Antervasna मुझे लगी लगन लंड की
11-05-2020, 12:23 PM,
#37
RE: Antervasna मुझे लगी लगन लंड की
मैं वहां जाकर इस तरह खड़ी हो गई कि सूरज को यह न लगे कि मैंने उस छेद को देख लिया है। कुछ देर ऐसे ही खड़ी रही, फिर हल्के से दूसरी तरफ देखा तो सूरज टहल रहा था। इसका मतलब यह था कि वो मुझे नंगी देखने के लिये बड़ा उत्सुक है, लेकिन अभी तक मैंने कपड़े पहने हुए थे और इसी को लेकर वो बैचेन था। मैं उस छेद से थोड़ा दूर होते हुए इस तरह से खड़ी हुई कि मेरी गर्दन के नीचे से सूरज को अच्छी तरह से मेरे पूरे जिस्म का दर्शन हो जाये। उसके बाद मैंने अपनी नाईटी उतार दी और अपने चूचियों को और चूत को अच्छे से सहलाने लगी ताकि सूरज को और मजा मिले। थोड़ी देर तक तो मैं सूरज को अपने गांड, चूत और चूची का नजारा धीरे धीरे नहा कर देती रही कि तभी मुझे कुछ तेज आवाज सुनाई दी तो उसी छेद से झांककर देखा तो सूरज ही कम्बोड पर बैठा हुआ था, उसकी आंखें बन्द थी और वो बड़बड़ाते हुए मुठ मार रहा था। मैं नहा कर निकली और कपड़े बदलने चली गई। नीचे उतर कर देखा तो अब सूरज नहाने जा रहा था। अब मेरी भी लालसा उसके लंड को देखने की हो रही थी। मैं बाहर से देख नहीं सकती थी और नहा चुकी थी लेकिन देखना तो था ही, जैसे ही सूरज गुसलखाने में घुसा, वैसे ही मैंने नमिता को अपना पेट खराब होने की जानकारी देकर मैं लैट्रिन में घुस गई। सूरज को उम्मीद नहीं रही होगी कि उसे भी कोई नंगा देखने की तमन्ना रखता है।

अन्दर घुस कर मैं उसी छेद से बाथरूम के अन्दर झांक रही थी। सूरज अपने सारे कपड़े उतार कर नंगा शॉवर के नीचे खड़ा था और पानी के बौछार का आनन्द ले रहा था। क्या जिस्म था उसका... पूरा मर्द लगता था। उसकी गांड की उभार भी क्या टाईट थे। लेकिन मेरा पूरा ध्यान तो उसके लंड पर था और जो मैं देखना चाह रही थी। वो जब घूमा तो उसका लंड बिल्कुल तना हुआ था और बार बार ऊपर नीचे हो रहा था। ऐसा लग रहा था कि कोई रह रह कर नाग फुंफकार रहा हो। सूरज भी नहा धोकर बाहर निकला और उधर मैं भी।

मैं ऑफिस के लिये तैयार होने जा ही रही थी कि

नमिता मुझे टोकते हुये बोली- जब तबियत ठीक नहीं है तो ऑफिस मत जाओ।

फिर सूरज की तरफ देखते हुए बोली- सूरज, भाभी की तबियत ठीक नहीं है, तुम आज कॉलेज मत जाओ और जाकर किसी डॉक्टर के यहां दिखा दो।

सूरज को तो जैसे मन की मुराद मिल गई हो,

वो तपाक से बोला- जी दीदी, जरूर! मैं भाभी को डॉक्टर के यहां चेकअप करा दूंगा।

सूरज का लंड देखने के बाद तो मेरा भी ऑफिस जाने का मन नहीं कर रहा था तो मैंने भी नमिता से बोल दिया कि मैं ऑफिस फोन करके बता देती हूँ कि आज मैं नहीं आ पाऊँगी।

लेकिन मेरे दिमाग में यह घूम रहा था कि सूरज के लंड का मजा कहाँ लूँ। घर पर नहीं ले सकती थी और बाहर होटल वो भी नहीं जंच रहा था कि मेरे दिमाग बॉस के घर पर घूमा, उसका घर पूरा खाली था और कोई भी खतरा होने के डर भी नहीं था। यह ख्याल दिमाग में आते ही मैंने अपने बॉस को फोन किया ऑफिस न आने का कारण बता दिया। बॉस ने खुशी खुशी छुट्टी मंजूर कर ली। जब छुट्टी मंजूर हो गई तो,

मैंने अपने बॉस से कहा- बॉस, मुझे आपका एक फेवर चाहिये?

