11-17-2020, 11:54 AM,
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desiaks
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RE: Lockdown में सामने वाली की चुदाई
मैं समझ गया था कि वो याने की रति का पति उसके साथ, सेक्स चैट करना चाहता है...
मैंने कहा जी मैं जल्दी से आपका काम कर देता हूँ...
सॉफ्टवेयर तो कबका डाऊनलोड हो चुका था पर मुझे कुछ और देखना था...
अब आगे....
मैंने जल्दी से वो फोल्डर के सारे फ़ोटो देखें
तभी मैंने दूसरा फोल्डर खोला...
ओ बहनचोद, ये क्या इसका पति तो पूरा रंडी बाज है। अलग अलग लड़कियों और औरतों के साथ उनके नाजायज संबंधों के फोटो और वीडियो उसने इस फोल्डर में रखे थे।।।
बस अब मुझे मौका चाहिए था रति को अपने भरोसे में लेने का...
मैं - रति जी एक बात पुछु..?
रति - जी पूछिये...
मैं - आपके पति के साथ आपके संबंध कैसे हैं..?
रति - What.? ये क्या पूछ रहे है आप..?
मैं - Sorry मैने तो बस ऐसे ही पूछा...
रति - वो मुझसे बहुत प्यार करते है, मेरे अलावा किसी लड़की को देखते भी नही है। हम हमारी जिंदगी में बहुत खुश है...
मैं - बुरा ना माने तो एक बात कहु
रति - कहिये
मैं - एक बार आप अपने पति को आजमा जरूर लीजिये, क्योंकि...
रति - आप पागल हो गए है, मैने आपकी थोड़ी मदद क्या मांग की, आप मेरी निजी जिंदगी में क्यों दखल दे रहे हैं.?
मैं - Sorry, ये लीजिये आपका सॉफ्टवेयर डाऊनलोड हो गया..
यहाँ आप अपनी ID और Password डाल दीजिए और फिर आप अपने पति से वीडियो चैट पर वो सब कर सकेगी जो वो चाहते है... मेरी बात में एक ताना था...
रति - धन्यवाद, अब आप जा सकते है... रति के लहजे में गुस्सा था।
मुझे बुरा लगा, लेकिन यह सही समय नही था।।।।
करीब 30 min बाद, मेरे दरवाजे की बैल बजी
मैंने जैसे ही गेट खोला, रति आकर मेरे गले लगकर रोने लगी...
मैं कब ललित जी से ललित बन गया था मुझे पता ही नही चला...
रति - ललित तुम सही थे, मेरे पति ने मुझे धोखा दिया।।।
मैं - क्या हुआ.?
तुम्हारे जाने के बाद जैसे ही मैंने वीडियो कॉल के लिए लैपटॉप देखा तो डैस्कटॉप पर एक फोल्डर दिखा।।।
ओ बहनचोद, मैंने सोचा ये क्या लोचा हो गया। मैंने उस फोल्डर को देखने के बाद वापस hide नही किया था।
रति - उसमे मेरे पति के साथ बहुत सी लड़कियो और औरतों के चुदाई के फोटो और वीडियो हैं।
चुदाई शब्द सुनकर मेरे कान सुन्न हो गए।
आपको बता दु, रति अबतक मेरे गले लगी हुई थी। उसके बड़े बड़े बूब्स मुझे टच हो रहे थे। मैं उत्तेजित हो रहा था मगर मुझे रति की चिंता थी।
रति - क्या कमी है मुझमे जो उसे दूसरी औरतो की आवश्यकता लगी, क्या मैं हॉट नही हूँ, क्या मैं सेक्सी नही हूँ। उस नामर्द ने कभी मुझे संतुष्ट नही किया फिर भी मैंने कभी उससे शिकायत नही की..
रति गुस्से में पति की बुराई करती जा रही थी, मैं सुन रहा था।
कुछ देर बाद -
अब रोना बंद करो, और अंदर आओ...
मैंने उसे मेरे फ्लैट में बुलाया, और वो पलंग पर बैठ गई। मैंने रति को पानी दिया।
पानी पीने के बाद वो थोड़ी नार्मल हुई।।।
मैं उसे छोडूगी नही, आज उसे बताती हूँ।।।
मैंने सोचा अगर उसके पति को पता चल गया कि उसने इस फोल्डर को ओपन किया था वो समझ जाएगा कि यह फोल्डर उसने नही ढूंढा है बल्कि किसी एक्सपर्ट में उसे बताया है और वो समझ जाएगा कि ये मेरा काम है।
मैं - तुम ऐसा कुछ नही करोगी..
