RE: Antervasna मुझे लगी लगन लंड की
बात काटते हुए रितेश बोला- तो मेरी प्यारी रंडी बीवी अपने शौहर को छोड़ कर उसका पानी निकालने जायेगी?
'नहीं यार!' मैं बोली। तुम मेरी गांड इस तरह मारो कि रोहन को मेरी गांड और लंड की चुदाई पूरी दिखे पर उसे ऐसा नहीं लगे कि हम उसे देख रहे हैं।
रितेश मेरी बात समझ गया, मैं और रितेश खिड़की के और करीब आ गये। हमारी पीठ खिड़की की ही तरफ थी, लेकिन मेरी समझ से मेरी गांड चुदाई बाहर से पूरी तरीके से देखी जा सकती थी। अब मैं झुक चुकी थी और रितेश मेरे पीछे थोड़ा सा इस तरह से हट कर खड़ा होकर मेरे गांड की उठान को इस प्रकार फैलाया था कि अन्दर का छेद बाहर खड़े रोहन को अच्छे से दिखे। उसके बाद मुझे मेरी गांड पर कुछ गीलापन सा लगा, रितेश अपने थूक से मेरी गांड को तीन-चार बार गीली कर चुका था। तभी गप्प से उसका लंड मेरी गांड में घुस गया... चीख के साथ मेरे मुंह से गाली भी निकली- माआआदरचोद... मेरी गांड में अपने गधे जैसा लंड को प्यार से नहीं डाल सकता क्या?
उधर रितेश ने भी वैसा ही जवाब दिया- हाँ बहन की लौड़ी, तेरी गांड है या गुफा? मेरा लंड एक ही बार में पूरा का पूरा अन्दर चला गया। चल बता बुर चोदी कितनों से अपनी गांड मरवाई है?
मैं - 'अरे मेरे गांडू राजा, ऐसा अपनी प्यारी रंडी के लिये मत बोलो, मेरी चूत के अन्दर किसी का भी लंड सैर कर सकता है, पर मेरी गांड में केवल तेरा ही लंड सैर करता है।'
इस तरह हम लोग गाली गलौच वाली भाषा का प्रयोग करके चुदाई का मजा भी ले रहे थे। बाहर खड़े रोहन का तो मुझे पता नहीं लेकिन रितेश की स्पीड बढ़ गई और कुछ देर बाद रितेश का माल मेरे मुंह में था। मैं धीरे से पर्दे के पीछे गई और देखने लगी कि रोहन क्या कर रहा है। बाहर का नजारा कुछ अलग ही था, रोहन मदहोश होकर अपने लंड को फेंट रहा था और थोड़ी देर बाद उसकी मलाई उसके हाथ में थी। रोहन ने अपनी जीभ इस तरह अपनी मलाई में लगाई मानो कि वो नमक चाट रहा हो। एक दो-बार ऐसा करने के बाद वो अपनी मलाई ही पूरी चाट गया कि तभी रितेश का मोबाईल बजने लगा और रोहन अपनी मदहोशी से बाहर आया।
उधर रितेश थोड़ी उँची आवाज में बोला- आकांक्षा, मेरा मोबाईल बज रहा है।
मैं भी थोड़ी ऊँची आवाज में बोली- आई।
ताकि रोहन को यह समझ में आ जाये कि कोई भी उसे देख सकता है।
और मेरी बात भी सही हुई, रोहन ने तुरन्त अपना लोअर पहना और दरवाजा खोलकर नीचे भाग गया।
रितेश ने मोबाईल उठा लिया, फोन सुहाना का था।
मैं भी रितेश के पास बैठ गई, रितेश ने मोबाईल को स्पीकर में कर दिया, उधर से सुहाना बोली -हैलो!
रितेश- हैलो!
सुहाना- कौन बोल रहा है?
रितेश- मैं रितेश!
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