RE: Antervasna मुझे लगी लगन लंड की
हुआ यूं कि मुझे अपने हेड ऑफिस एक रिपोर्ट मेल करनी थी, रिपोर्ट मैं तैयार कर चुकी थी और बस मेल करने जा ही रही थी कि सिस्टम अपने आप ही ऑफ हो गया।
मुझे लगा कि मेरी गलती के कारण ही कम्प्यूटर बन्द हो गया होगा, मैंने एक बार स्टार्ट किया, लेकिन कम्प्यूटर बार-बार ऑन करने के बाद भी ऑन नहीं हो रहा था। मैं चाह रही थी कि किसी तरह वो रिपोर्ट फाईल ही मिल जाये तो मैं किसी और कम्प्यूटर पर जाकर मेल कर दूंगी, पर मेरा पूरा प्रयास व्यर्थ हो रहा था। हार कर मैंने राकेश को फोन लगाया तो पता चला कि वो लीव पर है और नहीं आ सकता है। रिपोर्ट इतनी जरूरी थी कि उस पर कम्पनी का करोड़ों दांव पर लगा था और एक चूक का मतलब था कि करोड़ों का नुकसान! मैं नहीं चाहती थी कि मेरी वजह से बॉस को कोई बात सुननी पड़े... भले ही मेरी चूत के कारण, बॉस हमेशा मेरा सपोर्ट करता था।
मेरे बहुत कहने पर राकेश आने को तैयार हो गया था, लेकिन साले मादरचोद ने बदले मेरी चूत चोदने की डिमांड कर दी। वैसे तो किसी का लंड मेरी चूत में जाये, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता था, बस थोड़ा राकेश से चिढ़ सी थी तो मैं उसे उतना भाव नहीं देती थी। पर वो दिन उसका था, नहीं चाहते हुए भी मैंने हां कर दी। ऑफिस बन्द होने का समय भी हो रहा था, राकेश ऑफिस आ चुका था,
कम्प्यूटर चेक करने के बाद बोला- बिना फार्मेट हुए नहीं चल सकता।
मुझे अगले 10 मिनट में मेल करनी थी, तो एक बार फिर
मैंने राकेश से बोला- किसी तरह मेल करा दो, फिर फार्मेट करना!
वो बोला 'ठीक है!' - मैं मेल तो करा दे रहा हूँ लेकिन जब मैं सिस्टम फार्मेट करूं तो तुम मेरे साथ रहोगी।
मेरे हां बोलने में उसने 2-3 मिनट में सिस्टम को ऑन करके रिपोर्ट निकाल ली और फिर उस रिपोर्ट को मेल भी कर दिया।
मेल करने के बाद वो मुझसे बोला- देखो मैंने तुम्हारा काम कर दिया, अब तुम्हारी बारी है।
मैं- 'मैं तैयार हूँ, बोलो कहां?'
राकेश- 'यहीं ऑफिस में... मैं तुम्हारे कम्प्यूटर को सही करूंगा और तुम मेरे!'
मैं- 'लेकिन अभी तो काफी लोग हैं।'
राकेश बोला- पांच मिनट के बाद ऑफिस खाली हो जायेगा, बॉस से कह कर तुम रूक जाना!
राकेश ने मुझे बताया कि मुझे बॉस से क्या कहना है। मैं और राकेश दोनों ही बॉस के सामने थे और जैसा राकेश ने मुझसे कहने को कहा, वैसा मैंने बॉस से कह दिया। बॉस ने चपरासी दीपक जो 60 वर्ष का था को बुला कर रूकने के लिये बोला, बेचारा बॉस के सामने कुछ भी न बोल पाया, पर हम दोनों के पास आकर अपनी परेशानी बताई
और बोला- जब भी आपका काम खत्म हो जाये तो मुझे कॉल कर देना, मैं तुरन्त आकर ऑफिस बन्द कर दूँगा।
मेरे बोलने से पहले ही राकेश बोल उठा- हाँ हाँ जाओ, पर समय पर आ जाना।
थोड़ी देर बाद पूरा ऑफिस खाली हो गया था, सबके जाने के बाद दीपक भी चला गया। सब के जाते ही राकेश ने मुझे पीछे से जकड़ लिया और मेरी गर्दन को चूमने लगा, मेरे कान को दांतों से काटने लगा और मेरी चूची को जोर जोर से दबाने लगा।
मैं उसकी गिरफ्त से निकलते हुये बोली- सिस्टम को रिपेयर भी करते चलो और जो भी तुमको मेरे साथ करना है वो करो, ज्यादा समय नहीं है, घर भी जाना है।
राकेश अपने कपड़े को उतारता हुआ बोला- चलो, तुम भी अपने कपड़े उतारो, अब ऑफिस में कोई नहीं है।
सेक्स करते हुए जब तक तक कि जिस्म पूरा नंगा न हो, मुझे मजा नहीं आता है। इसलिये राकेश के कहने पर मैंने भी अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए।
राकेश देखने में ही पतला दुबला था लेकिन उसका लटका हुआ लंड भी बड़ा तगड़ा लग रहा था।
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