RE: Antervasna मुझे लगी लगन लंड की
कपड़े उतारते हुए राकेश बोला- बेबी, आज जब तुम मेरा लंड अपनी चूत में लोगी तो तुम सभी लंड को भूल जाओगी!
कह कर एक सीडी निकाली, कम्प्यूटर पर लगा दी और कम्प्यूटर को इन्स्टॉलेशन पर कर दिया और मुझको अपने जिस्म में चिपकाते हुए मेरी पीठ और हिप पर हाथ फिराने लगा। मैंने भी राकेश को कस कर पकड़ लिया। वो मेरे दरार में भी अपनी उंगली को रगड़ता। राकेश के इस तरह करते रहने से मेरी जीभ स्वतः ही उसके निप्पल को चूसने लगी। जैसे ही मेरी जीभ ने राकेश को अपना कमाल दिखाना शुरू किया, वैसे ही राकेश के हाथ भी मेरे चूतड़ों को सहलाता, मेरी गांड में उंगली करता और मेरी छाती को कस कर मसलता था। मेरा हाथ और मुंह उसके निप्पल पर ही थे, मैं उसके दानों को दांतों से काट रही थी, वो हल्के से सिसकारी लेता और उतनी ही तेजी से मेरे जिस्म के जिस हिस्से में उसके हाथ होते वो कस कर मसल देता। मेरे और राकेश के बीच में जंग चल रही थी, मेरे हाथ उसके लंड को भी पकड़े हुए थे और अगर मेरे हाथों में उसके गोले आ जाते तो मैं उसको भी मसलने से नहीं चूकती और राकेश भी कुछ इसी तरह से मेरे साथ बदला लेता, वो मेरे चूत के अन्दर अपनी उंगली बड़ी ही बेदर्दी के साथ डालता और मेरे पुत्तियों को मसल देता और मेरी क्लिट को भी बुरी तरह नोचता।
सीत्कारें दोनों ही तरफ से हो रही थी और शायद इसमें हम दोनों को ही मजा आ रहा था। फिर राकेश मेरे होंठों को चूसने लगा और मेरी जीभ को अपने मुंह के अन्दर लेकर चूस रहा था। जब तक इन्स्टॉलेशन का पहला पार्ट चल रहा था, तब तक हम दोनों यही करते रहे, फिर राकेश ने सिस्टम को आगे की कमाण्ड देकर मेरी कमर को पकड़ कर वही खाली पड़ी हुई दूसरी कम्प्यूटर टेबल पर बैठा दिया और मेरी टांगों को फैला कर मेरी चूत को चूम लिया और फिर धीरे-धीरे सहलाने लगा। उसके बाद अपने उंगलियों पर खूब सारा थूक लिया, उसको मेरी चूत पर मल दिया और फिर चूत की दोनों फांकों को फैला कर अपनी जीभ चलाने लगा। जिस तरह से राकेश पिछले पंद्रह मिनट से मुझे मजा दे रहा था, उससे मैं झड़ने के काफी करीब आ गई थी और
सिसकारते हुए बोली- राकेश, मैं झड़ने वाली हूँ।
लेकिन राकेश ने शायद मेरी बात अनसुनी कर दी और जोर जोर से अपनी जीभ को मेरी चूत में चलाना चालू रखा। आखिरकार मैं अपने को रोक नहीं सकी और मेरा पानी छूटने लगा लेकिन राकेश को इसकी भी परवाह नहीं थी। वो मेरी चूत उसी तरह चाटता रहा और जब उसने मेरे निकलते हुए पानी की एक एक बूंद को चाट लिया तो वो खड़ा हो गया और मुझे उसी टेबल पर लेटा दिया और हल्के से मुझे अपनी तरफ खींच लिया, मेरी पीठ ही टेबल पर थी, बाकी का हिस्सा हवा में ही लटका हुआ था, राकेश ने अपने लंड को मेरी चूत में एक झटके से पेल दिया। राकेश का लंड वास्तव में तगड़ा और लम्बा था। भला हो जो मेरी चूत रोज रोज किसी न किसी का लंड जाता था, तो राकेश के तगड़े लंड का असर मुझे न हुआ। राकेश मेरी चूत को पेलता रहा और मैं कल्पना करने लगी कि राकेश अनचुदी लड़की का क्या करता होगा, निश्चित रूप से जो लड़की उससे पहली बार चुदती होगी, वो पक्का उसकी फाड़ कर रख देता होगा।
राकेश के धक्के समय के साथ-साथ और तेज होते गये और जितनी तेज उसके धक्के होते गये उतने ही तेज उसके और मेरे मुंह से 'उम्म्ह... अहह... हय... याह...' की आवाज आती जा रही थी।
तभी राकेश बोला- आकांक्षा मैं झड़ने वाला हूँ, अपना माल कहाँ निकालूँ? तुम्हारी चूत के अन्दर या फिर तू मेरे माल का स्वाद चखेगी?
राकेश के साथ चुदाई की शुरूआत से पहले तक मैं उसे पसन्द नहीं करती थी और न ही अपने पास फटकने देती थी, हाँ आज जिस तरह से उसने मुझे मजा दिया, मैं सब कुछ भुला बैठी और उठकर उसके लंड को अपने हाथ में लिया और बड़े प्यार से सहलाने लगी। अगर उस समय स्केल होती तो मैं जरूर नापती, लेकिन मुझे फिर भी लग रहा था कि कम से कम नौ इंच का तो होगा ही। मैंने उसके सुपारे पर अपनी जीभ रखी। पहले तो मुझे मेरे ही पानी का स्वाद मिला और फिर दो चार बार जीभ फेरने से उसके लंड ने फव्वारा छोड़ दिया, मेरा पूरा मुंह उसके वीर्य से भर गया था, कुछ बूंद मेरे चेहरे पर थी और कुछ मेरी दोनों चूचियों के ऊपर पेट पर और जमीन पर गिरी थी। उसके लंड से एक-एक बूंद निकल चुकी थी लेकिन लंड उतना ही टाईट था और एक बार और मेरी चूत की अच्छे से चुदाई कर सकता था। इधर सिस्टम भी फार्मेट हो चुका था और जरूरी सॉफ्टवेयर भी लोड हो चुका था। मैं अपने कपड़े पहनने लगी तो राकेश ने फिर मुझे पीछे से पकड़ लिया और एक राउन्ड के लिये और बोला लेकिन मुझे देर हो रही थी, सो उससे नेक्स्ट टाईम के लिये बोला तो वो भी मेरी बात को मान गया,
बस इतना ही बोला- आकांक्षा, तुम्हारी जैसी गांड आज तक मुझे देखने को नहीं मिली, बस पाँच मिनट रूको तो मैं तुम्हारी गांड को अपनी जीभ से थोड़ा सा गीला कर दूं!
उसकी बात सुनकर मेरी गांड में झुरझुरी सी होने लगी थी, मैं उसकी बात काट नहीं पाई, मैंने अपने ज़ींस को एक बार फिर जमीन पर गिरा दिया और उसी कम्प्यूटर टेबल पर अपने हाथों को टिका दिया।
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