बॉस - 'हाँ हाँ... बोलो, मैं तुम्हारे लिये क्या कर सकता हूँ?'

मैं - 'आज मेरे हबी बाहर से वापस आ रहे है और मैं उन्हें ऐन्टरटेन करना चाह रही हूँ। दिन में मैं उन्हें घर पर ऐन्टरटेन नहीं कर सकती तो मुझे आपके घर की चाबी चाहिये। जहाँ केवल मैं और मेरे हबी हों।'

वो तुरन्त ही बोले- मुझे कोई ऐतराज नहीं है, मैं ऑफिस में हूँ, जब चाहो आकर चाबी ले जाना।

मेरे लिये सब कुछ आसान हो गया था, अब सूरज के लिये मुझे तैयार होना था। करीब दस बजे के करीब मैं थोड़े अच्छे से तैयार हुई,

तभी सूरज मेरे कमरे में आया और बोला- भाभी, मैं तैयार हूँ।

फिर मुझे देखते हुए बोला- वाव भाभी, आप कितनी अच्छी लग रही हो।

लेकिन मैंने उसकी बातों को अनसुना कर दिया और अपने रूम से बाहर आ गई। इतनी देर में सूरज ने अपनी बाईक स्टार्ट कर ली थी, मैं अन्दर सब को बता कर सूरज के साथ बाईक पर बैठ गई। मेरे अन्दर एक अलग सी आग भड़क रही थी और चाह रही थी कि जितनी जल्दी हो सूरज मेरी बाँहों में हो। रितेश के बाद सूरज ऐसा पहला मर्द था, जिसकी बांहो में मैं खुद आना चाह रही थी। बाईक अपनी गति से चली जा रही थी और मैं सूरज से सट कर बैठी थी और उसके कमर को अपनी बांहो से जकड़े हुए थी। पता नहीं उसे कैसा लग रहा होगा। अभी हम घर से थोड़ी दूर ही चले थे कि मैंने सूरज से मेरे ऑफिस चलने के लिये बोला तो वह बिना कुछ बोले दस मिनट बाद मुझे मेरे ऑफिस ले आया

और बोला- भाभी, आपका ऑफिस!

जैसे मैं नींद से जागी और जल्दी से बाईक उतर कर अपने ऑफिस के अन्दर घुस गई और सीधे बॉस के केबिन में। मुझे देखते ही बॉस ने अपनी आदतानुसार मुझे बांहों में जकड़ लिया और एक चुम्मा मेरे होंठों पर चस्पा कर दिया। मैंने बॉस से चाबी ली और चलने लगी तो बॉस ने मुझसे बोले कि मेरे हबी से वो मिलना चाहते हैं।

मैंने उन्हें उन्ही के केबिन से नीचे मोटरसाईकिल पर बैठे सूरज को दिखा दिया। उसके बाद मैं तेजी से चलते हुए नीचे आ गई और मोटर-साईकिल पर बैठ गई, सूरज ने बाईक आगे बढ़ा दी।

उसके बाद फिर मैंने सूरज को मेरी बताई हुई जगह पर चलने के लिये कहा,

तो सूरज बोल उठा- भाभी, हमें तो डॉक्टर के यहाँ चलना है।
Reply


Messages In This Thread
RE: Antervasna मुझे लगी लगन लंड की - by desiaks - 11-05-2020, 12:23 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,484,918 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 542,627 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,225,415 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 926,800 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,644,751 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,072,886 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,937,752 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,013,127 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,015,457 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 283,306 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 5 Guest(s)