RE: Antervasna मुझे लगी लगन लंड की
अब वो उस स्वाद के लिये तैयार थी जिसके बारे में रितेश ने नमिता को बताया था। रितेश ने समय लेते हुए नमिता के मुंह में धार गिराना चालू रखा। नजारा तो बेहद कामुक और गंदा था लेकिन अब हम लोगों के लिये ये नजारा चुदाई के खेल का एक पार्ट हो चुका था। मैं भी अमित के लंड को पकड़ कर चूसने लगी और अपना मुंह खोल दिया। अमित समझ गया और अपना सारा ध्यान एक जगह केन्द्रित कर लिया, थोड़ा सा समय लेने के बाद अमित के लंड से एक बूंद मेरी जीभ को टच की। मुझे तुरन्त अपनी सुहागरात याद आई जब मैंने और रितेश ने मजबूरी में एक दूसरे की मूत पी थी लेकिन आज मूत पीने का बहुत ही आनन्द ले रहे थे। अमित शायद अपने दिमाग को कंट्रोल नहीं कर पा रहा था, उसका पेशाब रूक रूक कर आ रहा था। मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं हॉट काफी पी रही हूँ, बहुत ही कसैला सा स्वाद था लेकिन लग रहा था कि यह स्वाद बना रहे। जब अमित पेशाब कर चुका तो मैंने उसके सुपारे के खोल को हटाते हुए उसकी लंड के अग्र भाग को चाटने लगी। उसके बाद अमित घुटने के बल नीचे बैठ गया और अपने मुंह को खोल दिया। उस दिन मैंने बदला लेने की गरज से अमित को जबरदस्ती अपना मूत पिलाया था पर आज मैंने अपनी चूत को बहुत ही आहिस्ते से उसके मुंह के पास लगा दिया और फिर धार छोड़ने लगी। जब मेरी भी धार खत्म हुई तो अमित ने अपने उंगलियों का यूज करते हुए मेरी चूत की फांकों को मसलता और फिर उसे चाटता। तभी मेरी नजर रितेश पर पड़ी, वो अपनी बहन को बिस्तर पर लेटा कर बहन की चूत के अन्दर अपना लंड डाल चुका था और उसके दोनों पैरों को अपने कंधे की ऊँचाई तक कर दिया था। मैंने भी जल्दी से पलंग पर आकर उसी पोजिशन पर अपने पैरों को उठा लिया और अमित मेरे पैरों के बीच आकर अपने लंड को मेरी चूत में डाल कर हल्के हल्के धक्के लगाने लगा। ननद और भाभी अगल बगल लेटी हुई थी और दोनों की चूचियाँ चूत ठुकाई से खूब हिल डुल रही थी। नमिता मुझे देखकर मुस्कुराती और मैं नमिता को देख कर मुस्कुराती। मैं रितेश की बातों को भी अपने जेहन में उतारती चली गई कि शनिवार से एक नया माहौल होगा और खूब मस्ती होगी। मेरी चूत में अमित के धक्के कभी धीरे होते तो कभी तेज होते। कुछ देर की ठुकाई से मेरे अन्दर की गर्मी बाहर निकल चुकी थी और शायद अमित की भी गर्मी शांत होने वाली थी। तभी अमित ने अपने लंड को मेरी चूत से बाहर निकाला और अपने लंड की मुठ मारने लगा, उसका लावा मेरी जांघों पर गिरने लगा। रितेश ने भी कुछ इस तरह ही नमिता के ऊपर किया। दोनों के डिस्चार्ज होने के बाद का जो माल हम दोनों के ऊपर गिरा था, उसको वहीं पास पड़ी चादर से साफ किया और फिर वही एक दूसरे की बांहों में सिमट कर सो गये।
