RE: Antervasna मुझे लगी लगन लंड की
बॉस आये और बोले- आज मेरी 5-6 घंटे की एक ऑउट डोर मीटिंग है, मैं अपने साथ किसी एक को ले जाना चाहता हूँ। जो मेरे साथ चलने के लिये तैयार हो, मेरे पास आ जाये।
मैंने अपना हाथ उठाया,
बॉस बोले- तुम चलोगी मेरे साथ?
मैं बोली- नहीं बॉस, मैं आपके साथ जाने के लिये नहीं बोल रही हूँ, मुझे हॉफ लीव चाहिये उसके लिए बोल रही हूँ।
बॉस - ठीक है।
कहकर वो सभी की तरफ देखने लगे। सभी कुछ न कुछ बहाना बना कर हट गये।
अन्त में बॉस बोले- O.K.
मैं ऑफिस के बाहर आ गई और मेरे पीछे-पीछे बॉस आ गये और मैं उनके साथ उनके घर पहुँची। बॉस मुझे सीधे अपने बेड रूम ले गये और मुझे पकड़कर चूमने लगे।
मैं - 'अरे बॉस, रूको तो सही, कपड़ा उतारोगे या कपड़े पहने ही सब कुछ कर लोगे?'
तब जाकर मुझे उन्होंने अपने से अलग करके जल्दी-जल्दी अपने कपड़े उतारे, उनका चार इंच का लंड तना हुआ था। कपड़े उतारने के बाद वो अपने लंड को मसलने लगा,
मैंने हाथ हटाते हुए कहा- बॉस, इसको इतना मत मसला करो। इसे प्यार की जरूरत है न कि सजा की।
बॉस - 'तो ठीक है, नहीं मसलता... जल्दी से अपने कपड़े उतारो, मैं तुम्हारी चूत में इसको डाल देता हूँ।'
मैं - 'इसीलिये मुझे यहाँ लाये हो कि मैं कपड़े उतार दूँ और तुम तुरन्त अपने लंड को मेरी चूत में डालकर ठण्डे हो जाओ। थोड़ा प्यार व्यार करो, फिर इसको डालो।'
मेरी बातों के आगे हार कर
बॉस बोला- तो ठीक है, तुम जो चाहो वो करो, लेकिन मुझे खूब प्यार करो और मजा दो।
मैं - 'मैं तैयार हूँ लेकिन तुम, जो मैं कहूँगी, वो तुम करोगे।'
बॉस - 'तुम जो कहोगी, मैं करूँगा।'
मैं - 'ठीक है, पलंग़ पर लेट जाओ और अपने लंड पर अपना हाथ बिल्कुल मत लगाना।'
फिर मैं अपने कपड़े उतार कर बॉस के ऊपर चढ़कर बैठ गई और अपने अंगूठे को बॉस के मुँह में देते हुई
मैं बोली- चल शुरू हो जा मेरी जान मजा लेने को, चल चाट इसे, आज तुझे वो मजा दूँगी जो तेरी बीवी ने तुझे कभी नहीं दिया होगा।
अपने दोनों पैर उसकी जुबान पर खूब रगड़ रही थी, उसके बाद उसकी नाक के पास चूत ले जाकर उसे सूँघने को बोली। मैं अपनी चूत को कभी उसकी नाक से रगड़ती तो कभी उसके मुँह से। बॉस मजबूर था कभी मेरी चूत सूँघने के लिये और कभी चाटने के लिये। उसके बाद मैंने अपनी चूची उसके मुंह में लगा दी। मेरा बॉस मेरी चूची को एक छोटे बच्चे की तरह चूस रहा था।
मैं - 'क्यों बॉस, मजा आ रहा है?'
बॉस - 'बहुत मजा आ रहा है।'
मैं - 'अच्छा तुम बताओ कि तुम क्या चाहते हो जो मैं तुम्हारे साथ करूँ।'
मैं उसके ऊपर लेट गई जिससे उसके लंड को भी मेरी चूत की गर्मी का अहसास हो जाये। लेकिन ये क्या... जैसे ही मेरी चूत उसके लंड से टच हुई वैसे ही उसके लंड से फव्वारा छूट पड़ा।
मैं - 'यह क्या किया तुमने? इतनी जल्दी तुम डिस्चार्ज़ हो गये?'
बॉस का माल मेरी चूत और जांघ पर गिर चुका था। बॉस नजर नहीं मिला पा रहा था, मैं उठी
और मैं बोली- कोई बात नहीं जानू!
कह कर मैं सीधी लेट गई,
और उससे बोली- मेरी चूत और उसके आस पास जहाँ जहाँ भी तुम्हारा माल गिरा है, उसको अपनी जीभ से साफ करो।
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