रति - क्यों नही करुँगी..?
मैं - देखो, इससे उसे कोई फर्क नही पड़ेगा। उसका बहुत लड़की के साथ चक्कर है वो किसी से भी शादी कर लेगा। लेकिन तुम्हारा क्या होगा.?
क्या तुम चाहती हो कि ऐसा कुछ हो...
रति - नही, लेकिन मैं उसे मजा चखाना चाहती हूँ.. बदला लेना चाहती हूँ उससे
मैं - कैसे
रति - वो उसे समय आने पर पता चल जाएगा..
कहकर रति उसके फ्लैट में चली जाती है।।।
मैं मेरे ऑफीस के काम की वजह से रति के बारे में नही सोचता।
6 बजे शाम को रति सीधे मेरे फ्लैट में आती है, गेट खुला होने की वजह से...
ललित 8 बजे हम साथ मे खाना खा रहे है, मेरे कुछ कहने से पहले ही कहकर चली जाती है।।।
मैं फिर काम मे लग जाता हूँ।।।
मैंने मेरा काम जल्दी निपटा दिया था।।।
मैं तैयार होकर रति के फ्लैट में गया तो क्या देखता हूँ।।।
रति ने सेक्सी शार्ट सी ड्रेस पहनी हुई है, उसके आधे बूब्स दिखाई दे रहे हैं।
रति बड़ी खुश होकर पूछती है, कैसे लग रही ही हूँ मै...
मैं - बहुत खूबसूरत
मेरा इतना कहते ही रति मेरे गले लग गई....
कुछ देर वो ऐसी ही गले लगी रही, उसके बाद
बैठो ललित
बताओ खाने से पहले क्या पियोगे....
मतलब.?
अरे, शराब कौनसी पियोगे...
मैं - जो आप चाहो...
रति एक शैम्पेन की बोटल ले आई, मैं सोचने लगा सीधे शैम्पेन...
रति - ये मेरे पति ने हमारी शादी के सालगिरह के लिए लाई थी। लेकिन आज हम इसे पियेंगे।
और रति ने उसे खोलकर पेग बनाना शुरू किया।
कुछ देर में रति को मदहोशी छाने लगी थी।
वो उठी और कहने लगी तुम्हे तीन पत्ती खेलना आता है
मैं - हाँ पर ये अचानक से तीन पत्ती बीच मे कहा से आ गया।।।
रति - तुम बस देखते जाओ...
रति उठी और वो ताश ले आई, उसने टेबल पर जगह करके कहा, सुनो गेम को थोड़ा इंट्रस्टिंग बनाते है।
यदि मैं गेम जीती तो तुम्हे वो करना होगा जो मैं कहूंगी, और तुम जीते तो मैं वो करुँगी जो तुम कहोगे।
लेकिन एक गेम में केवल एक ही बात कह सकते हैं।
मैं - ठीक है
शराब साथ साथ पीना शरू थी...
पत्ते बांटे और पहला गेम रति जीत गई।।
रति की खुशी का ठिकाना नही था, वो जोर से चिल्लाई
मैं जीत गई मैं जीत गई....
मैं - बताओ मुझे क्या करना हैं...
रति - अम्म्म, तुम अपनी टी शर्ट उतार दो
मैं - अच्छा... ठीक है
मैंने झट से टीशर्ट उतार दी
रति - अरे मैं तो मज़ाक कर रही थी।।
मैं - अब कोई मज़ाक नही
अगला गेम मैं जीत गया...
मैं - मैं तुमसे क्या कहूं
रति - कहो कहो, जल्दी कहो
मैं - तुम अपना शॉर्ट उतार दो
रति - नही, ये चीटिंग है
मैं - कोई चीटिंग नही है, मैंने भी तुम्हारी बात मानी थी।।।
रति - लेकिन...
मैं - जल्दी करो, बहाने मत बनाओ
रति अनबने मन से ऊपर का शॉर्ट उतार देती है।।
मैं उसे देखता रह जाता हूँ क्योंकि रति उस समय सिर्फ जालीदार ब्रा और पेन्टी में कयामत लग रही थी। वो अपने हाथो से बूब्स को ढकने की नाकामयाब कोशिश कर रही थी। लेकिन टेबल पर बैठने की वजह से मुझे उसकी पैंटी नही दिख रही थी।।।
पत्ते बांटने के लिए रति को हाथ हटाना ही पड़ा।
इस बार फिर से मैं जीत गया...