दूसरे दिन मैं रूटीन काम निपटा कर ऑफिस गई पर ऑफिस में मेरा मन नहीं लग रहा था, किसी तरह से काम निपटा कर मैंने बॉस से उसके घर की चाभी ली और एवज में बॉस ने अपने दो मिनट का खेल मेरी चूत में खेला। दो दिन वो खेल होने वाला था जिसमें कई लोग नये थे और कई लोग इस खेल के एक्सपर्ट खिलाड़ी थे पर मजा खूब आने वाला था। घर पहुंची तो देखा नमिता ने रात की सभी तैयारी कर ली है, वो खुद भी खूब एक्साईटेड थी। इस समय हम चार लोग केवल टाईम पास कर रहे थे कि कब घर का खाना निपटे और कब हम लोग बॉस के घर में शिफ्ट हों। टाईम भी जिद पर अड़ा हुआ था और उसने भी अपनी गति को बहुत धीमा कर रखा था। पर जैसे तैसे रात का खाना निपटा तो हम लोग कार लेकर निकल पड़े और बॉस के घर आ गये। कार ऐसी जगह पार्क की कि किसी की नजर उस पर न पड़े।
फिर हम लोग मेरे बॉस के घर के अन्दर गये अपने सामान फेंके और चारों ने जल्दी जल्दी अपने कपड़े उतारे कि तभी रितेश की नजर हमारे पैरों पर गई,
वो तुरन्त बोल उठा- तुम लोग पूरे दो दिन तक हाई हील सैन्डल ही पहनकर रहोगी।
अभी हम लोगों को पहुंचे पंद्रह मिनट ही हुए होंगे कि,
टोनी की कॉल आ गई- हम लोग लखनऊ आ चुके हैं, होटल जा रहे हैं, कल आकर पिक कर लेना।
रितेश ने उसे कुछ देर वहीं इंतजार करने को कहा और गाड़ी का नम्बर और गाड़ी का कलर पूछ कर बोला- जब मैं फोन करूँ तो तुम लोग कार के पास आ जाना।
रितेश ने वहीं पड़ी दो चादर उठाई और नमिता से बोला- चलो, मेहमान को रिसीव करके आते हैं।
नमिता कपड़े पहनने लगी तो रितेश ने उसके हाथ से कपड़े लिये और चादर देते हुए,
रितेश बोला- जहाँ इसकी जरूरत हो, तुम ओढ़ लेना!
कहते हुए नमिता का हाथ पकड़ कर रितेश चल दिया। करीब आधे घण्टे बाद ही नीचे कार के हॉर्न की आवाज सुनाई दी। मैं और अमित भी नीचे उतर आये तो देखा कि सुहाना-अश्वनी, टोनी और मीना सभी थे और सभी पूर्ण रूप से नंगे थे। मुझे और अमित को देखते ही सब हमारे गले लगे और होंठों को चूम-चूम कर अभिवादन करने लगे। उसके बाद सभी लोग ऊपर आ गये।
टोनी बोला- इसको कहते हैं स्वागत करना!
मेरे पूछने पर
रितेश ने बताया:
मैं टोनी और मीना को रिसीव ही कर रहा था कि सुहाना का फोन आ गया, वो भी स्टेशन से होटल जा रहे थे तो मैंने उनको भी कार में बुला लिया। कार के अन्दर जैसे ही अश्वनी और सुहाना आये तो मुझे और इन सभी को नंगा देख कर,
सुहाना बोली- 'क्या डेयरिंग है तुम्हारी कि तुम दोनों पूरे नंगे होकर हम लोगों को रिसीव करने आये हो।'
सुहाना का जवाब देने से पहले मैंने सबका एक-दूसरे से इन्ट्रोडक्शन कराया।
टोनी तो टोनी है, तुरन्त ही सुहाना के बूब्स दबाते हुए बोला 'हाय' इससे पहले कि सुहाना टोनी के इस हरकत को समझ पाती कि टोनी ने अश्वनी का हाथ पकड़ा और मीना के बूब्स पर रखते हुए बोला कि तुम दोनों एक दूसरे को हाय नहीं बोलोगे क्या?
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