RE: Antervasna मुझे लगी लगन लंड की
मैंने रोहन से कहा- अब जब कभी मौका मिले तो चाहे जितनी देर तक चाहे मेरी चूत चाट लेना लेकिन अभी अपना लंड मेरी चूत में डालकर मेरी खुजली मिटाओ।
रोहन खड़ा हुआ और मैं झुक गई, रोहन ने मेरे पीछे आकर मेरी चूत में अपना लंड डाला और धीरे-धीरे मेरी चुदाई शुरू कर दी। चुदाई करते करते उसकी स्पीड तेज होती गई और फिर एक समय ऐसा आया कि मैं समझ गई कि वो झड़ने वाला है।
मैं रोहन से बोली- रोहन, अगर तुम झड़ने वाले हो तो मेरे अन्दर मत झड़ना, अपना वीर्य मेरे मुंह में निकालना।
रोहन ने मेरी बात मानते हुए मेरे सामने आ गया, मैंने उसके लंड को अपने मुंह में लिया, दो चार बार उसके लंड को पकड़ कर मैंने हिलाया कि रोहन का वीर्य बाहर आना शुरू हो गया।
मैंने उसके वीर्य रस चाट चाट कर साफ किया और फिर रोहन से मेरी चूत चाट कर साफ करने को कहा। मैंने रोहन से पूछा कि स्नेहा के साथ क्या हुआ तो बोला कल आपको सब बता दूंगा।
उसके बाद मैं बाथरूम से बाहर निकलकर कमरे में आ गई और पीछे पीछे रोहन भी कमरे में आ गया, वो मुझसे काफ़ी दूरी पर लेटकर सो गया और जबकि मुझे पता नहीं कब यह सोचते सोचते नींद आ गई कि अब घर में कौन है जो मुझे चोदेगा क्योंकि रितेश मेरा पति है और उसका पूरा अधिकार मेरी चूत पर था, अमित, सूरज और रोहन ने जिसे जब मौका लगा मुझे चोद दिया। मेरी ससुराल में ही इतने लंड हो चुके थे कि। मुझे अपनी चूत की चिन्ता नहीं थी क्योंकि मुझे अपनी चूत की खुजली मिटाने के लिये मेरी ससुराल में ही कोई भी लंड मिल सकता था। सुबह हुई और फिर सबकी सेवा की तैयारी में लग गई लेकिन जो सेवा मेरी हो रही थी, उसका कोई जवाब नहीं था।
मौका मिलने पर मैंने रितेश को बता दिया कि उसके घर के तीन मर्द निपट चुके हैं।
मुझे गले लगाते हुए रितेश बोला- अब मुझे विश्वास हो गया है कि तुम इस घर को अच्छे से संभाल लोगी, अगर किसी ने कुछ इधर से उधर करने की कोशिश की तो वो तुम्हारी चूत के आगे हार मान लेगा।
एक बार फिर नमिता, मैंने और मेहमानों में 2-3 लोगों ने मिल कर नाश्ता वगैरह तैयार किया, सबने नाश्ता किया। रोहन आज घर पर ही था, बाकी सब अपने-अपने काम पर जा चुके थे। रितेश के ऑफिस जाने से पहले मैंने उससे कहा- छुट्टी की पूरी-पूरी कोशिश करना क्योंकि कम्पनी मुझे ट्रेन में केबिन दे रही है, अगर तुम होंगे तो केबिन में भी मजा लेंगे।
रितेश बोला- जान, मैं पूरी कोशिश करूँगा कि मेरी सेक्सी बीवी के साथ ट्रेन की केबिन में चुदाई का मजा लूँ।
उसने मुझे चूमा। (हाँ, जब से हम दोनों की शादी हुई थी तो ऑफिस जाने से पहले हम दोनों चुदाई का खेल जरूर खेलते थे।)
सभी मेहमान एक जगह बैठ कर हंसी मजाक कर रहे थे लेकिन मुझे रोहन और स्नेहा कही नहीं दिखाई पड़ रहे थे, मेरी नजर उनको ढूंढ रही थी। मैं उन दोनों को देखने ऊपर चली आई तो मेरे कानों में रोहन की आवाज पड़ी- चल, मैं तेरे साथ कुछ नहीं करूंगा।
स्नेहा बोली- क्यूं? कल तो तूने मेरे साथ अच्छे से मजा लिया आज क्यों मना कर रहा है? चल एक बार मुझसे खेल! शाम तक चली जाऊंगी।
रोहन बोला- तो मैं क्या करूँ? तू मेरी बात नहीं मानती... तुमसे तो अच्छी मेरी भाभी है, कल मैंने उससे बोला कि मुझे उसको मूतते हुए देखना है तो वो तुरन्त मेरे सामने पेशाब करने लगी।
स्नेहा- तेरी भाभी ने तुझे मूत कर दिखाया?
स्नेहा सोच की मुद्रा में थी। फिर स्नेहा अपने हाथ को रोहन के लंड के ऊपर फेरते हुए बोली- मतलब तेरी भाभी तुझसे चुदवाती भी है?
रोहन ने जवाब दिया- कल रात पहली बार भाभी ने मुझसे चूत चुदवाई थी।
फिर स्नेहा पर झल्लाते हुए बोला- मूत के दिखाती है या मैं जाऊँ?
स्नेहा बोली- ठीक है बाबा, मैं भी तुझको मूत कर दिखाऊंगी तब तो मेरे साथ मजा करेगा?
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