज इसीलिये मैंने अपनी बीवी को एक दो दिन के लिये उसके मायके भेज दिया है ताकि मैं तुम्हारे साथ मेरे घर में रह सकूँ। मैं चाहता हूँ चाहे आज या कल तुम चार पांच घन्टे मेरे साथ रहो, मैं तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहता हूँ।
कहकर वो मेरी तरफ देखने लगा। उसकी इतनी स्पष्ट तरीके से अपने प्रोपोजल को मेरे सामने रखा कि मैं अब उसे नखरे नहीं दिखाना चाहती थी और न मैं यह चाहती थी कि उसे यह पता लगे कि मैं चुदने के लिये तैयार हूँ। तो थोड़ा नाटक करते हुए
मैं बोली- बॉस, अगर किसी को पता ना चले तो मैं आपके घर चल सकती हूँ।
बॉस मेरी तरफ देखने लगा और फिर मुझे मेरे केबिन मैं जाने के लिये बोला। करीब आधे घंटे के बाद बॉस के बुलावे पर ऑफिस के सभी स्टॉफ एक हॉल में खड़े थे।
|