RE: Antervasna मुझे लगी लगन लंड की
हम लोग सब बातें ही कर रहे थे कि तभी रोहन आ गया, सब को नमस्ते करने के उपरान्त मेरे पास ही खड़ा हो गया। मैं तुरन्त ही उठी और उसको उस जगह बैठा दिया, मैं देखना चाहती थी कि स्नेहा का अगला रिऐक्शन क्या होगा। मेरी सोच के मुताबिक ही हुआ, रोहन के बैठने के कुछ देर बाद ही मैंने नोटिस किया कि स्नेहा ने अपने पैरों को थोड़ा सा और फैला दिया और अपने मोबाईल से सेल्फी लेने लगी। मैंने सोचा कि अपने प्यारा देवर के लिये इंतजाम कर दूँ, दोनों लोग अपनी क्षुधा को शान्त कर लें।
मैंने स्नेहा से कहा- चलो, मैं तुमको पूरा घर दिखा दूं।
वो तुरन्त तैयार हो गई, मैं और स्नेहा दोनों वहां से चल दिये, इशारों ही इशारों में मैंने रोहन को भी बुला लिया। मैं स्नेहा को लेकर अपने कमरे में ले आई और उसके साथ बैठ कर बातें करने लगी। थोड़ी देर बाद रोहन ऊपर आया और
मुझसे कहा- भाभी, आपको नीचे बुलाया है।
मैंने दोनों को वहीं रहकर आपस में बाते करने के लिये कहा और मैं चल दी। मुझे पता था कि रोहन और स्नेहा के बीच जो होगा वो मुझे रोहन खुद ही बतायेगा। काम निपटाते निपटाते कब रात के सोने का समय आ गया, पता ही नहीं चला। मैं, नमिता, सासू माँ के अलावा मेहमान में से एक दो और लोगों ने हम लोगों की मदद की। सबके बिस्तर लग गये थे, सभी लोग सोने भी चले गये थे।
मैं और नमिता सासू मां के कमरे में सोने के लिये आ गये। मैं और नमिता नाईटी पहन कर लेटे ही थे कि रोहन कमरे में आ गया और बोलने लगा कि उसको सोने के लिये कही जगह नहीं मिल रही थी, वो भी उसी कमरे में सोने की जिद करने लगा। चूंकि सास का बेड इतना ही बड़ा था कि उस पर मुश्किल से कोई एक और लेट सकता था। तो नमिता अपनी मां के पास लेट गई और वहीं नीचे जो दो गद्दे मेरे और नमिता के लिये बिछे थे उसमें से एक पर मैं लेट गई और दूसरी पर पर रोहन लेट गया। इस समय उसने लोअर और बन्डी पहना हुआ था और उसके लोअर को देखकर लग रहा था कि वो काफी उत्तेजित है। मैं करवट लेकर सो गई लेकिन कुछ देर बाद मुझे लगा कि कोई मेरे ऊपर लदा हुआ है। थोड़ा मैं चेतन हुई तो समझ में आया कि रोहन का एक पैर मेरे ऊपर था।
यह क्या... मेरी नाईटी मेरी कमर के ऊपर तक थी, इसका मतलब मैं आधी नंगी थी और रोहन अपने लंड को मेरी गांड से रगड़ रहा है और कोशिश कर रहा है कि गांड के अन्दर उसका लंड चला जाये।
मैं इतना जान गई थी कि मेरे लिये लंड का हर समय जुगाड़ है, चाहे घर में कितने ही मेहमान क्यों न आ जायें। मैं आँखें बन्द किये लेटी रही और रोहन का लंड और हाथ दोनों ही मेरी गांड से खेलते रहे। कुछ देर तक तो उसका लंड मेरी गांड में चलता रहा और फिर मुझे मेरी गांड में गीला सा लगा, स्पष्ट था कि रोहन डिस्चार्ज हो चुका था, लेकिन उसकी उंगलियां चलती रही। उसके बाद रोहन का पैर मेरे ऊपर से हट गया और रोहन धीरे से नीचे की तरफ सरकने