रति डर गई कि कही मैं उसे अब ब्रा उतारने का ना कह दु, लेकिन इस गेम में मुझे कोई जल्दबाजी नही थीं। मैं इस दिन को जिंदगी का सबसे यादगार दिन बनाना चाहता था।
रति (डरते हुए) - बताओ मुझे क्या करना हैं.?
मैं - मैं चाहता हूं हम आगे का गेम नीचे बिछे कालीन पर खेले..
रति - क्या..?
मैं - हाँ, कहना तो मानना पड़ेगा...
रति समझ गई कि मैं उसकी पेन्टी देखना चाहता हूं, इसीलिए ऐसा कह रहा हूँ। इस बार उसने बिना नखरों के झट से ताश और शराब का ग्लास उठाकर नीचे बैठ गई।
रति - आइये महाराज आपका हुक्म मान लिया है।
रति पैरो को मोड़े बैठी थी, जिससे उसके पैर एक दूसरे के ऊपर थे। मुझे उसकी बड़ी बड़ी गांड तो दिख रही थी लेकिन। चूत का उभार नही....
इस बार पत्ते मुझे बांटना थे, लगातार दो गेम जीते रति ने
रति - चलो जल्दी से जीन्स निकाल दो
रति - बनियान निकाल दो
अब दोनों तरफ टेंशन
मैं सिर्फ बॉक्सर में था
और
रति ब्रा और पेन्टी में
पत्ते बंटे और रति ने खुश होकर पत्ते दिखाए
तीन, चार, पांच
मैं जीत गई
मैंने जैसे ही पत्ते खोले तो पत्ते थे
ईक्का, बादशाह, बैगम
रति - ओ नो...
मैं - ओ यस
अब जल्दी से तुम अपने ब्रा को उतार दो
रति - नही ये ज्यादा हो जाएगा, कुछ और कहो
मैं - नही बिल्कुल नही, जो कहा है करो...
रति - प्लीज् ना ललित, मान जाओ कुछ और कहो
मैं - अच्छा तो एक काम करो मुझे एक फ्रेंच किस दो और जब तक मैं ना कहु हटना नही...
रति - अम्म्म, ठीक है कम से कम बूब्स तो नही दिखाने पड़ेगे...
मैं - लेकिन गेम चलता रहेगा, मंजूर
रति - मंजूर
मैं उठकर रति के पास गया और अपने होंठ रति के होंठ पर रख दिये। उसके होंठो के स्पर्श से मुझसे करंट सा लगा। उसके नर्म गुलाबी होंठ और उसकी खुशबू की मदहोशी मुझे स्वर्ग का अनुभव हो रहा था।
कुछ ही देर में मैं होंठो को खोलकर रति के जीभ से जीभ मिलाने लगा। मेरा एक हाथ रति की कमर पर
और दूसरा हाथ रति की गर्दन पर था।
बूब्स दबाने को लेकर मैं कोई जल्दी में नही था, समय का पूरा उपयोग और हर एक क्षण को जीने का मन मे बना चुका था।।
रति के बेकाबू होने से पहले एक लंबे से मदहोशी भरे फ्रेंच किस के बाद, मैंने रति को खुद से अलग किया।
मैं जानता था कि ताश के खेल को खत्म करके हम अपने जिस्म की भूख मिटा सकते है लेकिन जो खेल रति ने शुरू किया था उसे मैं बीच मे खत्म नही करना चाहता था।।।।
फिर से ताश का खेल शुरू हुआ और वही हुआ जो होना था, मैं फिर से जीत गया...
इस बार मैं जोर से हँसा
अब तो तुम्हारे पास कोई रास्ता नही है, जल्दी से ब्रा उतारो।। किस की मदहोशी में डूबी रति ने इस बार कोई आपत्ति नही जताई और धीरे से ब्रा खोलने का प्रयास किया। हुक ना खोल पाने की वजह से उसे दिक्कत हो रही थी।
मैं उठा और मैंने रति के ब्रा का हुक खोला और ब्रा हटाने से पहले जल्दी से सामने आ गया। मैं ब्रा हटाने के मजे को चूकना नही चाहता था।।
धीरे धीरे ब्रा के हटने से मेरे लंड ने झटके लेना शरू कर दिए। मैं सोच रहा था कही ये फट ना जाये।।।
फिर से गेम शरू हुआ और जीती रति
रति - मैं जीत गई, मैं जीत गई, मैं जीत गई
मैं - बताओ मुझे क्या करना है...
रति (हँसते हुए) – अब
अगला Update और भी गरम होने वाला है... बहुत जल्द फिर मिलते है....
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