RE: Antervasna मुझे लगी लगन लंड की
बॉस के इस जवाब से दीपाली थोड़ा गुस्सा आया तो, लेकिन फिर भी संभल कर बोली- ठीक है जानू, आज के बाद तुम्हें मेरी चूत से भी कोई शिकायत नहीं मिलेगी।
उसके बाद सुहाना दीपाली से बोली- आज तुम्हारी चूत लम्बे समय के बाद चुदी है। ऐसा क्या था जो इतने दिन तक का गैप हो गया? अब झिझकने की बारी दीपाली की थी, उसकी झिझक मिटाते हुए,
मेरे बॉस बोले- मेरे में ही कमी थी। मैं ज्यादा सन्तुष्ट नहीं कर पाता था और फिर इसी कारण हम दोनों के बीच दूरियाँ बढ़ती गई।
मीना बोली- तो अभय, आप ये बताओ कि फिर आकांक्षा आपसे कैसे सन्तुष्ट होती थी?
बॉस- 'ये आकांक्षा जाने... मैं आकांक्षा को भी सन्तुष्ट नहीं कर पाता था।'
रितेश मुझसे बोला- तो जान तुम्हारा तो पानी भी नहीं निकलता होगा?
मैं- 'नहीं मेरी जान... मैं इनके पास जब भी जाती थी तो पहले से ही मैं इतनी एक्साईटेड रहती थी कि जब तक ये झड़ते, मैं भी झड़ जाती थी और दोनों का काम हो जाता था।'
रितेश ने मेरे उत्तर को सुनकर मुझे अपनी बांहो में भर लिया।
तभी नमिता दीपाली से बोल बैठी- तो तुम भी चाहती तो किसी मर्द से चुद सकती थी, क्यों नहीं चुदी?
दीपाली- 'आज तो चुद गई हूँ ना... और वो भी अपने पति के सामने!'
इसके बाद हम सभी की बातें खत्म हो गई।रात के तीन बज रहे थे तो सभी सोने की तैयारी करने लगे।
सभी को सोये हुए ज्यादा समय नहीं हुआ होगा कि पेशाब आने के कारण मेरी नींद खुल गई और मैं उठ कर बाथरूम गई तो देखा बाथरूम में पहले से ही रितेश और दीपाली मूत रहे थे। मैं भी दीपाली के बगल में बैठकर मूतने लगी, मेरी और दीपाली की नजर रितेश के तने हुए लंड पर थी। पेशाब करके हम फ्री हुए तो वहीं पॉट पर रितेश को बैठा कर मैं और दीपाली बारी बारी से उसके लंड की प्यास अपनी चूत से बुझाने लगी, काफी देर तक हम दोनों लंड की सवारी करती रही। मैं और दीपाली दोनों ही खलास हो गये। फिर रितेश ही दीपाली को झड़ने तक चोदता रहा और उसने अपना माल दीपाली की चूत में निकाल दिया। उसके बाद हम तीनों सो गये।
मेरी नींद सुबह करीब आठ बजे खुली तो देखा कि बॉस मेरी चूत में अपने अंगूठा डालकर मुझे जगा रहे हैं और सभी मर्द इसी तरह सभी औरतों को जगाने की कोशिश कर रहे थे। उठने के बाद हम औरतों ने मर्दों के लंड को प्यार करने का पहला काम किया, उसके बाद सभी मर्द भी हम सभी की चूतों को चूमने लगे। उसके बाद टोनी ने अनाउन्स किया कि सभी लोग अपने पार्टनर को एक बार फिर चुन लें क्योंकि इस समय सभी टट्टी करने और नहाने जायेंगे। तो एक पेयर वाशरूम में जायेगा और फाइनल होकर निकलेगा। दीपाली को थोड़ा इससे ऐतराज था लेकिन समझाने पर वो भी मान गई।
तो हम औरतों ने यह मौका भी मर्दों को दे दिया कि वो अपनी पसंद की औरत चुन ले। सबसे पहले टोनी ही मेरे बगल में आ गया और मेरी गांड सहलाते हुए बोला कि मैं और आकांक्षा। उसके बाद अमित ने दीपाली को पकड़ लिया। रितेश ने मीना को, अश्वनी ने नमिता को पकड़ लिया और बॉस को सुहाना मिली। मुझे टट्टी बहुत जोर से लगी थी, मैं टोनी को लेकर बाथरूम में चली गई। मैं पॉट पर हगने के लिये बैठी ही थी कि अपने खड़े लंड को टोनी मेरे सामने कर दिया और मेरे मुंह को पकड़ कर अपना लंड मेरे मुंह के अन्दर पेल दिया और खुद ब्रश करने लगा। दिन की शुरूआत हो चुकी थी और यह तय था कि दिनभर चुदाई के अलावा कोई और काम नहीं होना था। इधर मेरी गांड से 'पड़पड़...' की आवाज आ रही थी और उधर टोनी का लंड मेरे मुंह के अन्दर था। जब मैं हग चुकी तो टोनी ने मेरी गांड धुलवाई। उसके बाद टोनी हगने बैठा तो उसके खड़े