लगा। रोहन बेफिक्र था कि उसे कोई देख नहीं रहा है इसलिये बेफिक्र होकर वो अपनी जीभ मेरी गांड में चला रहा था। मैं रोहन का लंड तो चूत में नहीं ले सकती थी, लेकिन मजा भरपूर ले सकती थी तो मैं पलट गई और अब मैंने अपनी एक टांग रोहन के ऊपर चढ़ा दी, उसका मुंह ठीक मेरी चूत के सामने था। मैं इतनी देर में उत्तेजित हो चुकी थी तो मैं भी मदहोशी में अपनी कमर हिला हिला कर उससे अपनी चूत चटवा रही थी और यहीं पर रोहन ने मुझे पकड़ लिया वो समझ गया कि मैं जगी हुई हूँ और मजा ले रही हूँ, उसने तुरन्त अपनी दिशा बदल ली और अपने पैर वाला हिस्सा मेरे चेहरे तरफ घुमा लिया। अब उसका लंड मेरे मुंह की तरफ था। उसने अपना हाथ मेरी गांड पर रखते हुए मुझे अपने मुँह की तरफ खींच लिया और अपने लंड को मेरे होंठों से लगाते हुए मेरे मुंहके अन्दर डाल दिया। हम दोनों ही 69 की पोजिशन में थे। थोड़ी देर तक ऐसा ही चलता रहा, मुझे बर्दाश्त नहीं हो रहा था और मुझे रोहन का लंड अपनी चूत में चाहिये था इसलिये मैंने इशारे से उसको अपनी तरफ बुलाया और उसके कान में धीरे से बोली- रोहन, मेरी चूत में खुजली बहुत हो रही है।
रोहन अपने हाथ को मेरी चूत में ले गया और खुजलाने लगा। मुझे उसकी इस प्यारी हरकत पर बहुत अच्छा लगा लेकिन फिर भी मैं बोली इस तरह खुजली नहीं मिटेगी तुम्हारा लंड मेरी चूत में जायेगा तो मिटेगी, जाओ बाहर देखो अगर कोई न हो तो बाथरूम में मेरा इंतजार करो मैं वही पर मिलूँगी। रोहन चुपचाप उठा और बाहर चला गया और वहीं से उसने मुझे इशारा किया। रोहन के पीछे-पीछे मैं भी वहां चली गई और जैसे ही मैं बाथरूम में घुसी, रोहन बाथरूम का दरवाजा बन्द करके मुझसे चिपक गया और तुरन्त ही मेरी नाईटी को उतार कर फेंक दी, नीचे बैठते हुए मेरी चूत की फांकों को फैला कर देखने लगा। मैंने पूछना चाहा तो उसने मुझे इशारे से चुप रहने के लिये कहा और फिर मेरे पीछे आकर मेरी गांड को फैलाकर गांड की छेद में अपनी उंगली डालकर अन्दर बाहर करने लगा, फिर खड़ा होकर मुझसे
बोला- भाभी, मुझे आपको मूतते हुए देखना और हगते हुए देखना है। उस साली मादरचोद स्नेहा से बोला तो बोली ये सब नहीं करूंगी अगर चोदना हो तो चोदो।
मैं रोहन को रोकते हुये बोली- आखिर मुझे मूतते हुए क्यों देखना है?
रोहन- 'मुझे औरत को मूतते हुए देखने में बड़ा मजा आता है।'
मैं- 'चल मुझे तू मूतते हुए देख ले, पर मैं हगूंगी नहीं क्योंकि इस समय टट्टी नहीं आ रही है। कभी मौका लगा तो तुम मुझे हगते हुये भी देख लेना।'
कहकर मैं मूतने बैठ गई और मूतने लगी। रोहन भी ठीक मेरे सामने बैठ गया और मुझे देखने लगा। जब मैं मूत चूकी तो
बोला- भाभी मजा आ गया!
कहते हुए एक बार उसने फिर मेरी चूत में अपनी जीभ लगा दी और चाटने लगा। काफी देर हो रही थी, मुझे डर लग रहा था कि कोई बाथरूम में ना आ जाये,
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