RE: Antervasna मुझे लगी लगन लंड की
अब सुहाना बोली- जब अमित तुम्हारी चूत में मूत रहा था तो तुम्हें कैसा लग रहा था?
मीना बोली- 'बहुत मजा आया... जब उसके मूत की धार पड़ती तो मेरे जिस्म में झझनाहट होती थी।'
अब मेरी बारी थी, मैंने पूछा- अमित का सबसे बढ़िया प्वाइंट क्या था?
मीना बोली- 'सब बढ़िया था, दीपाली मैम के आने से पहले जब मैं उसके ऊपर थी तो उसने एक बार भी यह कोशिश नहीं की कि वो अपने को मुझसे अच्छा सिद्ध करे, वो लेटा रहा और जो कुछ भी मैं कर रही थी उसने मुझे करने दिया।
टोनी बोल उठा- डार्लिंग, अगर इसी समय तुम्हें एक और मौका चुदने का मिले तो किसको तुम अपना पार्टनर बनाओगी?
मीना ने सभी चारों मर्द की ओर देखा और फिर अश्वनी की ओर इशारा करते हुए बोली- अगर मेरी चूत को अभी तुरन्त कोई लंड मिले तो वो अश्वनी का होगा।
दीपाली से रहा न गया तो बोली उठी- ऐसा क्यूं?
सभी दिपाली की तरफ देखने लगे।
इस तरह अपने ऊपर सभी की नजर देखकर वो थोड़ा शर्मा गई।
लेकिन मीना बोली- यहाँ पर जितने मर्द है सबका लंड मेरी चूत में जा चुका है। बस अश्वनी मेरे लिये नया है और वैसे भी जिस अंदाज में उसने आकांक्षा की चूत की चुदाई की वो भी मुझे बहुत पसंद आया।
फिर मीना भी लड़कियों की तरफ आकर बैठ गई और अमित मर्दो की झुंड में चला गया।
सभी लोग बैठे थे कि रितेश और अश्वनी उठे और रसोई में गये और वहाँ से आईस क्यूब की थैली, नौ गिलास और एक विह्सकी की बोतल उठा लाये, जबकि अमित और टोनी ने विह्सकी के साथ लिये जाने वाले आईटम को लगा दिया। सभी एक बार फिर गोल घेरा बना कर बैठ गये।
तभी दीपाली बोली- आप सभी लोग कब तक ऐसे ही नंगे रहोगे?
अश्वनी बोला- संडे की शाम तक... उसके बाद सभी अपने घर चले जायेंगे।
दीपाली- 'लेकिन मुझे लगता है कि सभी को कपड़े पहने होने चाहिएँ!' दीपाली बोली।
अश्वनी बोला- 'क्यों?'
दीपाली बोली- एक्साईटमेन्ट!!
टोनी बोला- 'एक्साईटमेन्ट?' हम लोग तो बहुत ही मजा ले रहे हैं।
दीपाली ने कहा- 'हाँ, वो तो ठीक है।' लेकिन सोचो, इस समय हम सब नंगे बैठे हैं, तो क्या किसी के मन में है कि यार इसकी चूत की एक झलक दिख जाती तो क्या मजा आता या फिर लड़कियाँ ये सोचें कि इस साले का लंड अब कितना लंबा हो गया होगा। अपने ही मन में सोच कर तुम सब कितने एक्साईटेड होते न? और ये सोचो कि तुममें से किसी की चड्डी मे लंड टाईट हो और फिर कोई लड़की तुम्हारी चड्डी की तरफ कनखियों से देखे और तुम उसको इस तरह देखते पकड़ लो तो सोचो कितना मजा आयेगा।
दीपाली की बात सबकी समझ में आ गई और सभी ने दीपाली की बात को मानते हुए कपड़े पहन लिये। सिप का दौर चलता रहा और बातें होती रही कि तभी,
नमिता बोली- दोस्तो, सभी की चूतें चुद चुकी हैं, बस दीपाली ही है जिसकी चूत में इस समय तक किसी का लंड नहीं गया है।
चूंकि मैं अपने बॉस की ताकत से अच्छे से वाकिफ थी तो मैं यह जानना चाहती थी कि बॉस ने दीपाली के साथ अन्तिम बार मजे कब लिए। लेकिन बार बार पूछने पर वो नहीं बता रही थी, बस इतना ही बोली- थोड़ा सा घर के माहौल से उब गई थी तो पिछले एक महीने से मैं अपने घर चली गई।
बात मेरी समझ में आ चुकी थी कि दीपाली के चूत की सिंचाई हुए एक महीने से भी ज्यादा का समय हो रहा होगा। चूंकि दीपाली मेरे ही बगल में बैठी थी, मैं उसकी जांघ को सहलाने लगी तो उसका भी हाथ मेरी जांघ के ऊपर था।
मैं- 'दोस्तो...'
मेरी आवाज सुनकर सभी मेरी तरफ देखने लगे,
मैंने कहना शुरू किया- यह बताओ, अगर कोई खेत काफी समय तक सूखा पड़ा हो तो उस खेत के साथ क्या होना चाहिए?
सभी एक ही स्वर में बोल उठे- चुदाई!
और हँसने लगे।
मैं दीपाली की तरफ देख कर बोली- मैम, यहाँ हम लोगों को एक को एक का लंड मिला है और आप खुशकिस्मत हो कि आपके खेत को चोदने के लिये चार चार लंड तैयार हैं। उसके बाद हम औरतें दीपाली को छोड़कर अलग हो गई और चारों मर्द दीपाली के पास आ गये।
रितेश दीपाली के होंठों पर अपनी उंगलियाँ फेरते हुए बोला- दीपाली जी, आप जैसी हसीन औरत का खेत सूखा पड़ा है तो साला मर्द ही ना मर्द होगा।
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