लंड पर मैं बैठ गई। वो हगता रहा और मैं उसके धधकते लंड की ज्वाला को शांत करने के लिये उसके लंड पर उछलती रही। करीब दस मिनट तक मैं उसके लंड पर उछलती रही, फिर मुझे महसूस हुआ कि मेरे अन्दर उसके लावे की फुहार पड़ रही है। टोनी के रस की एक एक बूंद मेरी चूत के अन्दर थी और उसका लंड ढीला होकर खुद ब खुद बाहर आ गया। फिर मैंने भी उसकी गांड और लंड को अच्छे से धोया, फिर हम दोनों ने एक दूसरे को खूब रगड़ रगड़ कर नहलाया। मैं और टोनी बाहर आ गये और फिर सभी बारी बारी से अन्दर गये और आते गये।
चूंकि मैं और टोनी सबसे पहले नहा धोकर फ्री हुये थे तो मैं रसोई में चाय और नाश्ता बनाने के लिये आ गई। दीपाली के कहने पर नहाने के बाद हम सभी को कपड़े पहनने थे तो मैंने और टोनी ने कपड़े पहन लिये, मैंने गाउन ही पहन लिया, जबकि टोनी ने कैपरी, बनियान पहन लिया और मेरे पीछे-पीछे रसोई में आ गया। मैं चाय के लिये पानी चढ़ा ही रही थी कि टोनी ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और चाय बनाने के लिये मना किया, बोलने लगा कि जब जोरू और दारू दोनों है तो चाय की क्या जरूरत है।
वो मुझसे सेक्सी बातें करते हुए मेरे चूतड़ सहलाता रहा और मेरी चूचियों से खेलता रहा, चाय बनने तक अपने लंड से मेरी गुदा (गांड) को सहलाता रहा। मैं साथ ही और भी नाश्ते की तैयारी कर रही थी और टोनी मेरे से छेड़खानी करने के साथ-साथ मेरी हेल्प भी कर रहा था। उसके बाद उसकी बीवी यानि की मीना भी रितेश के साथ साथ रसोई में आ गए। मीना के आने के बाद रितेश और टोनी को बाहर जाने के लिये बोला,
टोनी बोला- यार यह मेरा जो लंड है चूत और गांड के अन्दर जाने के लिये मरा जा रहा है।
मीना बोल पड़ी- तुम मर्द बाहर जाकर एक दूसरे की गांड मारो और लड़कियों को रसोई में भेजो ताकि नाश्ता और खाना बना कर रख लिया जाये।
मीना की बात सुनकर मेरे दिमाग में एक आईडिया आया, लेकिन मैं चुपचाप नाश्ते और खाने की तैयारी करती रही और जो जैसे जैसे फ्री होता गया वो रसोई में आकर अपना काम करता रहा। जब हम लोग रसोई का काम निपटा कर बाहर आये तो देखा तो कोई अखबार पढ़ने में मस्त है तो कोई योगा कर रहा है तो कोई टीवी देख रहा है पर टोनी कम्प्यूटर में कुछ डाउनलोड कर रहा था। जो टोनी ने डाउनलोड किया था, उसे उसने पेन ड्राईव में लेकर पेन ड्राईव को एल॰ई॰डी॰ से अटैच कर दिया और सभी जब नाश्ता करने बैठे तो टोनी ने वो डाउनलोडेड मूवी चालू कर दी। यह तो पक्का था कि टोनी ने मूवी डाउनलोड की है तो वो मूवी क्या होगी? खैर हम लोग नाश्ता करने लगे।
अब मूवी में एक लड़की घर के बाहर घूम रही होती है। घूमते घूमते वो सड़क के किनारे खड़े होकर सड़क पर दोनों तरफ देखते हुए पहले अपनी पैन्टी उतारती है और फिर अपने एक हाथ से अपनी एक टांग को पकड़ लेती है और मूतने लगती है। वो सीन खत्म होता है
तो दूसरे सीन में दो लड़कियाँ किसी पार्क में बैठी होती है और फिर उनको मूतास लगने लगती है, वो एक दूसरे के सामने पार्क में ही बैठकर मूतना शुरू कर देती हैं। लोग उन लोगों को देखते हुए कमेन्ट भी कर रहे थे।
तीसरा सीन एक कमरे का है जहाँ पर एक गंजा आदमी कई नंगी लड़कियों से घिरा होता है, आदमी सोफे के सहारे जमीन पर बैठ जाता है और अपना सर सोफे पर उल्टी दिशा में टिका कर अपना मुंह खोल देता है। उसके बाद एक एक करके लड़कियाँ आती है और उसके मुंह में मूतने लगती हैं। जितना मूत वो एक सांस में पी सकता है उतना मूत वो पीता है और फिर सांस लेने से बाकी की धार गिर कर उसके जिस्म को नहालने लगती है। बीच बीच में लड़कियाँ तो उसके सिर को ठीक अपनी चूत के नीचे लगा कर उसके सिर पर ही मूतने लगती है। इस तरह से 20 के करीब लड़कियाँ उसके या तो मुंह के अन्दर मूतती है या फिर उसे अपनी मूत से नहलाती हैं।
