RE: Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान
सतीशने मोना की पेन्टी नीचे की, मोना ने अपनी गांड थोड़ी ऊपर उठायी और पेन्टी निकाल दी, बिलकुल क्लीन वाइट कलर की सेक्सी गांड थी मोना की. दो उभरे हुये, बड़े बड़े नरम नरम बलून जैसी,
सतीश ने सोचा के कहीं वो ख्वाब तो नहीं देख रहा इतनी हसीन गांड इतना क्यूट पिंक गांड का सुराख उस के सामने वो भी उस की अपनी बहन का.
सतीश ने तेल उस की गांड पर मलना शुरू कीया.
मोना : “सतीश अच्छी तरहा से मालिश कर कोई भी कसर बाकी ना रहे,हर जगह की मालिश आज करनी है तुझे”.
फिर सतीश ने दोनों चूतड़ों को खोल कर मोना के गांड के गुलाबी सुराख को देखा और झुक के अपनी ज़बान से उसे चाट लिया.
जैसा ही मोना को अपनी गांड के छेद पे सतीश की जुबान महसुस हुई वो उछल पडी.
मोना : “छि..................सतीश वहा पे मत, वो गन्दी जगह है वहां से मैं टट्टी करती हु”.
सतीश मोना की बात को अनसुना कर अपनी ज़बान से पुरे गांड को चाटता है.
मोना : “सतीश दर्द वहां नहीं थोड़ा नीचे है”.
सतीश: “कहाँ ? मुझे नज़र नहीं आ रहा है”.
मोना: “ओके, मैं अपनी टाँगें खोलती हूँ, तू गौर से देख, नज़र आ जायेगा, छोटी वाली जगह है, बालों के घने जंगल के बीच”.
ओर मोना ने अपनी टाँगें खोली तो लाइट मे बिलकुल साफ़ नज़र आने लगी उस की प्यारी सी गुलाबी रंग की सॉफ्ट चूत.
जीस के एक मंज़र ने सतीश को पागल कर दिया.
सतीश ने बिना कुछ कहे फ़ौरन उसे चूम लिया,
सतीश को पागल कर दिया सो सतीश ने बिना कुछ कहे अपनी जुबान से चाटना शुरू केर दिया.
मोना की गांड से चुत तक अपनी जुबान फेरने लगा.
अब मोना की साँसें तेज़ हो गईं और वो खुद पर कण्ट्रोल नहीं कर पा रही थी और कह रही थी
मोना: “उफ्फ्फ भाई हाँ यहीं है दर्द, उफ्फ्फ अब कुछ सुकून मिल रहा है तुम कितने अच्छे हो, सतीश आई लव यू”
सतीश : “आई लव यु टु दीदी, मैं तुम्हारा हर दर्द निकल दूंगा जहाँ जहाँ दर्द है बताओ मुझे”.
ओर फिर सतीश उसकी चुत पे अपनी फिंगर से रब करने लगता है.
मोना : “सतीश ज़रा ज़ोर से रगड़ कर करो मालिश उस से मुझे सुकून मिलेगा, प्लीज भाई ज़ोर से हाँ ऐसे ही ज़रा फिंगर को ज़ोर लगा के रगड़ो ना प्लीज भाई अच्छा लग रहा है”.
सतीश ने अब मोना की क्लीट को रगडना शुरू कर दिया.
सतीश : “दीदी तुम्हे कैसा लग रहा है, अच्छा या बुरा और क्या दोबारा उस को रगडू, अगर तुम्हे अच्छा लग रहा है, तो तुम प्लीज माइंड ना करना मैं तुम्हारे लिए ही ऐसा कर रहा हु”.
मोना : “हाँ भाई अच्छा तो लग रहा है, लेकिन वो है क्या जिसको तुम रगड़ रहे हो”?
सतीश: “वो तुम्हारी चुत का सब से नाज़ुक हिस्सा है”
मोना : “मुझे नहीं पता था के ऐसे भी मज़ा लिया जाता है, मैं तो हवा में उड़ रही हु, तुम्हारी जुबान मे तो जादु है, तुमने आज दिल जीत लिया मेरा”.
सतीश : “मज़ा आ रहा है ना”?
मोना : “जीईई.................... अच्छा आआ..................... लग रहाआआ............ है..
मैं गईईई................”
मोना कापते हुए झड़ने लगती है.
ये सुनते ही सतीश मोना की चुत को अपने मुंह में भर लेता है और उसकी चुत से निकल रहे मीठे प्रेमरस को पीने लगता है.
ओर आखरी बूँद तक चाट के पी लेता है.
मोना मस्ती में आँखे बंद किये झड़ने का मज़ा ले रही थी की अचानक…...
सतीश ने मोना की गांड के गुलाबी सूराख को अपनी ज़ुबान से कुरेद के कहा.
सतीश : मोना क्या तुम्हारे इस सुराख में भी दर्द है तो बताओ मैं इसके अन्दर भी मालिश केर देता हूँ?
मोना: भाई सच बताऊँ तो है, लेकिन अन्दर कैसे मालिश करोगे आप क्या आयल वाली शीषी मीरे अन्दर डालोगे?
सतीश: नहीं बस देखति रहो मेरा कमाल का अन्दर आयल लगाना, लेकिन ज़रा अपने नीचे तकिया रख लो और अपनी गांड थोडी ऊपर कर लो.
मोना ने तकिया रखा और लेट गई अब उस के दिल की धड़कन तेज़ थी क्यों के आगे क्या होना है कुछ पता नहीं था बस इतना जानती थी के मज़ा लेना है कैसे?
जैसे भी बस मज़ा चाहिए था उस को.
|