RE: Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान
सतीश मोना की बात सुनके हडबडा जाता है.
सतीश : “म म म मैं तो बस............
अभी लगाता हु मेरा मतलब है दवा,
एक बात कहुँ दीदी”?
मोना : (मुस्कुराते हुए) “हाँ कहो .......!!
सतीश : “तुम बुरा तो नहीं मानोगी” ?
मोना : “नहीं कहोगे तो मानूंगी”.
सतीश : “तुम बहुत सूंदर हो बिलकुल एक एंजेल के जैसी,
हाथ लगने भर से मैली हो जाऒगी.
मैंने तुम्हारे जैसी खूबसूरत लड़की कभी नहीं देखि,
मेरा बस चले तो.............
मोना : “तो” ?
सतीश : “अपनी बीवी बना के अपने दिल में पूरी दुनिया से छुपा के रखू”.
मोना सतीश की बात सुन के शर्मा जाती है और उसका गोरा चेहरा शर्म से लाल हो जाता है.
वह सतीश से कहती है.
मोना : “मुझे मस्का मत लगाओ तुम्हे जो कहा है वो करो”.
सतीश फिर मोना के सीने के घाव को साफ़ करता है और उसका गीला ट्रैक निकाल के उसे नाइटी पहनाता है.
फिर उसे गोद में उठा के बेड पे लिटा देता है.
सतीश : “तुम आराम करो मैं तुम्हारे लिए नाश्ता बना के लाता हु”.
सतीश किचन में जा के नाश्ता तैयार करता है और बेड रूम में मोना के बेड के पास बैठ जाता है और अपने हाथ से बड़े ही प्यार से उसे नाश्ता कराता है. नाश्ते के बाद उसे ज़बर्दस्ती हल्दी वाला दूध पिलाता है.
सतीश का बेइन्तेहा प्यार देख कर मोना की आँखों में आँसु आ जाते है.
सतीश मोना के आँसु देख कर चोंक जाता है.
सतीश : “क्या हुआ दीदी, फिर से क्यों रो रही हो दर्द हो रहा है क्या”?
मोना : “नही”.
सतीश : “फिर” ?
मोना : “मेरा इतना ख़याल जो रख रहा है, तेरा प्यार देखकर आंखों में आंसू आगये”.
सतीश : “क्यूँ शर्मिंदा कर रही हो दीदी, मैंने तो कुछ भी नहीं किया,
ओर वैसे भी ये तो बस शुरुवात है, तुम देखति जाओ मैं आगे तुम्हे इतनी ख़ुशी दूंगा के तुम अपने सारे गम भूल जाऒगी”.
मोना : “तुम्हे किसने कहा के मुझे गम है”?
सतीश : “वो मैंने तुमम्हारी और मम्मी की बाते सुनली थी,तब मुझे पता चला मेरी दिदिने कितनी तकलीफे झेली है,और मैं कुछ नही कर सका,पर मैं अब तुम्हे इतना प्यार दूंगा की तुम सारा दुःख भूल जाओगी,
अब तुम आराम करो और सारी चिंता मुझ पे छोड़ दो”.
सतीश : “चलो दीदी अब आराम करो,चलो लेट जाओ”.
मोना : “भाई एक बात मुझे बता तू इतना अच्छा क्यों है?
मेंने आज तक तेरा इतना अच्छा रूप नहीं देखा था,तूझे मेरी कितनी फ़िक्र है,
आज तक मेरी इतनी फ़िक्र किसी ने नहीं की.
बहूत प्यारे हो तुम”.
सतीश : “किसने कहा मैं अच्छा हूं,
वह तो तूम खुद ही इतनी अच्छी और प्यारी हो की तुम्हे सब अच्छे लगते हैं,
तुमम्हारा चेहरा कितना मासूम है, कितना प्यारा है मेरी तो नज़र ही नहीं हटती तुम्हारे चेहरे से,दिल करता है के तूम सामने बैठि रहो और मैं तुम्हे देखता रहु,
कितनि प्यारी है मेरी एंजेल,
हा बिलकुल एक एंजेल के जैसी, नहीं एंजेल से भी अच्छी.एंजेल, मेरी एंजेल”.
मोना : “चल चल बस कर मुझे शर्म आ रही है. अगर तू इसी तरहा करता रहा तो..........!
सतीश : “तो क्या” ?
मोना : “तो ये मेरे भोले भाई मैं कहीं ख़ुशी में पागल ना हो जाऊं मुझे कहीं तुमसे प्यार ना हो जाये”.
सतीश : “अरे वाह इस से अच्छी और क्या बात होगी,मेरी एंजेल मेरी गर्ल फ्रेंड वॉव,
कही मैं सपना तो नहीं देख रहा के एक सूंदर नहीं बेहद सूंदर सी एंजेल को मुझ से प्यार है,
मैं तो दुनिया का सब से खुश नसीब इंसान हु”.
मोना : “ज्यादा खयाली पुलाव मत पकाव मैंने नहीं कहा के मुझे तुमसे प्यार है,
मैं तो यह कह रही हूँ के तेरी इन प्यारी हरकतों पे मुझे प्यार आ रहा है”.
सतीश : “चलो कोई बात नही, आज मेरी हरकतों पे तुम्हे प्यार आ रहा है,हो सकता है कल तुम्हे मुझ से प्यार हो जाये”.
मोना : “अरे ओ शेखचिल्ली होश में आजा,ओर दिन में सपने देखने बंद कर,ओर मुझे एक बात बता, के जब हम बाइक पे थे, और तेरी पैंट में मोबाइल था ही नहीं, तो वाइब्रेट क्या कर रहा था”?
यह कह के मोना मुस्कुराने लगती है.
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