RE: Antervasna मुझे लगी लगन लंड की
मैं नीचे आई तो सभी बातचीत में लगे हुए थे, मतलब किसी का ध्यान नहीं गया था।
तभी नमिता मुझे रोकते हुए बोली- भाभी, कहाँ जा रही हो?
मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं नमिता को क्या कहूँ, तभी मेरे खुरापाती दिमाग ने नमिता को सही बात बताने के लिये कहा। बस दिमाग में बात आते ही,
मैं नमिता से बोली- तेरे भाई ने चोदने के लिये बुलाया है, आओ हम दोनों चलती हैं।
वो मेरी तरफ देखते हुये बोली- भाई तो ऑफिस में है?
मैं- 'नहीं, रितेश नहीं, रोहन ने!'
रोहन का नाम सुनकर चौंकी और
नमिता बोली- कब???
मैं- 'कल रात उसने पहली बार मुझे चोदा था और आज स्नेहा के साथ साथ मुझे भी चोदना चाहता है।'
'सच में?' नमिता बोली।
मैं- 'हाँ! अगर विश्वास नहीं होता तो तुम भी चलो, तुम भी मजा ले लो।'
नमिता बोली- 'नहीं बाबा, मैं नहीं जा रही हूं। तुम जाओ और मैं यहाँ पर रहकर सबको देख रही हूँ... और जल्दी से निबटकर आओ। खाना भी बनाना है। नहीं तो शाम तक चुदने-चुदवाने का प्रोग्राम करोगी तो सब को पता चल जायेगा।'
कहकर वो चली गई और मैं ऊपर आ गई।
मैं ऊपर आई, दरवाजा बंद करके कमरे में आई तो देखा कि स्नेहा और रोहन एक दूसरे से चिपके हुए हैं। वास्तव में उसके सामने मुझे हीनता महसूस हो रही थी क्योंकि स्नेहा की गांड तो मुझसे ज्यादा सेक्सी लग रही थी, बिल्कुल उठे हुए थे उसके चूतड़! मैं चुपचाप स्नेहा के पीछे आई और उसके कूल्हे पर अपने होंठ लगा दिया। मेरे होंठों के स्पर्श से,
स्नेहा पल्टी और मुझे देखते हुये बोली- भाभी आप आ गई, चलो आओ रोहन को मजा दें। रोहन बीच में एक तरफ मैं और एक तरफ स्नेहा थी, दोनों ने ही अपने गांड की दिशा रोहन के मुंह के तरफ कर दिया और बारी बारी से उसके लंड को चूसने लगी, रोहन भी बारी बारी से हमारी गांड और चूत को चूमता। एक बार हम तीनों के बीच होड़ मच गई, स्नेहा कभी रोहन के लंड को चूसती तो कभी मेरे होंठ चूमती। कुछ देर तो ऐसा ही चलता रहा, उसके बाद मैं रोहन के मुंह में बैठ गई और स्नेहा उसके लंड की सवारी करने लगी। रोहन भी चूत चाटने का एक्सपर्ट था, मेरी पुतियों को बार बार काटता और अपनी उंगली मेरी गांड के अन्दर डालता। थोड़ी देर बाद स्नेहा और मैंने अपनी अपनी जगह बदल ली। स्नेहा वैसे भी काफी खेली खाई थी, वो भी खुलकर रोहन से खेल रही थी, गालियाँ तो वो ऐसे बक रही थी कि कोई लड़का सुन ले तो शर्माने लगे,
स्नेहा- ले मादरचोद... खा जा मेरी चूत! मेरी बुर तेरे लंड की दीवानी हो चुकी। कितने लंडों से मैं चुद चुकी हूँ लेकिन मजा तेरे लौड़े में ही है। और चाट मेरी बुर को। तेरी भाभी से ज्यादा मजेदार मेरी बुर है। आह-आह करते हुए खूब अनाप शनाप बक रही थी।
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