RE: Antervasna मुझे लगी लगन लंड की
रितेश ने अपना पूरा परिचय दिया। पूरा परिचय लेने के बाद सुहाना जब कन्फर्म हो गई कि उसकी बात रितेश से ही हो रही है तो वो बोली- रितेश मैं सुहाना बोल रही हूँ।
रितेश- ओह, हाँ मैम बोलिये, बन्दे को कैसे याद किया।
सुहाना- मुझे तुम सुहाना ही बोलो।
रितेश- ओ के सुहाना, कल रात मैं तुम्हारे ही फोन का इंतजार ही कर रहा था, जब नहीं आया तो सोचा कि बिजी होगी इसलिये मैंने डिस्टर्ब नहीं किया।
सुहाना- हाँ, रात मैं ज्यादा थक गई थी और फिर सुबह ऑफिस में ही बिजी थी। अब जा कर थोड़ा फ्री हुई हूँ तो तुमको फोन लगा लिया। बाई दी वे तुम क्या कर रहे हो?
रितेश ने मेरी तरफ देखा, मेरी चूत को अपनी दूसरी हथेली से कस कर भींच दिया और हौले से मुस्कुराते हुए कहा- काफी दिनों बाद मैं अपनी वाईफ से मिला तो उसकी गांड मार रहा था।
सुहाना- तो क्या वाईफ भी तुम्हारे साथ बैठी है?
रितेश ने इस जगह पर थोड़ा सा झूठ बोला- नहीं, वो अन्दर अपनी गांड साफ करने गई है।
रितेश की यह बात सुनकर सुहाना बोली- रितेश, तुमको गांड मारने में बड़ा मजा आता है? तुमने मेरी भी गांड चोदी और इस समय अपनी वाईफ की गांड चोद दी?
रितेश- क्या करूँ सुहाना, आकांक्षा ने ही मुझे ये गांड मारने की आदत डलवाई है।
मेरा सिर रितेश के सीने पर था, दोनों की बाते सुनते-सुनते मैं उसके निप्पल के साथ भी खेल रही थी।
सुहाना- इसका मतलब तुम्हारी वाईफ को भी वाईल्ड सेक्स पसंद है?
रितेश- क्यों नहीं, मेरी वाईफ है ही ऐसी! जो एक बार उसको देख भर ले तो उसके चूत और गांड के पीछे अपना लंड लिये हुए दौड़ता रहे।
सुहाना- इसका मतलब अगर तुम्हारी परमिशन उसे मिल जाये तो वो किसी के साथ भी सेक्स कर सकती है?
रितेश- क्या सुहाना जी, सेक्स नहीं इसको चुदना बोलते है और इसमे परमिशन की क्या बात है। उसका छेद है, जिसे देना चाहे वो दे सकती है।
सुहाना- इसका मतलब तुम चाहते हो कि आकांक्षा किसी के साथ भी चुदे?
रितेश- मैं चाहता नहीं, जानता हूँ कि वो कब किससे चुदी है। मेरी आकांक्षा है, मुझसे कुछ नहीं छिपाती है और वो भी जानती है कि मैं किसकी चूत में अपना लंड डालता हूँ।
सुहाना- वाव! क्या जोड़ी है तुम दोनों की!
रितेश- हाँ सुहाना! हम दोनों का मानना है कि जिसको जहाँ भी मौका मिले वो एन्जॉय करे। अब बतायें कि क्या हुआ था रात को?
सुहाना- अपनी वाईफ को भी बुला लो, वो भी मेरी कल रात वाली कहानी सुने!
मैं सुहाना की बात सुनने के बाद बोली- हाय सुहाना जी, कैसी हैं आप?
सुहाना- मैं ठीक हूँ, तुम कैसी हो। तुम्हारा पति तो कमाल का है, क्या चुदाई करता है।
मै- हाँ! अभी-अभी उसने मेरे गांड का भी बाजा बजाया है।
सुहाना- वाआओ... तुम भी खुले शब्दों का प्रयोग करती हो।
मै- तो क्या हुआ, सेक्स करना है तो खुले दिल से करो।
रितेश- हाँ, अब आप सुनाओ अपना किस्सा!
सुहाना- कल रात जब मैं तुम्हारे पास से अपनी गांड मरवा कर घर गई तो देखा मेरा हबी आशीष मेरा इंतजार कर रहा था। उसने तुरन्त ही मेरे लिये कॉफी बना कर दी और मेरे कंधे को दबाने लगा। मेरे मना करने के बाद भी वो दबाता रहा और बोल रहा था कि तुम बहुत थक गई हो और तुमको इससे रिलेक्स मिलेगा।
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