RE: Antervasna मुझे लगी लगन लंड की
टोनी को ब्रा उतारने का मौका मिला, टोनी ने दीपाली को अपने से कस कर चिपका लिया और पीठ पर हाथ फेरते हुए उसकी ब्रा की हुक खोल दिया और ब्रा को उनके जिस्म से अलग कर दिया। अब रितेश की बारी थी दीपाली की पैन्टी उतारने की, मेरी नजर दीपाली की पैन्टी पर गई देखा तो वो सफेद रंग की थी और चूत का पास के हिस्से में पीला रंग का दाग लगा था। रितेश ने पैन्टी उतारी और चूत पर हाथ फेरने लगा। दीपाली की चूत गीली हो चुकी थी क्योंकि रितेश अपनी उंगली को चाटने लगा था और पैन्टी के उस गीले हिस्से को भी अपने मुंह में भर लिया। यह सब देखकर दीपाली काफी शरमा रही थी... फिर भी उसके साथ जो हो रहा था, उसे अच्छा लग रहा था। दीपाली को मैंने अपने पास बैठाया और मीना और अमित को अपनी क्रिया आगे बढ़ाने के लिये कहा।
इस बार अमित ने मीना को लेटाया और अपनी दोनों उंगलियों का प्रयोग करके उसकी चूत की फांकों को फैला कर अपनी जीभ उसकी चूत के बाहरी भागों में चलाना शुरू कर दिया। इधर अमित की जीभ ने अपना कमाल शुरू ही किया था कि मीना ने अपनी गांड उठाना शुरू कर दी और अपनी चूची को कस-कस कर भींचने लगी। अमित ने जीभ चलाना छोड़ कर उसके चूत के अन्दर अपनी उंगली डाल दी, पहले उसने अपनी एक उंगली मीना की चूत में डाली और थोड़ी देर तक अन्दर बाहर करता रहा, फिर दो, फिर तीन और फिर अपनी चारों उंगलियाँ चूत के अन्दर डाल दी और फिर मीना की चूत की गहराई नापने लगा। आधी हथेली उसकी चूत के अन्दर जा चुकी थी। अब अमित अपनी उंगलियों को ही अन्दर बाहर कर रहा था। जब अन्त में उसने अपना हाथ चूत से बाहर निकाला तो उसका हाथ मीना के रस से काफी गीला हो चुका था और थोड़ा रस मीना की चूत से बाहर टपक रहा था। अमित अपनी हथेली मीना के मुंह के पास ले गया और खुद उसकी चूत से निकलता हुआ रस चाटने लगा। मेरी नजर दीपाली पर भी थी, वो भी बड़ी उत्सुकता से इस खेल को देख रही थी और अपनी चूत को सहला रही थी, मानो कह रही हो 'थोड़ा ठंड रख, तुझे भी ऐसा ही मजा मिलेगा।' मीना ने भी अमित की हथेली को चाट-चाट कर साफ किया। फिर अमित खड़ा हुआ और मीना को पलग से आधा बाहर खींच लिया और उसके कमर के हिस्से को हवा में उठा लिया और उसकी चूत के अन्दर अपना लंड पेल दिया और उसकी चुदाई शुरू कर दी। इधर अमित मीना को चोद रहा था उधर
दीपाली मैम मुझे कोहनी मार कर धीरे से बोली- ऐसा नजारा तो बी॰एफ॰ में होता है। मुझे नहीं मालूम था कि मैं अचानक आकर ऐसी सीन लाईव देख सकूंगी।
मैंने भी धीरे से कहा- घबराओ नहीं दीपाली मैम, अभी आप लाईव देख रही है और कुछ देर बाद लाईव महसूस भी करेंगी। जिस तरह एक कुतिया को देखकर चार-पांच कुत्ते उसकी तरफ दौड़ लगाते हैं और उसको पकड़ कर चोदना शुरू कर देते हैं, ये चार कुत्ते भी आपकी चूत को मजा देंगे।
इधर अमित के धक्के बहुत तेज-तेज हो रहे थे। फिर अमित ने मीना को खड़ा किया और अपना लंड उसकी मुंह में दिया और मीना उसके लंड को चूसने लगी। अपने लंड को थोड़ा चुसवाने के बाद अमित ने मीना को खड़ा किया और उसके कूल्हे को फैला कर अपने एक हथेली के ऊपर थुका और फिर वही थूक मीना की गांड में मलने लगा, फिर उसकी गांड में अपना लंड पेल दिया। दोनों की आह-ओह की आवाज कमरे में फैलने लगी। लंड बारी बारी से मीना की चूत और लंड को चोदता और फिर अन्त पास आने लगा। अमित की स्पीड एक बार फिर तेज हो गई और उसने एक झटके से अपना लंड बाहर निकाला, मीना ने सीधी होकर अपने मुंह को खोल दिया, अमित अपने लंड को फेंट रहा था और फिर अमित ने अपना रस सीधा एक तेज धार के साथ मीना के मुंह में छोड़ दिया। कुछ बूंद उसके गालों पर गिरी जिसको उसने अपनी जीभ से लेकर मुंह के अन्दर कर लिया। अमित का लंड मुरझा चुका था, उसने मीना को उठाया और अपने से चिपका कर उसके कान में कुछ कहने लगा। मीना मुस्कुराई और फिर पलंग पर लेट गई और अपने दोनों पैरों के साथ अपनी चूत को भी अच्छे से खोलकर,
मीना बोली- आओ अमित, मेरी जान, लो तेरी जान का छेद खुल गया है आओ जल्दी से करो।
कोई कुछ समझता, इससे पहले अमित अपने लंड के सुपारे के मुंह को मीना की चूत के ऊपर ले गया और मूतना शुरू कर दिया।
मीना चिल्ला चिल्ला कर कहने लगी- क्या गर्म धार छोड़ रहे हो... और छोड़ो मेरी जान, मजा आ रहा है।
इस खेल को देखकर दीपाली मैम की आँखें फटी की फटी रह गई।
उसके बाद अमित और मीना अगल बगल खड़े हो गये।
सबसे पहला सवाल नमिता ने मीना से पूछा- अमित ने तुम्हारे कान में क्या कहा था?
मीना बोली- अमित ने कहा कि उसे मेरी चूत में मूतना है। तो मैंने कहा जान इस समय मेरी चूत तुम्हारी है, आओ मूतो, कहकर मैं लेट गई और अपने चूत का मुँह अमित के मूत के लिये खोल दिया।
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