इस सीन को देखकर सुहाना देख कर बोली- कल रात तो इस सीन को हम लोगों ने भी किया था।
टोनी बोला- 'पर हमारे बीच अब दो नये लोग हैं इसलिये उनको दिखा रहा हूँ कि हमारे साथ सेक्स में ये सब भी करना पड़ेगा।'
टोनी की बात सुनकर सभी ने हाँ में हाँ मिलाई। दीपाली तैयार हो गई और कहने लगी कि कल रात से मैंने अपना मन बना लिया कि मैं भी जिंदगी को ऐन्जॉय करूँगी और मेरे अभय को भी करने दूंगी। हम लोगों के पास इतना सब कुछ है लेकिन उसका एन्जॉय नहीं कर पा रहे हैं। एक बार फिर दारू का दौर चला, सभी मर्द और औरतें हर पल का मजा ले रही थी और किसी को कुछ भी दिक्कत नहीं हो रही थी। दारू का दौर, सिगरेट के धुएं से बनते हुए छल्ले और उसके बाद हम औरतें जो हर समय अपनी चूत की प्यास बुझाने के साथ-साथ मर्दो के लंड को भी शांत कर रही थी। दारू के साथ साथ हम सभी ने खाना खाया और फिर थोड़ी देर के लिये टहलने के लिये चल दिये। अभी तो काफी लंबा प्रोग्राम था इसलिये थोड़ी ही देर में हम सभी लोग वापस आ गये।
एक बार फिर राउन्ड शुरू हो चुका था और टोनी ने बोतल घुमानी शुरू की और बोतल रूकी दीपाली की तरफ!
दीपाली मुस्कुराकर मेरी तरफ देखने लगी, हम दोनों ने आपस में ही एक दूसरे को आँखों ही आँखो में इशारा किया, दीपाली मुस्कुराती हुई खड़ी हुई और,
दीपाली बोली- मेरे प्यारे पति देव लोग!
इस पर सभी हँसने लगे तो वो सबको चुप कराते हुए बोली- इसमें हँसने जैसी कोई बात नहीं है। तुम लोग हम औरतों के पति ही तो हो और हम औरतें तुम लोगों की पत्नियाँ!
फिर दीपाली अभय की तरफ गई और उसके हाथों को अपने हाथों में लेकर बोली- अभय यह मेरे लिये भी मुश्किल है और तुम्हारे लिये भी और इसमें दर्द भी ज्यादा है। लेकिन अब मेरी बारी है कि मैं अपनी मन की ख्वाहिश को तुमसे पूरी कराऊँ।
अभय सर भी उत्साह में आते हुए बोले- हाँ हाँ, क्यों नहीं, जब तुमने मेरी बात पूरी की है तो मैं भी तुम्हारी हर बात पूरी करूँगा।
अभय सर का इतना बोलना था कि दीपाली ने टोनी और अमित के हाथ को पकड़ के अभय सर के बगल में खड़ा किया और खुद अभय सर के पीछे खड़ी होकर उसके निप्पल के मसलते हुए बोली- मेरी जान, इस खेल में टोनी और अमित ये दोनों भी शामिल है। और ये जो तुम्हारे साथ करेंगे उसमें तुम्हें थोड़ा दर्द होगा, लेकिन अगर तुम्हें दर्द मासूस हो तो तुम खुल कर चिल्ला सकते हो।
अभय सर तुरन्त ही बोल पड़े- मेरी जान, तुम तो ऐसा कह रही हो कि ये दोनों मेरी गांड मारेंगे?
दीपाली बोली- 'बिल्कुल सही पकड़ा है तुमने!' जोर से हँसते हुए दीपाली अभय सर के सामने आ गई।
अभय सर गिड़गिड़ाते हुए बोले- दीपाली, मेरी जान कुछ और करवा लो, लेकिन मेरी गांड मत मरवाओ!
दीपाली बोली- देखो अभय, यह पहले ही तय हो चुका है कि कोई पार्टनर अगर अपने पति या पत्नी से कुछ भी करने को कहेगा तो वो न नहीं करेगा, बल्कि सब उसके उस टॉस्क को पूरा करवाने में हेल्प भी करेंगे। अब तुम चुपचाप अपनी गांड इनसे मरवा लो नहीं तो मैं इनको बोल कर तुम्हारा दैहिक शोषण करवा दूंगी और फिर मैंने भी तो तुम्हारे टॉस्क को पूरा करवाने में तुम्हारी हेल्प की थी।
अभय सर के पास कोई जवाब नहीं था।
तभी दीपाली अमित और टोनी से बोली- तुम दोनों जैसे हमारी चूत और गांड मारने से पहले करते हो, वैसा ही अभय के साथ करोगे और अभय तुम दोनों के लंड को चूसेगा।
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