RE: Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान
ओर फिर सतीश को ऐसा लगता है की उसके जिस्म का पूरा खून उसके लंड में जमा हो गया है. उसका लंड फ़ौरन लोहे की रॉड की तरहा एक दम से कड़क हो जाता है.
सानिया : "हाय मेरे शोना को कितनी मस्ती चढ़ी हुई है. मुझे जल्द से जल्द इसकी मस्ती उतारनी पडेगी."
ये कह के सानिया अपने बेटे के लंड को अपनी मुठी में ले के धीरे धीरे ऊपर निचे करने लगती है.
सतीश के लंड के सुपाडे पे प्रेकम उभर आता है. जिसे सानिया अपनी ऊँगली पे ले के चेक करके कहती है.
सानिया : हाय.. देखो तो मेरे बेटे के प्यारे लंड का प्रेकम कितना गाढ़ा है.
ओ मस्ती में उस प्रेकम को पूरे सुपाडे पे रगड़ने लगती है.
सतीश मस्ती में गौर से अपनी मम्मी की सेक्सी हरकतों को देख के मस्त हो रहा है.
सानिया अपने एक हाथ की मुठी में अपने बेटे के लंड को ज़ोर से दबाती है और दूसरे हाथ से अपने बेटे की वीर्य बनाने की फैक्ट्री यानि की गोटे से खेलने लगती है.
सानिया के हाथ पे अब अपने बेटे के लंड पे लगी जेली लग जाती है और उसका हाथ अपने बेटे के लंड पे बड़े आराम से फिसलने लगता है.
जीससे सानिया के हाथ सतीश के लंड पे बड़े आराम से फिसलने लगते है.
जैसे जैसे सानिया के हाथ की तेज़ी सतीश के लंड पे बढ्ने लगती है.
मस्ति में सतीश के मुह से भी उतनी ही तेज़ी से मस्ती भरी सिसकारी निकलने लगती है.
मम्मी ओह....हाय मम्मी.. बड़ा मज़ा आ रहा है तुम्हारे हाथों में तो जादु है माSSओSSमा हाँ ऐसे ही करती रहो.... और तेज़... थोड़ा और तेज़.... आह.... में तो जैसे मसती... के सातवे आसमान में उड़े... जा... रहा हु.....
अपने बेटे की बात सुन के सानिया को भी मस्ती चढ़ने लगी वो एक हाथ को तेज़ी से अपने बेटे के लंड पे ऊपर निचे चलने लगी और दूसरे हाथ से अपनी वीर्य छोडती चुत को मसलने लगी.
सतीश अब मस्ती में आके अपनी कमर आगे पीछे करते हुए अपनी मम्मी के हाथ में अपना लंड तेज़ी से आगे पीछे करने लगा.
मम्मी बेटे दोनों मस्ती में लंड के लाल सुपडे को हाथ में छुपते निकलते हुए मज़े से देख रहे है.
दोनो को ये पता है की ये उनके "नये रिश्ते" "नये प्यर" (सेक्स जीवन) की शुरुवात है.
उनहोने माँ बेटे के बीच "ईन्सेस्ट प्यार" को जगाया है.
सानिया : "कम ओन, बेबी,निकाल दो अपना सारा वीर्य अपनी मम्मी के उपर."
सतीश : "मा, क्या में... तुम्हारे.... स्तन छु सकता हूं....?
अपणे बेटे की बात सुन के सानिया बेटे के लंड को हिलाना और गोटे को मसलना छोर के अपनी नाइटी उतार देती है, अब वो अपने बेटे के सामने पूरी नंगी हो गयी.
सानिया : लो अब मेरी स्तन आज़ाद है अपने प्यारे बेटे के लिये. तुम मेरे स्तन दबा सकते हो, लेकिन तब तक जब तक तुम झड नहीं जाते
सतीश को अपनी मम्मी की हर बात हर शर्त मंज़ूर थी.
ओ अपने हाथ बढा के अपनी मम्मी के परफेक्ट साइज ३६डी के स्तन जो उसे अपनी मम्मी की ब्रा के टैग से पता चला था उन्हें दबाने लगा. मम्मी के निप्पल को चुटकी में ले के मसलने लगा.
बेटे के हाथ को अपनी स्तन पे मेहसुस कर के सानिया मस्ती में सिसकार उठि.
म्म्.. आह...
सानिया : "आज तुम मेरी स्तन को जी भर के दबा लो. किसी दिन में तुम्हे इनको चूसने दूँगी, अगर तुम चाहो तो?"
सतीश : "ओह, गॉड, मम्मी, येस, मैं शौक से इन्हे चूसूंगा. ओह्ह्, गॉड कहीं में सपना तो नहीं देख रहा, मेरे सामने मेरे प्यारी खूबसूरत और बेहद सेक्सी मम्मी नंगी बैठि मेरा लंड हिला के मुझे झड ने में हेल्प कर रही है और अपने स्तन मुझे दबाने दे रही है.
सानिया : नहीं मेरे बेटे, मेरे जाणु, तुम कोई सपना नहीं देख रहे हो, ये १०० परसेंट हकीकत है.
सतीश : ओह... मा, तुम्हे अपने सामने नंगी देख के, तुम्हारे स्तन दबा के और तुम से सेक्सी बात करके में झड़ने के करीब पहुँच गया हूं.
सानिया अपने बेटे का लंड तेज़ी से हिलाते हुए कहती है.
सानिया : "हा, मेरे बेटे, मेरे जाणु, कम, निकाल दो अपना सारा माल अपनी मम्मी के लिये. आज मेरे नाम पे अपने लंड को झड जाने दो.
सतीश : "मा, ओह... मम्मी आह... ओह... मम्मी में झड रहा हु.
सानिया : मैं भी.....
दोनो मम्मी बेटा साथ में झड ने लगते है.
सतीश के लंड से वीर्य की पिचकारी निकल के उसकी मम्मी की स्तन पे गिरती है. उसकी मम्मी का एक निप्पल अपने बेटे के वीर्य से भर जाता है.
अपने बेटे के लंड से निकलते हुए वीर्य को देख के सानिया का मुह मस्ती में खुल जाता है और वो अपने बेटे के लंड को और तेज़ी से हिलाने लगती है. सतीश के लंड से वीर्य की दूसरी पिचकारी निकल के अपनी मम्मी के चेहरे पे गिरती है. सतीश के लंड का बाकी वीर्य अपनी मम्मी के हाथों में भर जाता है.
पूरी तरहा झड़ने के बाद जब दोनों मम्मी बेटा शांत होते हैं तब सतीश अपनी मम्मी के चेहरे पर... निप्पल पर... और हाथ पर... गिरे अपने वीर्य को देखता है तो शर्मा जाता है.
सानिया : अरे नालायक. देख क्या हाल किया तू ने मेरा...?
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